कई दिन से खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण से दिल्ली व एनसीआर के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग का मानना है कि दिल्ली व इस के आसपास हवा की गति काफी कम है. ऐसे में आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में ही रहेगा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी के प्रदूषण मौनिटरिंग स्टेशनों में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 448 दर्ज किया गया. सीपीसीबी ने खतरनाक प्रदूषण के चलते लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है. कुल मिला कर दिल्ली दिनोदिन गैस चैंबर में तब्दील हो रही है.
इस बीच, दिल्ली में प्रदूषण से बिगड़ते हालात पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उन की सरकार इस पर इस समस्या से नजात पाने के लिए अहम कदम कदम उठा रही है. वह राजधानी में पौधरोपण करने के साथ ही 3 हजार इलैक्ट्रिक बसें खरीदने की भी योजना बना रही है, जिस से बढ़ते प्रदूषण पर काफी हद कर रोक लग पाएगी. लेकिन सरकार चाहे वह राज्य की हो या केंद्र की बस, खोखली घोषणाएं कर के भूल जाती हैं. उन पर कठोरता से अमल नहीं करतीं, यदि सरकारें इन पर सख्ती बरतती तो आज ऐसे हालात पैदा नहीं होते. अभी कुछ साल पहले दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को यातायात को सुचारू करने के लिए औड इवन स्कीम शुरू की थी, लेकिन कुछ दिन चलाने के बाद उसे फिर रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया. यदि वह इसे सुचारू रूप से जारी रखती तो काफी कुछ प्रदूषण में कमी आ सकती थी, मेट्रो ने भी बढ़ते प्रदूषण को रोकने में काफी योगदान दिया है.
पश्चिमी विक्षोभ ने बिगाड़ा खेल
मौसम वैज्ञानिकों का मानना अभी उत्तर-पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, पश्चिमी हरियाणा व दिल्ली में पश्चिमी विक्षोभ का असर है. इस से दिल्ली व एनसीआर में हवा की रफ्तार में कमी आई है. अभी 5 से 7 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल रही है. आमतौर पर दिसंबर में बारिश होती थी, लेकिन इस बार बारिश न होने के कारण प्रदूषण में बढो़तरी हुई है. आने वाले दिनों में अब प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है, क्योंकि हवा 15 से 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी.
दिल्लीएनीसीआईर में निर्माण कार्यों पर लगी रोक
बढ़ते प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली व एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम नियंत्रण प्राधिकरण यानी ईपीसीए ने औद्योगिक क्षेत्रों को बंद करने का आदेश जारी किया है. वजीरपुर, मुंडका, नरेला, बवाना, साहिबाबाद, फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों में चल रहे सभी उद्योगों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है. वहीं सभी निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है.
प्रदूषण के खिलाफ निगम की कार्यवाही
संबंधित एजेंसियों को अवैध उद्योगों पर सख्त कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हैं. यातायात पुलिस को जाम से मुक्त कर ट्रैफिक संचालित करने के लिए विशेष टीमें तैनात करने के भी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही पुलिस विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि भारी भरकम ट्रक ईस्टर्न और वैस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रैस-वे से ही गुजरें.
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दिल्लीएनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली तमाम गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी. इस में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक रहेगी और नियमों के उल्लंघन करने वालों पर भारीभरकम जुर्माना लगाने के साथ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी. साथ ही निर्देश दिया गया है कि दिल्ली व उस के सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ पुलिस सघन अभियान चलाए, दिल्ली व एनसीआर की कोयला और बॉयोमास से चलने वाली तमाम औद्योगिक इकाइयों को बंद रखा जाए. बीते दिनों से दिल्ली का प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. पीएम 2.5 का स्तर 300 माइक्रो ग्राम क्यूबीक मीटर (एमजीसीएम) से ज्यादा और पीएम 10 का स्तर 500 एमजीसीएम से ज्यादा पहुंच गया है. सभी निकायों और संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी खुले में कचरा जलाता हुआ
सीपीसीबी की सलाह
सीपीसीबी ने दिल्ली व एनसीआर के निवासियों को सलाह दी है कि वे प्रदूषण के दौरान कम से कम यात्रा करें. अगर इस दौरान यात्रा जरूरी हो तो निजी वाहनों से विशेष कर डीजल वाहन के इस्तेमाल से बचें. जितना संभव हो, सार्वजनिक वाहन का ही प्रयोग करें, जिस से प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी.
मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण के स्तर में काफी इजाफा हो सकता है. दिल्ली को इस बढ़ते प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी ने कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है.
सीपीसीबी ने लोगों को सलाह दी है कि अस्थमा के मरीजों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है. अगले 3 से 5 दिन तक प्रदूषण से राहत नहीं मिलेगी. मौसम इस समय काफी ठंडा है. इस की वजह से हालात ज्यादा बिगड़े हुए हैं.
क्यों बढ़ा प्रदूषण का स्तर
प्रदूषण विशेषज्ञों ने बताया कि दिल्ली में एक ही जगह पर प्रदूषित कण जमा होने लगे हैं जिस की वजह से प्रदूषण मौनिटरिंग स्टेशनों में पीएम 2.5और पीएम 10 का स्तर ज्यादा बढ़ रहा है. इस का मुख्य कारण है कि सुबह से ले कर शाम तक हवा सामान्य गति से चल रही है. साथ ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में इन दिनों न्यूनतम तापमान भी कम दर्ज किया गया है. इस का अर्थ है कि तापमान कम होने से हवा में जो नमी है उस के साथ प्रदूषित कण घुल रहे हैं जिस वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है.