जन्म और मृत्यु शाश्वत सत्य है. जो इस संसार में आया है, उसका जाना भी तय है. मगर कुछ लोग इस संसार से विदा लेने के बाद भी अपने कर्मों से ऐसी अमिट छाप छोड़ जाते हैं, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. ऐसे ही लोगों में चार दशक तक बौलीवुड में राज करने वाली अदाकारा व एकमात्र महिला सुपर स्टार श्रीदेवी भी हैं, जो कि सदैव अपने प्रशंसकों के दिलों में जीवित रहेंगी.
श्रीदेवी महज एक अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन नृत्यांगना और बेहतरीन पेंटर भी थीं. वर्तमान समय के कलाकार फिल्म में और अपने अभिनय में परफैक्शन की बात कर हर साल सिर्फ एक ही फिल्म में अभिनय करते हैं. इसके बावजूद इनकी फिल्में बौक्स औफिस पर फ्लौप हो जाती हैं.
जबकि श्रीदेवी ने अपने समय में एक साथ चार शिफ्टों में काम करते हुए चार चार फिल्मों की एक साथ शूटिंग की थी और उनकी यह चारों फिल्में सुपर हिट रही थी. खुद इस बात को श्रीदेवी ने कबूल करते हुए हमसे कहा था - ‘‘आज की तारीख में जिस ढंग से काम होता है, उस तरह का काम करने में इंज्वौयमेंट ज्यादा है. परफैक्शन की जो भूख है, उससे कलाकार को भी काम करने में इंज्वौयमेंट आता है.
जब मैं फिल्म ‘नगीना’ कर रही थी, उस वक्त मैंने एक साथ तीन नहीं बल्कि चार शिफ्टों में काम किया है. अब उस तरह से कोई कलाकार काम नही कर सकता. यह अच्छी बात है. मैंने ‘नगीना’ के साथ साथ ‘मिस्टर इंडिया’ के अलावा दो और फिल्मों की एक साथ शूटिंग की थी और यह सभी फिल्म सुपरहिट हुई थीं.’’
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