उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 25 किलोमीटर दूर मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक अम्बरीश सिंह पुष्कर ने छुट्टा जानवरों से खेती किसानी को होने वाले नुकसान से बचाने के लिये कई बार प्रशासन को पत्रा लिखा.

विधानसभा सदन के दौरान इस मुददे को योगी सरकार के सामने भी उठाया. हर बार यह कहा गया कि पशुओं के लिये हर गांव में मैदान चिन्हित कर लिये गये हैं. एक साल से अधिक समय हो गया योगी सरकार ने छुट्टा जानवरों को लेकर कोई समाधन नहीं निकाला. किसान परेशान हैं. कई बार किसानों ने स्कूलों में ऐसे जानवरों को बंद किया.

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मोहनलालगंज के विधायक अम्बरीश सिंह पुष्कर कहते हैं,’ब्लाक और तहसील का प्रशासन कई बार कहने के बाद भी कुछ नहीं कर रहा ऐसे में अब यह फैसला किया गया कि किसान ऐसे जानवरों को लेकर आयें और ब्लाक परिसर में ही छोड़ दें. 27 दिसम्बर की सुबह जब किसान ऐसे जानवरों को छोड़ने के लिये ब्लाक आने लगे तो प्रशासन ने ब्लाक परिसर को बैरीकेडिंग करके बंद किया. किसानों पर लाठी चार्ज करके उनको भगा दिया.’

विधायक अम्बरीश सिंह पुष्कर कहते हैं ‘एक तरफ तो सरकार छुट्टा जानवरों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही. दूसरी ओर जब किसान अपनी बात कह रहा है, तो उस पर पुलिस लाठी चला रही है. ऐसी तानशाह सरकार पहली बार देखी है. मोहनलालगंज के तमाम गांवों में पशुचर की जमीन को दूसरों के कब्जे से मुक्त कराने के बाद भी वहां कोई गौशाला नहीं बनवाई गई. सरकार विधानसभा में कुछ कहती है और उसका जमीनी प्रभाव कुछ और होता है. किसान ही नहीं सड़क पर चलने वाले लोग तक इन जानवरों से परेशान हैं. पहले कुछ संख्या में नीलगाय ही ऐसी थीं. जिनसे किसान परेशान था अब उनके कई गुना बड़ी संख्या में इन छुट्टा जानवरों का आंतक बढ़ गया है. धन और गेहूं की फसल खराब हो चुकी है. किसान कई तरफ की परेशानियों से निकल कर फसल की पैदावार करता है और यह जानवर उसको नष्ट कर देते है. ऐसे में अब हमारे क्षेत्र के किसानों ने फैसला किया है कि यह छुट्टा जानवर ब्लाक और तहसील के परिसर में ही छोड़ दिये जाएंगे. जब तक सरकार इन जानवरों के लिये कोई ठोस योजना नहीं बनाती तब तक छुट्टा जानवर सरकारी संस्थानों के परिसर में रहेंगे. अगर पुलिस ने ज्यादा ज्यादती की तो आगे से पुलिस थाना और कोतवाली परिसर में भी इन जानवरों को छोड़ दिया जायेगा. किसान अब अपनी फसल को और बरबाद नहीं होने देगा.’

मोहनलालगंज क्षेत्र में कई बार गांव में आपसी झगड़े, तनाव और दुर्घटनायें भी इन जानवरों के कारण हो चुकी हैं. जिसमें कई लोग घायल हुये तो कई की जान भी जा चुकी है. खेती किसानी की बरबादी, खड़ी फसल को होने वाला नुकसान, किसानों के लिये आत्मघाती बन चुका है. ऐसे में किसान भी अपने विधायक के साथ है. मोहनलालगंज के विधायक की तर्ज पर अब दूसरे विधायक भी ऐसी ही राह पर चलेंगे.

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