इन दिनों फिल्मकार राम कमल मुखर्जी के पैर जमीं पर नहीं पड़ रहे हैं. इसकी मूल वजह यह है कि उनकी फिल्म ‘‘एक ट्रिब्यूट टू रितुपर्णो घोष सीजंस ग्रीटिंग्स’’  पहली भारतीय फीचर फिल्म बन गयी है, जिसके साथ संयुक्त राष्ट्र ने स्वतंत्रता और समानता के तहत हाथ मिलाया. लेखक व निर्देशक राम कमल मुखर्जी की यह दूसरी फिल्म है. इससे पहले इस साल की शुरुआत में ईशा देओल अभिनीत लघु फिल्म केकवाक के निर्देशन से अपनी शुरुआत की थी.

फिल्म ‘‘सीजन्स ग्रीटिंग’’ से बौलीवुड अभिनेत्री सेलिना जेटली हाग की शादी और मातृत्व के बाद वापसी कर रही हैं. इस फिल्म में नवोदित कलाकार अजहर खान भी हैं. अनुभवी थिएटर और फिल्म स्टार लिलेट दुबे ने सेलिना की औन- स्क्रीन मां की भूमिका निभायी हैं. जबकि यह फिल्म बौलीवुड में एक ट्रांसजेंडर अभिनेता श्री घटक की पहली फिल्म है.

ये भी पढ़ें- टीजर आने के साथ ‘‘लाल कप्तान’’ ने रचा इतिहास

फिल्म ‘‘सीजंस ग्रीटिंग्स’’ की कहानी मां सुचित्रा (लिलेट दुबे) और बेटी रोमिता (सेलिना जेटली) के रिश्ते से संबंधित है. जब अपने ब्वायफ्रेंड उस्मान (अजहर खान) के साथ मुंबई में ‘लिव इन रिलेशनशिप’ रह रही रोमिता (सेलिना जेटली) अपने ब्वायफ्रेंड उस्मान को अपनी मां सुचित्रा से मिलवाने कलकत्ता पहुंचती है, तो रात्रिभोज के वक्त कहानी में अप्रत्याशित मोड़ आ जाता है. रितुपर्णो घोष की हर फिल्म की तरह, फिल्म ‘सीजंस ग्रीटिंग्स’ एक मानवीय भावनाओं के साथ विभिन्न भावों में व्यवहार करती है.’’

कोलकाता में सुंदर स्थानों पर फिल्मायी गयी इस फिल्म को संयुक्त राष्ट्र के सामने स्कैनिंग की परतों से गुजरना पड़ा और जिनेवा से उनकी टीम ने आधिकारिक तौर पर सामाजिक कारणों से सहयोगी बनने का फैसला लिया.संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक बयान में कहा गया है- ‘‘हमें निर्देशक राम कमल मुखर्जी की भारतीय फीचर फिल्म ए ट्रिब्यूट टू रितुपर्णो घोषः सीजंस ग्रीटिंग्स’  को ‘युनाइटेड नेशन के फ्री एंड इक्वल- ग्लोबल’’ के लिए समर्थन करते हुए खुशी हो रही है. यह दुनिया भर में मौजूद ‘एलजीबीटीक्यूाआईए’ के लोगों के लिए समानता का अभियान है. हम अनुभव से जानते हैं कि इस तरह की फिल्में उन वार्तालापों को शुरू करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.हम समानता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए राम कमल और उनकी टीम के साथ काम करने को तत्पर हैं. भारत में एलजीबीटी कम्यूनिटी के लोगों को जिस तरह से जिंदगी जीने के लिए समान सेक्स संबंधों की स्वीकृति मिली है, उससे संबंधित कुछ मुद्दों पर यह फिल्म बात करती है.’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...