तुर्की में 1513 ईस्वी के आसपास एक नक्शा तैयार किया गया था, जिसे तैयार किया था पिरि रीस ने. वे औटोमान साम्राज्य में नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी थे. यही कारण था कि नक्शे को पिरि रीस का नक्शा कहा जाता है. रीस एक महान सैनिक अफसर थे, जिन्होंने अपने सुलतान के लिए कई युद्ध जीते थे. वे भूमध्यसागर के हर हिस्से से बखूबी परिचित थे और उन्होंने नाविकों के लिए भी एक पुस्तक लिखी थी.
इस पुस्तक में भूमध्यसागर के हर इलाके और बंदरगाह का सुंदर विवरण है. किसी बात पर तुर्की का सुलतान पिरि रीस से नाराज हो गया और उन की गरदन कटवा दी. ये घटना 1554 की है.
रीस ने जो नक्शा तैयार किया था, उस में कुछ ऐसे स्थान भी हैं, जिन का उस समय पता नहीं था. उन के तैयार किए गए नक्शे में अफ्रीका का पश्चिमी किनारा नहीं दिखता, नक्शे में अंटार्कटिका का उत्तरी किनारा भी दर्शाया गया है. अंटार्कटिका को दर्शाया जाना काफी रहस्यात्मक है क्योंकि अंटार्कटिका की खोज 1818 में हुई थी. क्वीन मौड लैंड का बर्फ रहित स्थान दिखाना भी आश्चर्यजनक है, क्योंकि आज से 6000 साल पहले यानी 4000 ईसा पूर्व में यह जगह बर्फ से नहीं ढकी थी. यहां पहले कभी न तो किसी तरह का भूमि सर्वेक्षण हुआ था और न ही कोई नक्शा बनाया गया था.
पिरि रीस ने इस नक्शे को तैयार करने के बाद यह साफसाफ लिखा है कि नक्शे को तैयार करने में उन्होंने उन नक्शों का सहारा लिया जो पहले से मौजूद थे. रीस के अनुसार उन्होंने इस जगह का कोई सर्वेक्षण नहीं किया, न ही नक्शे में किसी नए स्थान को दिखाया. पिरि रीस ने कोलंबस व अन्य नाविकों के बनाए नक्शों की मदद ली थी.
प्रोफेसर चार्ल्स एच. हैपगुड ने 1963 में पिरिरीस के इस नक्शे की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की. हैपगुड ने कहा कि पिरि रीस ने जिन नक्शों की मदद ली, उन में से कुछ 400 ईसापूर्व से भी पहले के थे. इस से पता चलता है कि 4000 ईसापूर्व से पहले भी किसी सभ्यता ने इस दुनिया का सर्वेक्षण किया होगा. हो सकता है कि ये सूचना एक पीढ़ी से दूसरी तक पहुंचती रही हो. यह भी एक सत्य है कि प्राचीन काल में भी रोम, यूनान, भारत और चीन की सभ्यताएं समुद्री व्यापार करती थीं और समुद्र तट पर तमाम बंदरगाह भी होते थे.
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सिकंदरिया के विशाल पुस्तकालय में भी तमाम नक्शे मौजूद थे. हो सकता है कि तमाम नाविक उस समय अंटार्कटिका गए हों, जब वह बर्फ से न ढका रहा हो. प्रोफेसर हैपगुड के कार्य की प्रशंसा आइंस्टीन तक ने की थी. इस के बाद भी उन के इस काम पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, न ही इसे आगे बढ़ाया गया.
अंटार्कटिका 4000 ईसापूर्व से पहले बर्फ से नहीं ढका था, क्योंकि यह इलाका काफी गर्म था. पिरि रीस ने जो नक्शा तैयार किया, वह 1929 में मिला था और इसे हिरन की खाल पर पेंट कर के बनाया गया था. सिर्फ अंटार्कटिका ही नहीं, इस नक्शे में कई अन्य रहस्य भी हैं. नक्शे में अमेजोन नदी को पारा नदी के मुहाने से बहता दिखाया गया है और इस में माराजो द्वीप भी नहीं दिख रहा यानी पिरि रीस ने जो स्रोत लिया, वह 15 हजार साल पुराना रहा होगा.
हद तो यह थी कि नक्शा 1513 में बना पर माराजो द्वीप की खोज 1543 में हुई थी. यानी किसी प्राचीन सभ्यता ने इस द्वीप को न सिर्फ खोजा वरन इस का पूरी तरह सटीक नक्शा भी बनाया. पिरि रीस में कई अन्य द्वीप भी नजर आते हैं, पर आज ये नहीं दिखते यानी समय के साथ ये समुद्र में समा गए.