पहाड़ों की रानी कही जाने वाली मसूरी उत्तराखंड का बहुत ही खूबसूरत शहर है. यह राज्य की राजधानी देहरादून के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है. गढ़वाल पर्वत श्रृंखला पर समुद्रतल से 2,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मसूरी में एक ओर विशाल हिमालय की चमचमाती बर्फीली शृंखलाओं का सुंदर नजारा दिखता है, वहीं दूसरी ओर इस घाटी में बिखरी प्रकृति की अद्भुत सुंदरता के दीदार होते हैं. मसूरी में देवदार के वृक्षों के घने जंगलों से घिरे जलप्रपात हैं जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं.

आप ने तपती गरमी से बचने के लिए मसूरी की हसीन वादियों में जाने का प्लान बनाया हुआ है तो पहले वहां अपने ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें. मसूरी जाने पर अनेक होटल व रिजौर्ट्स मिलेंगे लेकिन यहां के मसूरी गेटवे रिजौर्ट की बात ही कुछ अलग है. उक्त रिजौर्ट में ठहर कर प्रकृति के भरपूर दर्शन किए जा सकते हैं. मसूरी की हसीन वादियों को देखते हुए आप मसूरी गेटवे को अनदेखा न करें क्योंकि इस रिजौर्ट में आप को वे सारी सुविधाएं मिल जाएंगी जिन की आप को जरूरत है. मसूरी गेटवे माल रोड से 400 मीटर की दूरी पर लाइबे्ररी बस स्टैंड के पास स्थित है. यहां पर पर्यटकों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है. रिजौर्ट से आप प्राकृतिक घाटियों का नजारा देख सकते हैं. अन्य दर्शनीय स्थलों को देखना है तो इस रिजौर्ट से टैक्सी बुक कर लें और घूमने का आनंद उठाएं.

धनोल्टी

मसूरी से लगभग 25 किलोमीटर दूर मसूरी– टिहरी रोड पर स्थित शांत सी जगह है धनोल्टी. इस के मार्ग में चीड़ और देवदार के जंगलों के बीच बुरानखांडा से हिमालय का शानदार दृश्य देखा जा सकता है. यहां पर पर्यटकों के रहने के लिए बंगलों की भी व्यवस्था है. शहर की भीड़ से दूर यहां के पर्यटक बंगले में समय बिताना अपनेआप में एक अलग तरह का अनुभव होगा. आप चाहें तो मसूरी के फौरेस्ट हाउस में समय बिता सकते हैं. यमुना ब्रिज, चंबा व लखामंडल यहां के कुछ दर्शनीय स्थल हैं.

कैम्पटी फौल : ऊंचे पहाड़ों से गिरता यह जलप्रपात इस वादी का खास आकर्षण है. यह जगह मसूरी से 15 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां उपलब्ध नौकायन और टौयट्रेन की सुविधा बच्चोंको खास लुभाती है. यही नहीं, यह स्थल पिकनिक मनाने के इच्छुक लोगों में बहुत लोकप्रिय है. यह झरना 5 अलगअलग धाराओं में बहता है. यह स्थल समुद्रतल से 4,500 फुट की ऊंचाई पर है.

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गन हिल : मसूरी की दूसरी सब से ऊंची चोटी तक पहुंचने का सफर आप रोपवे के जरिए कर सकते हैं. 20 मिनट का यह रोमांचकारी सफर आप जिंदगी भर नहीं भूलेंगे. यहां से आप विभिन्न शृंखलाओं, जैसे बदरपूंछ, श्रीकंठ, पीठवारा व गंगोतरी ग्रुप के अनुपम सौंदर्य को भी जी भर कर निहार सकते हैं. यहां से पूरा मसूरी शहर नजर आता है.

सर जौर्ज एवरेस्ट हाउस : मसूरी से 6 किलोमीटर की दूरी पर भारत के प्रथम सर्वेयर जनरल सर जौर्ज एवरेस्ट की ‘दि पार्क एस्टेट’ है. उन का आवास और कार्यालय यहीं था. यहां सड़कमार्ग से पहुंचा जा सकता है. विश्व की सब से ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट का नाम इन्हीं के नाम पर रखा गया है.

मसूरी झील : मसूरी-देहरादून रोड पर यह एक नया पिकनिक स्पौट है. यह मसूरी से लगभग 6 किलोमीटर दूर है. यहां पैडल बोट उपलब्ध रहती है. यहां से दून घाटी और आसपास के गांवों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है.

वाम चेतना केंद्र : टिहरी बाईपास रोड पर लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर विकसित किया गया यह एक पिकनिक स्पौट है. इस के आसपास पार्क हैं जो देवदार के जंगलों और फूलों की झाडि़यों से घिरे हैं. यहां तक पैदल या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है. पार्क में वन्यप्राणी, जैसे घुरार, हिमालयी मोर, मोनल आदि मुख्य आकर्षण हैं.

क्लाउड एंड : वर्ष 1838 में एक ब्रिटिश मेजर द्वारा बनवाया गया यह पुराना बंगला अब होटल में परिवर्तित हो चुका है. चारों तरफ घने जंगलों से घिरे इस बंगले से आप को बर्फ की चादर ओढ़े हिमालय पर्वतमाला व यमुना नदी का मनोरम दृश्य दिखाई देगा.

झड़ीपानी फौल : यह फौल मसूरी-झड़ीपानी रोड पर मसूरी से 8.5 किलोमीटर दूर स्थित है. पर्यटक झड़ीपानी तक 7 किलोमीटर की दूरी बस या कार द्वारा तय कर के यहां से 3 किलोमीटर दूरी को पैदल तय कर झरने तक पहुंच सकते हैं.

भट्टा फौल : यह फौल मसूरी-देहरादून रोड पर मसूरी से 7 किलोमीटर दूर स्थित है. पर्यटक बस या कार द्वारा यहां पहुंच कर आगे की 3 किलोमीटर दूरी पैदल तय कर के झरने तक पहुंच सकते हैं.

चाइल्डर्स लौज : लाल टिब्बा के निकट यह मसूरी की सब से ऊंची चोटी है. टूरिस्ट कार्यालय से यह 5 किलोमीटर दूर है. यहां तक घोड़े पर या पैदल पहुंचा जा सकता है. यहां से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक लगता है.

कैमल बैक रोड : 3 किलोमीटर लंबा यह रोड रिंक हौल के समीप कुलरी बाजार से आरंभ होता है जो लाइबे्ररी बाजार पर जा कर समाप्त होता है. इस सड़क पर पैदल चलना या घुड़सवारी करना अच्छा लगता है. सूर्यास्त का दृश्य यहां से सुंदर दिखाई पड़ता है.

म्युनिसिपल गार्डन : मसूरी का वर्तमान कंपनी गार्डन या म्युनिसिपल गार्डन आजादी से पहले तक बोटैनिकल गार्डन कहलाता था. कंपनी गार्डन के निर्माता विश्वविख्यात भू वैज्ञानिक डा. एच फाकगार लोगी थे. 1842 के आसपास उन्होंने इस क्षेत्र को सुंदर उद्यान में बदल दिया था.

शौपिंग : आप गांधी चौक, कलरी बाजार व लैनड्योर बाजार से छडि़यां, हाथ के बुने आकर्षक डिजाइनों के स्वैटर व कार्डिगन खरीद सकते हैं. यहां आने पर ट्रेक हिमालयन औफिस के पास स्थित दुकानों से एंटिक सामान खरीदना न भूलिए. ब्रिटिशकाल के फर्नीचर व अन्य दुर्लभ वस्तुएं यहां उचित दामों पर मिलती हैं

कब जाएं

मसूरी में साल के हर महीने में मौसम बेहद खुशनुमा रहता है जो हर साल भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह हिल स्टेशन हर मौसम में सुंदर लगता है. हालांकि मसूरी घूमने का आदर्श समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच होता है.

कैसे पहुंचें

मसूरी आसानी से भारत के अन्य भागों से हवाई, रेल और सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है. इस गंतव्य का सब से नजदीकी एअरबेस जौली ग्रांट एअरपोर्ट है जो देहरादून में बना हुआ है. इस एअरपोर्ट की मसूरी से दूरी 60 किलोमीटर है. देहरादून रेलवेस्टेशन इसे गंतव्य स्थल का सब से नजदीकी रेल हेड है. वैसे दिल्ली के अतिरिक्त सहारनपुर, वाराणसी, हावड़ा व अमृतसर से भी यहां के लिए ट्रेनें उपलब्ध हैं. आगे का सफर आप टैक्सी या बस द्वारा आसानी से तय कर सकते हैं.

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