स्मार्ट दिखने की चाह सिर्फ इंसानों में ही नहीं होती बल्कि कुत्ते, जो बहुत ही वफादार होते हैं पर बोल नहीं सकते, भी मन ही मन सोचते होंगे कि काश, हम भी अच्छेअच्छे कपड़े पहन कर खूबसूरत दिखते. जब हम सड़कों से गुजरें तो लोग हमें पलट कर देखने पर मजबूर हो जाएं. यहां तक कि जब हमारा शो हो और हम रैंप पर चलें तो लोग ‘वाह क्या कुत्ता है, ऐसा कुत्ता और ऐसी ब्रीड हम ने आज तक नहीं देखी’ कहने पर मजबूर हो उठें.

ऐसी तमन्ना सिर्फ इंसान के मन में ही नहीं बल्कि जानवरों के मन में भी होती है बस, फर्क इतना होता है कि वे अपने मन की बात किसी को बोल कर बता नहीं पाते. कुछ कुत्ते तो इतने खुशनसीब होते हैं कि उन्हें ऐसा मालिक मिल जाता है जो उन्हें पूरे ठाटबाट से रखता है. मालिक उन्हें सिर्फ खानपान ही लाजवाब नहीं देते बल्कि उन्हें फिट व हिट रखने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते. ए वन कपड़े पहनाने में भी पीछे नहीं रहते. ऐसे मालिकों के घर आ कर कुत्ते भी फूले नहीं समाते.

आज घरों में अच्छी से अच्छी ब्रीड का कुत्ता रखना स्टेटस सिंबल माना जाने लगा है. तभी तो लोग इन्हें खरीदने के लिए लाखों रुपए तक खर्च करने लगे हैं. लाखों कहें तो कम होगा, आज तो अगर उन्हें बेहतर ब्रीड का कुत्ता करोड़ों में भी मिले तो भी वे उसे खरीदने से गुरेज नहीं करते.

कब हुई शुरुआत

कुत्तों के प्रति लोगों की दीवानगी व स्नेह और एक से बढ़ कर एक नस्ल के कुत्तों और उन के टैलेंट से लोगों को रूबरू करवाने के लिए न्यूयार्क में वेस्टमिंस्टर कैनल डौग शो की शुरुआत 1877 में हुई. इस के बाद तो यह शो इतना पौपुलर हो गया कि दुनियाभर के लोग इस के दीवाने हो गए.

अब तो मालिक अपने कुत्ते को इस शो में हिस्सा दिलवाने के लिए हरसंभव कोशिश करते हैं. उन्हें ट्रेनिंग तो बचपन से ही देते हैं लेकिन शो में अच्छा प्रदर्शन करें, इस के लिए पुरजोर प्रैक्टिस भी करवाते हैं.

क्या है वेस्टमिंस्टर डौग शो

यह डौग शो न्यूयार्क के मेडिसन स्क्वायर गार्डन में आयोजित किया जाता है, जिस में दुनियाभर के टौप रैंक्ड कुत्तों, जो ब्रीड वाइज तो बैस्ट हैं ही, दक्ष व आज्ञाकारी भी होते हैं, को ही इन्वाइट किया जाता है.

जिन कुत्तों को यहां इन्वाइट किया जाता है उन के मालिकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता. उन्हें लगता है कि अगर उन का कुत्ता जीत गया तो उस के साथसाथ उन का भी नाम होगा.

समय के साथ हुए बदलाव

2014 से पहले तक सिर्फ ब्रीड के आधार पर ही विजेता घोषित किया जाता था. लेकिन समय के साथ इस शो में परिवर्तन आया और 2014 में वेस्टमिंस्टर में मास्टर्स ऐगिलिटी चैंपियनशिप जोड़ी गई यानी कुत्तों की दक्षता को भी महत्त्व दिया जाने लगा. इस साल तो इस शो में मास्टर्स ओबीडीऐंस चैंपियनशिप को भी जोड़ा गया यानी वह कुत्ता कितना आज्ञाकारी है, इस के भी उन्हें मार्क्स मिलने लगे.

कैसे घोषित होता है विजेता

यह शो हर साल फरवरी में 2 दिन के लिए आयोजित किया जाता है. पहले चरण में अपनी ब्रीड के कुत्तों से मुकाबला किया जाता है और फिर जो अपनी ब्रीड में बैस्ट होता है, वह अपनेअपने ग्रुप को लीड करता है. कुल 7 ग्रुप होते हैं और जो इन में बैस्ट होते हैं वे ही फाइनल के लिए परफौर्म करते हैं. फाइनल में जो अपनी दक्षता और आज्ञाकारी रवैए को दिखाने में सक्षम होता है, वह विजेता बनता है.

2016 का विजेता

2016 के डौग शो के जज डा. रिचर्ड मीन ने जीसीएच वीजेके-माइस्ट गार्बोनिटास कैलिफोर्निया जर्नी को विजेता घोषित किया, जिस की ब्रीड पौइंटर (जरमन शैफर्ड) है और ग्रुप स्पोर्टिंग है. इस की औनर वैलेरि आकिंसन ऐंड ऐलिस मैनिंग ऐंड वाई वोन हैसर हैं.

दर्शकों के लिए नया

दर्शक कुत्तों को न सिर्फ मुकाबला करते हुए देखते हैं बल्कि प्रतियोगिता के शुरू होने से पहले कुत्ते का मालिक जब उसे लुक वाइज मस्त दिखाने के लिए टौप क्लास कपड़े पहनाता है तब भी दर्शक उसे देख पाते हैं.

इस शो के लिए कुत्तों के मालिक अपनेअपने कुत्ते की ट्रेनिंग और ग्रूमिंग पर हजारों डौलर खर्च करते हैं. इस शो का टिकट वेस्टमिंस्टर कैनल क्लब वैबसाइट से खरीदा जा सकता है.

1 करोड़ का कोरियन डोसा

सुन कर आप को भले ही अजीब लगे लेकिन यह हकीकत है. अभी हाल ही में चीन से 1 करोड़ रुपए का कोरियन डोसा भारत लाया गया.

नहींनहीं, यह खाने वाला डोसा नहीं बल्कि कोरियन डोसा मस्टिफ नस्ल का कुत्ता है, जिस की कीमत औडी एस6 और अच्छेखासे स्पेस वाले विला से भी ज्यादा है.

इस नस्ल के कुत्ते की खासीयत इस की लटकी हुई बौडी और बड़ीबड़ी आंखें हैं. इस की सूंघने की क्षमता भी बहुत जबरदस्त है. इस कुत्ते की उम्र भले ही 7 से 12 वर्ष के बीच होती है, लेकिन यह इतना वफादार व स्वभाव से इतना शांत होता है कि हर किसी को इस से प्यार हो जाए. इस के चेहरे की मासूमियत पर हर कोई फिदा हो जाता है.

सतीश एस इस नस्ल के कुत्ते को भारत लाने वाले पहले व्यक्ति हैं. वे बेंगलुरु में इंडियन डौग ब्रीडर एसोसिएशन के प्रधान हैं. उन्हें इस नस्ल के कुत्ते की कई वर्षों से तलाश थी जो अब जा कर पूरी हुई.

2016 का डौग शो

इस बार डौग शो में 2,752 कुत्तों की ऐंट्री हुई, जिस में 199 ब्रीड्स शो के लिए चुने गए. इस बार सब से ज्यादा लैब्राडोर रिट्रीवर्स (51), गोल्डन रिट्रीवर्स (50) और फ्रैंच बुलडौग्स (48) ब्रीड्स को ही प्रवेश मिला, साथ ही इस शो में 7 नई ब्रीड्स देखने को मिलीं.

वेस्टमिंस्टर में भाग लेने वाले कुछ शानदार कुत्ते

लोकी

ब्रीड – लिओनबर्गर.

उम्र – 3 साल.

कैटेगिरी – बैस्ट औफ ब्रीड.

पसंदीदा जगह – मैनहटन के वाटर 4 डौग्स में वंडरफुल पूल में समय बिताना.

हौबी – बिल्लियों के साथ छिपनछिपाई खेलना.

ऐक्सपर्ट – स्विमिंग में.

इसे अपने वाटर बाउल में सोना पसंद है.

 

हीरो

ब्रीड – डोबरमन पिंस्चर.

उम्र – 5 साल.

कैटेगिरी – औल अमेरिकन.

पसंदीदा जगह – ब्रौड चैनल पार्क में स्थित बौलपार्क और बीच.

हौबी – इसे चेस बौल खेलना बहुत अच्छा लगता है.

निकनेम मंकी पस है, क्योंकि यह बहुत ही शरारती है.

 

किंदरा

ब्रीड – स्टैफोर्डशेयर बुल टैरियर.

उम्र – 17 महीने.

कैटेगिरी – बैस्ट औफ ब्रीड.

पसंदीदा जगह – इसे अपने घर के कौर्नर पर स्थित ब्यूटी पार्लर को देखना बहुत पसंद है.

हौबी – जितना मरजी नहला लो.

ऐक्सपर्ट – हाई फाइव्स देने में.

इस की सूंघने की शक्ति बहुत तेज है. अगर इस की पसंदीदा चीज बर्फ के अंदर भी छिपा दें तो जब तक इस की नाक उस की पहचान नहीं कर लेती तब तक यह वहां से बाहर नहीं आते.

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