Sanjay Dutt Unheard Story : बॉलीवुड एक्टर ''संजय दत्त'' हमेशा से ही लोगों को अपनी एक्टिंग से हंसाते आए हैं. फिल्मों में अपने बेबाक अंदाज से उन्होंने खूब लाइमलाइट बटोरी है. हालांकि फिल्मों से ज्यादा वह विवादों में भी घिरे रहे हैं. वहीं साल 1993 में मुंबई में हुए धमाके ने 'संजय दत्त'' की जिंदगी बदल कर रख दी थी. दरअसल इस धमाके में ''संजय दत्त'' का नाम भी सामने आया था. उन पर आरोप थे कि उन्होंने 'अबू सलेम' और 'रियाज सिद्दीकी' से बंदूकों की अवैध डिलीवरी ली थी. साथ ही उन्हें अपने घर में रखा और नष्ट भी किया. हालांकि साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने टाडा अदालत के फैसले को सही माना और एक्टर को पांच साल की जेल की सजा सुनाई. जिसके बाद ''संजय दत्त'' ने 5 साल जेल में बिताए थे.

हालांकि जेल से बाहर आने के बाद वह (Sanjay Dutt Unheard Story) अपनी जिंदगी की एक नई शुरुआत कर चुके हैं. उन्होंने एक के बाद एक कई फिल्मों में काम किया हैं. हाल ही में वह ब्लॉकबस्टर फिल्म ''केजीएफ-2'' में भी नजर आए थे, जिसमें उनके किरदार को लोगों की खूब प्रशंसा मिली थी. वहीं जेल से बाहर आने के बाद अभिनेता संजय दत्त अपने फिल्मी सफर के साथ-साथ जेल में बिताए अपने उन दिनों पर भी खुलकर बात करते रहते हैं. हाल ही में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में एक बार फिर ''संजय दत्त'' ने अपनी जिंदगी से जुड़े कई खुलासे किए हैं.

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हवलदार ने एक्टर को दी थी ये सीख

इंटरव्यू में जब उनसे (Sanjay Dutt Unheard Story) पूछा गया कि, 'क्या उन 5 सालों में आपका कभी हौसला टूटा ?' तो इस पर 'एक्टर' ने जवाब दिया, ''नहीं. ऐसा कभी नहीं हुआ कि जेल में मेरा हौसला टूटा हो.'' इसी के आगे उन्होंने कहा, ''हालांकि एक बार जेल में मौजूद एक हवलदार ने मुझे सलाह दी थी. जो मेरे खूब काम आई. उस वक्त एक हवलदार ने मुझसे कहा था कि संजू बाबा अगर आप उम्मीद करना छोड़ दोगें तो जेल का समय चुटकियों में निकल जाएगा.'' इस पर मैंने उनसे बोला कि, 'मैं उम्मीद करना कैसे छोड़ दूं ?' फिर उन्होंने कहा, 'कोशिश तो करों.'

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