एक मकान किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा निवेश होता है. अगर आप अपना घर बेचने का सोच रहे हैं तो जरूरी है कि आपको बाजार मे चल रहे दाम की पूरी जानकारी हो. इसके अलावा मकान बेचकर सही रिटर्न पाने के लिए उसका सही दाम निर्धारित करना जरूरी है. अगर आप भी मकान बेचने का सोच रहे हैं तो उनका सही दाम पाने के लिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें.

मकान को साफ सुथरा रखें

अपने मकान के बारे में कोई विज्ञापन देने और उसे देखने के लिए ग्राहकों को बुलाने से पहले आपको मकान को साफ सुथरा कर लेना चाहिए, उसे अच्छी तरह पेंट कर लेना चाहिए और जरूरी मरम्मत करवा लेने चाहिए. आप अपने मकान को बेचने के लिए तैयार करने के लिए किसी प्रफेशनल की मदद भी ले सकते हैं. अच्छी तरह रखरखाव करके रखी गई संपत्ति को बेचना ज्यादा आसान होता है और धीमी गति से चलने वाले इस बाजार में अन्य प्रतिस्पर्धियों को मात देने में मदद मिलती है.

बेचने में ज्यादा समय न लगाएं

संपत्ति को बेचने का विज्ञापन देने के बाद उसे अक्सर किराए पर नहीं रखा जाता है. इसलिए, उसे बेचने में बहुत ज्यादा समय लगने पर संपत्ति के मालिक को उस दौरान मिल सकने वाले किराए की रकम से हाथ धोना पड़ता है. इस तरह के नुकसान से बचने के लिए संपत्ति को बेचने की एक समय सीमा निर्धारित करनी चाहिए.

उचित दाम रखें

आप जो दाम रखते हैं उससे काफी फर्क पड़ता है. कम दाम रखने पर आपको कम रिटर्न मिलेगा और ज्यादा दाम रखने पर ग्राहक दाम सुनकर भाग जाएंगे. इसलिए, कोई भी दाम रखने से पहले तरह-तरह के औनलाइन ऐसेट पोर्टलों में जाकर और आसपास के लोगों से पूछकर सही दाम का अंदाजा लगाने की कोशिश करें. अन्य संपत्तियों के साथ अपनी संपत्ति की तुलना करें और एक सही दाम रखने की कोशिश करें.

समय-समय पर संपत्ति का दाम बदलें

इसके अलावा, समय-समय पर संपत्ति का दाम बदलते रहना चाहिए. किसी अन्य निवेश साधन की तरह एक संपत्ति को बेचने के लिए भी काफी खोजबीन और प्लानिंग करनी पड़ती है और संबंधित इलाके के आधार पर इसके बारे में खोजबीन करने के लिए अलग-अलग तरीके का इस्तेमाल करना पड़ता है. इसलिए सारी जानकारी लेने के बाद अपने संपत्ती का दाम बदलते रहे.

टैक्स को ध्यान में रखें

यदि आप दो साल के भीतर अपनी संपत्ति बेचते हैं तो ऐसे लेनदेन पर होने वाले लाभ को शौर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (एसटीसीजी) माना जाता है. दूसरी तरफ, किसी संपत्ति को दो साल रखने के बाद बेचने पर उससे होने वाले लाभ को लौन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) माना जाता है.

एक तरफ एसटीसीजी को आपकी टैक्सेबल आमदनी में जोड़ा जाता है और आपकी टैक्स सीमा के आधार पर टैक्स लिया जाता है, तो दूसरी तरफ एलटीसीजी पर इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20% टैक्स लिया जाता है.

आप टैक्स बचाने वाले उचित साधन में निवेश करके या निर्धारित समय सीमा के भीतर एक आवासीय संपत्ति खरीदकर, एलटीसीजी में दिए जाने वाले टैक्स को बचा सकते हैं. इसलिए, अपनी संपत्ति को अल्पकालिक अवधि में बेचने से बचें जब तक कोई इमरजेंसी न हो और एलटीसीजी पर लगने वाले टैक्स को बचाने के लिए आगे से ही पुनः निवेश के विकल्पों का पता लगाकर रखें.

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