कहावत है कि शादी एक ऐसा लड्डू है, जिसे खाने वाला भी पछताता है और न खाने वाला भी. इसलिए हमारी राय है कि जब दोनों ही सूरत में पछताना है, तो फिर लड्डू क्यों छोड़ा जाए?
अब अगर आप ने शादी करने का फैसला कर ही लिया है, तो हमें आप से पूरी हमदर्दी है और इसी हमदर्दी के तहत हम आप को अपने तजरबों से हासिल किए कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिन पर गौर कर आप अपनी दुलहन के मन पर अपनी मुहब्बत की मुहर लगा सकते हैं.
हां यह बात अलग है कि हम अपने तजरबों का फायदा न उठा सके, कम से कम आप ही फायदा उठा सकें तो हमें संतोष होगा.
शादी के बाद दूल्हे के इम्तिहान की पहली घड़ी तब आती है जब सुहागरात में उसे दुलहन का घूंघट उठाना पड़ता है. तो जानिए इस इम्तिहान में अच्छे नंबरों से पास होने के ये टिप्स:
– दुलहन का घूंघट उठाना भी एक कला है और जिस तरह दूसरी कलाओं को साधने के लिए प्रैक्टिस की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह घूंघट उठाने के लिए भी प्रैक्टिस की जरूरत होती है. अब यह प्रैक्टिस किस के साथ करें, यह फैसला तो आप ही कर सकते हैं. हम सिर्फ इतना बता सकते हैं कि घूंघट जरा नजाकत के साथ उठाना सीख लें ताकि ऐन वक्त पर आप के हाथ न कांपने लगें.
– कुछ खूबसूरत शेर याद कर लें, जिन्हें दुलहन के चांद से मुखड़े को देखते ही फटाफट बोलना शुरू कर दें. हां, शेर का मतलब जरूर समझ लें वरना पोल खुलने का खतरा हो सकता है.
– अपने चेहरे पर कम से कम डेढ़ सैंटीमीटर मुसकान जरूर रखें, क्योंकि दुलहन भी तो आप का चेहरा देखेगी.
– दुलहन की सुंदरता की तारीफ करने के लिए कुछ फिल्मी संवाद अच्छी तरह याद कर लें. इन में कुछ सुंदर उपमाओं का होना भी जरूरी है. जैसे चांद सा मुखड़ा, हिरनी सी आंखें, गुलाब की पंखुडि़यों जैसे होंठ, सुराहीदार गरदन, रेशमी जुल्फें वगैरहवगैरह.
– घूंघट उठाने से पहले अपनी आवाज साफ और मधुर रखने की कोशिश करें. आवाज को धीमा और रोमांटिक रखें. हकलाने से काम बिगड़ सकता है.
– घूंघट उठाने में न जल्दबाजी करें और न ही इतनी देर लगाएं कि दुलहन खुदबखुद घूंघट उठा कर कहे, लो देखो मेरा चांद सा मुखड़ा.
– घूंघट उठाते समय अपने चेहरे पर मासूमियत का मुरब्बा चढ़ा कर रखें ताकि दुलहन पहली नजर में ही आप को शरीफ इनसान समझने का धोखा खा जाए.
– दुलहन का चेहरा देखने के बाद उसे कोई न कोई कीमती तोहफा जरूर दें, भले ही आप को इस के लिए दोस्त से रुपए उधार लेने पड़ें.
– दुलहन से बातें करते समय उस के मायके वालों की तारीफ के जितने पुल बांध सकें, बांधें.
– दुलहन के सामने भूल कर भी अपनी प्रेमिकाओं का जिक्र न करें वरना सुहाग की सेज जंग का अखाड़ा बन सकती है.
– दुलहन का हाथ अपने हाथ में ले कर प्यार से चूमें और मन ही मन कामना करें कि यह हाथ कभी बेलन या सैंडल को हथियार न बनाए.
– दुलहन के आगे सिर झुका कर बातें करें. आखिर आगे भी तो आप को ऐसा करना है न.
– दुलहन से चांदतारे तोड़ कर लाने और धरती को आकाश से मिलाने का वादा करें, मगर भूल कर भी साड़ीजेवर दिलाने का ऐसा वादा न करें, जिसे पूरा करने में आप गंजे हो जाएं.
– भले ही आप की जेब का दिवाला निकल चुका हो, मगर दुलहन को यही यकीन दिलाएं कि आप उस की हर फरमाइश पूरी करने की ताकत रखते हैं.
– प्यारमुहब्बत के मामले में खुद को अनाड़ी जाहिर करें ताकि दुलहन की गलतफहमी बनी रहे कि आप उस की मुट्ठी में रहेंगे.
– बातबात पर अपनी जिंदादिली का सुबूत पेश करें, हंसीमजाक से दुलहन का मनोरंजन करें, क्योंकि शायद यह आप के हंसने का आखिरी मौका हो.
– दुलहन की अदाओं पर मरने की ऐक्टिंग करें, बाद में भले ही खुदकुशी का इरादा करना पड़े.
– दुलहन को भविष्य के रंगीन सपने जरूर दिखाएं, चाहे आप के सपने ब्लैक ऐंड व्हाइट भी न रहें.
– दूसरों के सामने खुद को निडर भले ही जाहिर करें, मगर दुलहन के सामने अकड़ने का नाम भी न लें वरना जिंदगी भर अकड़ने की नौबत नहीं आएगी.
– दुलहन को अच्छी तरह यकीन दिला दें कि शादी के बाद आप किसी दूसरी लड़की को आंख उठा कर भी नहीं देखेंगे. आप के सिर और आंखों की सलामती इसी में है.
– अपनी समय की पाबंदी का सुबूत दें ताकि दुलहन समझे कि आप औफिस से सीधे घर ही आएंगे.
– अपनी आदतों के बारे में यही कहें कि आप को झूठ बोलने के अलावा और कोई बुरी आदत नहीं है. यही आप का सब से बड़ा झूठ होगा.
– दुलहन से गाना सुनाने की फरमाइश जरूर करें. अगर वह गाने लगे तो आप झूमने लगें, लेकिन गलती से भी संगीतप्रेमी बनने की कोशिश न करें वरना रात भर गाने सुनने पड़ सकते हैं.
– हो सके तो अपने घर वालों की बुराई करें ताकि दुलहन आप को अपना सच्चा हमसफर समझे.
– दुलहन के लाख पूछने पर भी अपनी असली आमदनी बताने की भूल न करें वरना सारी जिंदगी उस के सामने हाथ फैलाना पड़ेगा.