वैशाली ने एमबीए की पढ़ाई करने के लिए एक बड़े शहर के कालेज में ऐडमिशन लिया. वह शहर उस के लिए अनजान था. शुरुआत में वह एक हफ्ते होटल में रुकी. इस बीच उस ने स्थानीय अखबार में विज्ञापन दिया कि एक कमरा व किचन वाला फ्लैट किराए पर चाहिए. उस के पास कई मकानमालिकों के फोन आए. इन में से कालेज के नजदीक वाले मकान को उस ने पसंद किया.10 हजार रुपए मासिक किराया तय हुआ.
उस मकान में तमाम सुविधाएं तो थीं, लेकिन मकानमालिक के दोनों लड़कों का चरित्र अच्छा नहीं था. वे वैशाली से नजदीकी बढ़ाना चाहते थे. जब वैशाली ने उन्हें लिफ्ट नहीं दी, तो दोनों ने उसे अकसर परेशान करना शुरू कर दिया. उस के बाद वैशाली ने उस मकान को छोड़ दिया.
मीनल अविवाहित है. पिछले वर्ष उस की सरकारी नौकरी उस शहर में लगी जिसे उस ने कभी देखा नहीं था, और न ही वहां उस का कोई सगासंबंधी था. नौकरी जौइन करते ही उस ने अपने सहकर्मियों से मकान तलाशने को कहा. एक सहकर्मी ने उसे अपने मकान में एक कमरा देने की पेशकश की, तो वह तैयार हो गई. उसे मालूम नहीं था कि जहां वह मकान है, वह बदनाम महल्ले के करीब है. ऐसे में लोग उसे चरित्रहीन मानने लगे और उस पर कमैंट करने लगे. मजबूर हो कर उसे वह घर छोड़ना पड़ा.
जब कोई लड़की या महिला अपनी पढ़ाई या नौकरी की वजह से अनजान शहर में जाती है तो जरूरी नहीं कि वहां उस का कोई परिचित, रिश्तेदार हो जो मकान ढूंढ़ने में उस की मदद कर सके. ऐसे में जहां शहर और लोग दोनों अजनबी हों, मकान ढूंढ़ पाना बड़ा कठिन होता है. यदि मिल भी जाए, तो वह हर तरह से सुरक्षित होना चाहिए, वरना खतरों से घिरा मकान लेने से कभी भी कुछ भी हादसा हो सकता है.
कई बार महिलाएं जल्दबाजी में गलत मकान को चुन लेती हैं. सोचती हैं कि जब कोई अच्छी जगह मिल जाएगी तो बदल लेंगी.
ऐसा न करें चूंकि आप को वहां अकेली रहना है, इसलिए सोसायटी या महल्ला अच्छा होना चाहिए. गुंडेमवालियों की सोसायटी में चाहे जितना सस्ता मकान मिले, नहीं लेने में ही भलाई है. हाई सोसायटी वाली जगह किराया भले ही अधिक होता है, लेकिन वहां रहना सुरक्षित होता है.
आप को किसी भी कालोनी में मकान तलाशने के पहले उस कालोनी के बारे में पता लगा लेना चाहिए कि वहां किस तरह के लोग रहते हैं. वहां महिलाओं के लिए माहौल कैसा है? वह सुरक्षित है या नहीं. इसी प्रकार, यह पता लगा लें कि उस जगह के लोग चोर, उचक्के, झगड़ालू प्रवृत्ति के तो नहीं हैं.
यदि आप पढ़ाई की वजह से अनजान शहर में जा रही हैं तो उस कालोनी में मकान लें जहां से आप का कालेज नजदीक हो, आनेजाने के साधन हों. यदि आप अपने वाहन से जाना चाहें तो बात अलग है.
किराए पर मकान लेते समय पहली बार में ही सभी बातों को खुलासा कर लें. मसलन, किराया कितना होगा, एडवांस कितने महीनों का देना होगा, किराए में कौनकौन सी सुविधाएं शामिल होंगी. इस के अलावा, मकानमालिक से शर्तें भी पूछ लें. कई बार मकानमालिक अपने किराएदारों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाते हैं, जैसे रात 10 बजे के बाद दरवाजे नहीं खोलते. कुछ मकानमालिकों को अकेली रह रही लड़कियों या महिलाओं के कमरे में लड़कों या पुरुषों का आना रास नहीं आता. सो, किराए का मकान लेने से पहले हर बात पर गौर कर लें ताकि बाद में पछतावा न हो.