Film Review : जब से बौलीवुड में हिंदी भाषा में फिल्में बननी शुरू हुई हैं तब से ही हौरर फिल्में भी बनती रही हैं. ये हौरर फिल्में कुछ तो सुनीसुनाई बातों पर आधारित होती थीं और कुछ में अंधविश्वासों के कारण भूतिया हवेली, चुड़ैल, बुरी आत्माएं और राक्षसी शक्तियों जैसे विषय शामिल होते थे. तांत्रिकों की वजह से लोगों में हौरर फिल्मों की कहानियों पर काफी प्रभाव पड़ा और लोग कहने लगे कि डायन के पांव उलटे होते हैं और उस का चेहरा अति डरावना होता है या फलां पेड़ पर भूत रहता है. ऐसी अंधविश्वासी बातों के कारण लोगों में भूतप्रेत, डायन आदि का खौफ फैलता गया जबकि वास्तव में भूतप्रेत, डायन आदि इंसान का वहम या डर होता है.
हौरर फिल्में बनाने वालों में रामसे ब्रदर्स का नाम टौप पर लिया जाता है. वर्ष 2000 में बनी ‘राज’ फिल्म को बौलीवुड के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ हौरर फिल्म के रूप में मान्यता मिली हुई है. बौलीवुड में हाल ही में ‘स्त्री 2’ और ‘मुंज्या’ शीर्षक से 2 और हौरर फिल्में बनी हैं. इन फिल्मों ने दर्शकों को डराने के साथसाथ कमाई भी तगड़ी की. इन फिल्मों को कौमेडी की गुदगुदाहट में लपेट कर परोसा गया था.
अब जानेमाने सीनियर ऐक्टर शत्रुघ्न सिन्हा और उन की बेटी अदाकारा सोनाक्षी सिन्हा के भाई कुश सिन्हा ‘निकिता रौय’ के रूप में एक ऐसी साइकोलौजिकल हौरर फिल्म ले कर आए हैं जो वास्तविकता और डिसइल्यूजन के बीच की बारीक परतें खोलती है. यह दर्शकों को डराने के साथसाथ उन की आंखों पर पड़ी अंधविश्वास की पट्टी भी उतार देती है. इस फिल्म को इस तरह बनाया गया है कि यह सोचने पर मजबूर करती है. इस फिल्म की कहानी भूतिया तो कतई नहीं है. यह अंधविश्वासों पर तीखी टिप्पणी तो करती है, साथ ही, यह ढोंगी और पाखंडी बाबाओं का परदाफाश भी करती है. यह फिल्म अंधविश्वास और सच्चाई के बीच के संघर्ष को दिखाती है.
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