अन्य लड़कियों की तरह अमिता रजानी भी चाहती थी कि वह अपनी पसंद के नएनए फैशन के कपड़े पहने, अपने रिश्तेदारों और जानपहचान वालों के यहां होने वाले शादीविवाह के कार्यक्रमों में शामिल हो कर एंजौय करे. लेकिन चाहते हुए भी वह ऐसा नहीं कर पा रही थी. इस की वजह थी उस का मोटापा. वह इतनी मोटी थी कि तमाम लोग उस का मजाक उड़ाते थे. उस का वजन था 300 किलोग्राम.
जाहिर है 300 किलोग्राम का इंसान अपने काम खुद नहीं कर सकता. अमिता का भी यही हाल था. काम करना तो दूर उस से ढंग से चला तक नहीं जाता था. वह बिस्तर पर या सोफे पर बैठी रहती थी. बैठेबैठे वह लैपटौप पर शेयर मार्केट से जुड़े काम करती थी. अमिता के काम करने में उस की मां ममता रजानी बहुत सहयोग करती थीं.
ऐसा नहीं है कि अमिता रजानी बचपन से मोटी थी. बचपन में अन्य बच्चों की तरह वह भी सामान्य थी लेकिन जैसेजैसे उस की उम्र बढ़ी, उस का वजन भी बढ़ता गया. जबकि वह बाजार की चीजें भी कम ही खाती थी. नतीजा यह निकला कि 16 साल की उम्र में उस का वजन 126 किलोग्राम हो गया था.
छोटी उम्र में इतना वजन बढ़ने पर उस के घर वाले भी परेशान हो गए. उन्होंने उसे ऐसा खाना देना शुरू कर दिया, जिस में कम वसा हो. लेकिन उस के वजन पर कोई फर्क नहीं पड़ा. स्कूल में तमाम बच्चे उस का मजाक उड़ाते थे. कई बच्चे तो उसे मोटी कह कर बुलाने लगे थे. अमिता मुंबई के वसई इलाके में रहती थी. अपनी कालोनी में भी वह मोटी के रूप में जानी जाने लगी थी.