Pushpa 2 की सक्सैस ने अल्लु अर्जुन को पैन इंडियन स्टार बना दिया है. अल्लु को मास ऐक्टर के रूप में पहचान मिली है जो शाहरूख, सलमान, प्रभास, रजनीकांत जितनी कहीं है.
17 नवंबर को जब पटना, बिहार के गांधी मैदान में अल्लु अर्जुन अभिनीत तेलुगु भाषा की फिल्म ‘Pushpa 2 : द रूल’ का हिंदी में डब संस्करण का ट्रेलर लौंच कार्यक्रम संपन्न हुआ था तो इस कार्यक्रम में अपेक्षा के विपरीत 2 लाख से अधिक आम लोग पहुंच गए थे. उत्साह को देखते मंच से अल्लु अर्जुन ने झुकते हुए कहा था, ‘‘पुष्पा हरगिज नहीं झुकेगा साला... लेकिन आज आप के प्यार के सामने वह झुक गया.  मंच से अपनी फिल्म का ही संवाद दोहराते हुए अल्लु अर्जुन ने कहा था, ‘‘पुष्पा को फायर समझा है, फायर नहीं वाइल्ड फायर है...’’

फायर नहीं वाइल्ड फायर

 5 दिसंबर को भारत सहित पूरे विश्व के साढ़े 13 हजार स्क्रीन्स में तेलुगु के अलावा हिंदी, बंगला, तमिल, मलयालम व कन्नड़ भाषा में डब हो कर व विदेशों में इंगलिश सबटाइटल के साथ रिलीज होते ही ‘Pushpa 2’ की ऐसी आंधी चली कि इस ने अबतक फिल्मों की कमाई के सारे रिकौर्ड तोड़ दिए.
मजेदार बात यह है कि इस से पूरा बौलीवुड संकट में दिखाई दे रहा है. बौलीवुड के किसी भी कलाकार ने अबतक ‘Pushpa 2: द रूल’ या अल्लु अर्जुन को ले कर कुछ कहने की बजाए अपने मुंह पर ताला लगा रखा है.
फिल्म ‘Pushpa 2 : द रूल’ की इस सफलता का श्रेय अल्लु अर्जुन को ही दिया जा रहा है. यूं बहुत कम लोगों को याद होगा कि अल्लु अर्जुन और फिल्म के निर्देशक सुकुमार का संबंध 20 साल पुराना है. अल्लु अर्जुन ने 2004 में सुकुमार के निर्देशन में अपने कैरियर की दूसरी फिल्म ‘आर्या’ की थी.
उस के बाद से अबतक अल्लु अर्जुन ने सुकुमार के निर्देशन में कई फिल्में की हैं. वह अबतक अपनी झोली में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अलावा 6 फिल्मफेयर पुरस्कार और 3 नंदी पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों को डाल चुके हैं. उन की गिनती भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ नर्तकों/डांसरों में होती है. उन्हें ‘स्टाइलिश स्टार’ और ‘आइकन स्टार’ की पदवियां भी मिल चुकी हैं.
आज अल्लु अर्जुन की गिनती भारतीय सिनेमा में सब से अधिक कमाई करने वाले अभिनेताओं में होती है. 2014 में ही ‘फोर्ब्स इंडिया की सैलिब्रिटी 100 सूची में अल्लु अर्जुन का नाम जुड़ गया था.

फिल्मी माहौल में हुई परवरिश

फिल्म ‘Pushpa 2 : द रूल’ में अभिनय करने के लिए 300 करोड़ रूपए फीस लेने वाले 42 वर्षीय अभिनेता अल्लु अर्जुन का जन्म फिल्मी परिवार में ही हुआ था. तेलुगु सुपरस्टार चिरंजीवी, अल्लु के फूफा और तेलुगु अभिनेता तथा वर्तमान में आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण अल्लु के फुफेरे भाई हैं. हालांकि वंशवाद का ठप्पा सिर्फ बौलीवुड पर ही लगाया जाता है मगर साउथ में सभी कलाकार वंशवादी हैं.
अल्लु अर्जुन अपने मातापिता की 3 संतानों में दूसरे नंबर पर हैं. उन के बड़े भाई वेंकटेश उद्योगपति हैं. जब कि उन का छोटा भाई सिरीश भी अभिनेता है. अल्लु, अभिनेता राम चरण के चचेरे भाई हैं.
8 अप्रैल 1982 को चेन्नई में जन्मे अल्लु अर्जुन मशहूर तेलुगु फिल्म निर्माता अल्लु अरविंद के बेटे हैं, उन की मां निर्मला गृहिणी है. अल्लु के दादा प्रसिद्ध हास्य अभिनेता अल्लु रामलिंगैया थे, जिन्होंने 1000 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया.
वैसे उन के पूर्वज आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के पलाकोल्लू के निवासी हैं पर अल्लु का परिवार वहां से चेन्नई आ गया था और 1990 के दशक से उन का परिवार हैदराबाद में रह रहा है. अल्लु अर्जुन की प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई के सेंट पैट्रिक स्कूल में हुई. उस के बाद उन्होंने एमएसआर कालेज, हैदराबाद से बैचलर औफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री प्राप्त की.

चार साल की उम्र में किया अभिनय

यूं तो बौलीवुड के कई नेपोकिड की तरह अल्लु अर्जुन भी दक्षिण के नेपोकिड ही हैं, मगर जिस समय उन्होंने फिल्मों में एंट्री ली उस दौरान नेपोटिज्म नाम की बहस ही नहीं थी, बल्कि फिल्मों में स्टार्स के बच्चों की भरी डिमांड थी और फिल्में रिलीज से पहले ही चर्चा बटोर लेती थीं.
हालांकि फिल्मों में उन के अभिनय की शुरुआत उन्होंने महज 4 साल की उम्र में अपने पिता अल्लु अरविंद द्वारा स्वनिर्मित फिल्म ‘‘विजेता’ से बाल कलाकार के रूप में हो गई थी, जिस में अल्लु अर्जुन के फूफा चिरंजीवी हीरो थे. फिर 19 वर्ष की उम्र में उन के पिता अल्लु अरविंद ने ही स्वनिर्मित फिल्म ‘‘डैडी’’ में डांसर के रूप में अल्लु अर्जुन को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर दिया, इस फिल्म में भी उन के फूफा चिरंजीवी ही हीरो थे. यानी उन की झोली में फिल्में बिना संघर्ष के आती रहीं.

21 साल की उम्र में बने हीरो

फिल्मों में बतौर हीरो 21 साल की उम्र में उन के कैरियर की शुरूआत 2003 में उन के पिता अल्लू अरविंद और सी. अश्विनी दत्त निर्मित फिल्म ‘‘गंगोत्री’ से हुई, जिस का निर्देशन के राघवेंद्र राव ने किया था. फिल्म ‘गंगोत्री’ के रिलीज होने के बाद उन के अभिनय की प्रशंसा हुई मगर उन के लुक की आलोचना करते हुए आइडलब्रेन के जीवी ने कहा था, ‘‘अर्जुन को ऐसी भूमिकाएं चुननी चाहिए जो उन की ताकत को बढ़ाए और उन की कमजोरियों को खत्म करे.’’

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