बॉलीवुड में हमेशा  पूर्वोत्तर भारत की उपेक्षा की जाती रही है.पूर्वोत्तर भारत से आने वाले कलाकारों को बॉलीवुड में कभी भी अहमियत नहीं मिली.जबकि पूर्वोत्तर भारत खासकर असम ने दिपानिता शर्मा, परिणीता बोरठाकुर,प्लाबिता बोरठाकुर, आदिल हुसेन सहित कई बेहतरीन कलाकार दिए है.पूर्वोत्तर भारत के प्रति बॉलीवुड उदासीन रवैए के ही चलते अभिनेत्री दिपानिता शर्मा को बहुत ज्यादा काम नही मिला.जबकि दिपानिता शर्मा ने ‘16 दिसंबर’, ‘दिल विल प्यार व्यार’ ,‘असंभव’,‘जोड़ी बे्रकर’,‘टेक इट इजी’,‘काफी विथ डी’ और ‘वार’सहित कई फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाया है.

बहरहाल,अब दिपानिता शर्मा ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए बतौर निर्माता एक मनोवैज्ञानिक रोमांचक फिल्म‘‘पीपर चिकन’’का निर्माण किया ैहै,जिसके निर्देशक रतन सील शर्मा हैं.इस फिल्म में दिपानिता शर्मा ने स्वयं बोलोराम दास, बहारुल इस्लाम, रवि सरमा और मोनूज बोरकोतोकी के साथ अभिनय भी किया है.इस फिल्म का प्रदर्शन छह नवंबर से ‘‘शेमारूमी बाक्स ऑफिस’’ पर होगा.

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असम के प्राचीन जंगलो में फिल्मायी गयी इस फिल्म की कहानी के केंद्र में कार सवारी है.जिसमें कैब ड्राइवर और सवारी के बीच मनोवैज्ञानिक स्तर पर चूहे बिल्ली का खेल शुरू हो जाता है और कई रोमांचक घटनाएं घटित होती हैं.

इस फिल्म के किरदार को लेकर अभिनेत्री व निर्माता दीपानिता शर्मा कहती हैं-“मेरा किरदार पूरी फिल्म में भावनाओं से भरा है. उसकी यात्रा काफी सशक्त है और यह एक ऐसी भूमिका थी जिसे मैंने पूरी तरह से सराहा था. यह न केवल अभिनय करने के लिए बल्कि निर्माण के दृष्टिकोण से भी बहुत जिम्मेदारी है, लेकिन यह तथ्य कि पीपर चिकन अब शेमारू बॉक्स मी बाक्स ऑफिस पर रिलीज हो रही है.यह वास्तव में मेरे दिल के करीब हैं.भारत के उत्तर पूर्वी हिस्से में बेहतरीन प्रतिभाओं द्वारा बनाई गई एक जुनूनी फिल्म है”

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मशहूर रंगकर्मी और फिल्म ‘कारवां’ में नजर आ चुके अभिनेता बोलोराम दास इस फिल्म के अपने किरदार की चर्चा करते हुए कहते हैं-‘‘अभिनेता हमेशा अच्छी भूमिकाओं की तलाश में रहता हैं,जो उन्हें कलाकार के रूप में चुनौती देते हैं.इस दृष्टिकोण से ‘पीपर चिकन’ एक ऐसी फिल्म थी,जिसका मुझे हिस्सा बनना था. यह एक दुष्ट और कुटिल कथा है।मैं सतह पर बस एक ड्राइवर की तरह लग सकता हूं, लेकिन जैसा कि कहानी सामने आती है, अप्रत्याशित की उम्मीद करते हैं’’

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असम के भयावह जंगलों में फिल्म की शूटिंग करना कलाकारों के लिए सहज नही था.खुद अभिनेता बोलाराम कहते हैं-‘‘हमारी फिल्म की अस्सी प्रतिषत षूटिंग रात में हुई है.हमारी शूटिंग का अंतिम दिन था.हम वाइल्ड लाइफ सेंचुरी,असम में शूटिंग कर रहे थे.जंगल के बीचो बीच मेरे व दिपानिता के बीच एक्षन दृष्य फिल्माया जा रहा था.पूरी टीम ने सुरक्षा के लिए बिस्तर बिछाकर पत्ते डाल दिए थे.शूटिंग शुरू होने से पहले जैसे ही लाइट जलायी गयी,हमने देखा कि उस बिस्तर पर एक बड़ा सा सांप बैठा हुआ है,जिस पर एक्षन दृष्य की शूटिंग करते हुए हमें गिरना था.यदि किसी की नजर सांप पर न पड़ी होती,तो बहुत बुरा हो सकता था.क्योंकि नजदीक में कोई अस्पताल भी नही है.’’

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