मैं एक विद्यार्थी हूं और अंगरेजी विषय से एमए कर रहा हूं. मेरे साथ अकसर अजीब सी घटना होती है. किसी भी विषय पर बात करतेकरते अचानक मैं कोई सटीक शब्द या वाक्य भूल जाता हूं जिस के कारण मैं अपने विचारों को सही से प्रकट नहीं कर पाता हूं और मुझे अपनी काबिलीयत पर अफसोस होता है. जब तक मुझे वह सटीक शब्द या वाक्य सूझता है तब तक देर हो जाती है. क्या यह कोई कमी है और अगर है तो इसे कैसे दूर किया जा सकता है? कृपया मार्गदर्शन करें.

यह कोई कमी नहीं है इसलिए अपनी काबिलीयत पर अफसोस न करें. ऐसा कई बार होता है जब लोगों को शब्दावली का अच्छा ज्ञान भी होता है लेकिन उन्हें सही समय पर सही शब्द नहीं सूझता और वे उस समय ‘उसे क्या कहते हैं’ और ‘वो’ ‘वो’ कह कर अपने विचारों को प्रकट करते हैं. आप की इस समस्या का समाधान यही होगा कि आप तनावग्रस्त हुए बिना आत्मविश्वास के साथ अधिक से अधिक अपने विचारों को प्रकट करें. जो भी बोलें, धीरेधीरे बोलें. आप अपने विचारों को जितना अधिक प्रकट करने की प्रैक्टिस करेंगे, आप की यह समस्या उतनी जल्दी दूर होगी. लोगों से बात करते समय नर्वस न हों. क्योंकि नर्वसनैस से याददाश्त और विषय दोनों पर पकड़ कमजोर होती है. आप चाहें तो अकेले में अलगअलग विषयों पर अपने विचार प्रकट करें, साथ ही आप पहले लिख कर और फिर बोल कर ऐसा करने की प्रैक्टिस कर सकते हैं. इस से आप की समस्या में सुधार अवश्य होगा. अगर इस से भी बात न बने तो आप किसी स्पीकिंग स्किल्स स्पैशलिस्ट से भी संपर्क कर सकते हैं.

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मैं 23 वर्षीया लड़की हूं. एक लड़के को 5 साल से प्यार करती हूं. वह लड़का भी मुझ से प्यार करता है. पर कुछ दिनों से पता नहीं क्यों मुझे उस की हर बात पर गुस्सा आता है या शक होता है और बात करतेकरते हमारा झगड़ा हो जाता है. वह मुझे समझाने की, मेरे शक को दूर करने की कोशिश भी करता है पर मैं न तो उस विषय पर उस से बात करना चाहती हूं और न ही उस की बात को समझती हूं. मैं उस से बहुत प्यार करती हूं और उसे खोना भी नहीं चाहती. फिर भी न जानें उस के साथ ऐसा व्यवहार क्यों करती हूं. मैं अपने इस व्यवहार को कैसे बदलूं? सलाह दें.

जब हम किसी रिश्ते में लंबे समय से रह रहे होते हैं तो हम उस रिश्ते का महत्त्व खोने लगते हैं. चूंकि आप पिछले 5 सालों से एकदूसरे को जानते हैं इसलिए एकदूसरे के बारे में सबकुछ जान चुके हैं, आप के बीच कोई नयापन या फौर्मेलिटी नहीं बची है इसलिए आप ने अपने बौयफ्रैंड को महत्त्व देना छोड़ दिया है और यही वजह है कि आप को उस की हर बात गलत लगती है और उस के क्रियाकलापों पर आप को शक होता है. अगर आप अपने बौयफ्रैंड को खोना नहीं चाहतीं तो अपना व्यवहार बदलें और बातबात पर गुस्सा करना व शक करना बंद कर दें. वरना, अभी तो वह आप को समझा रहा है, हो सकता है वह आप से दूरी ही बना ले. आप सोचें कि उस की किन अच्छी बातों, गुणों को देख कर उस से प्यार किया था. उस की खासीयतों को महत्त्व दें न कि कमियों को.

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मैं 19 वर्षीया युवती हूं व 1 पैर से अपाहिज हूं. मैं गांव के एक लड़के को चाहती हूं. लड़का गरीब है व उस की 8 बीघा जमीन है. लड़का पूरी तरह से स्वस्थ है. हम दोनों विवाह करना चाहते हैं. मैं अभी बीकौम कर रही हूं. उस के घर के सभी लोग मुझे पसंद करते हैं लेकिन मेरे परिवार में मेरे पिताजी को छोड़ कर सभी इस विवाह के लिए राजी हैं. पिताजी चाहते हैं कि मेरा विवाह किसी आर्थिक रूप से संपन्न घर में हो. मैं पिताजी को विवाह के लिए कैसे राजी करूं?

पिताजी से जानें कि उस लड़के से विवाह न करने का कारण सिर्फ उस का गरीब या अधिक संपन्न न होना ही है या कुछ और भी है. अगर संपन्नता को आप के पिता आप के सुखी होने की गारंटी मानते हैं तो उन्हें समझाएं कि वे गलत हैं. हो सकता है वे संपन्न परिवार में किसी तरह आप का विवाह करा भी दें लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि आप का होने वाला पति व उस का परिवार आप को आप की शारीरिक कमी के साथ स्वीकारेगा. अपने पिता को समझाएं कि लड़के के परिवार वाले आप के बारे में सबकुछ जानते हैं और आप को सहर्ष स्वीकार कर रहे हैं, इसलिए वे इस रिश्ते के लिए हां कर दें. हां, आप अपनी पढ़ाई अवश्य पूरी करें और आर्थिक रूप से स्वयं को आत्मनिर्भर अवश्य बनाएं.

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मैं 32 वर्षीया विवाहिता हूं. 9 महीने पूर्व नौर्मल डिलीवरी से मेरा बेटा हुआ है. समस्या यह है कि मुझे सैक्स की इच्छा नहीं होती. मेरे पति चाहते हैं कि मैं उन्हें सहयोग करूं लेकिन मैं उन को सहयोग नहीं कर पाती. इस से हमारे आपसी संबंधों पर असर पड़ रहा है. मैं क्या करूं? उपाय बताइए.

प्रसव के पश्चात हर स्त्री की सैक्स इच्छा के सामान्य होने का समय अलगअलग होता है. किसी को 2 माह के बाद ही नौर्मल सैक्स इच्छा होती है तो किसी को आप की तरह समय लग जाता है. यह इस बात पर भी काफी निर्भर करता है कि आप वर्किंग हैं या नौनवर्किंग. साथ ही, बच्चे की देखभाल में कोई आप की मदद करने वाला है या सबकुछ आप अकेले ही मैनेज करती हैं. आप पति से अपनी समस्या शेयर करें. जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से रिलैक्स होंगी, आप की रुचि सैक्स के लिए खुद ब खुद जागेगी. आप चाहें तो इस बारे में अपनी गाइनोकोलौजिस्ट से भी सलाह ले सकती हैं.

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