मेरे पिताजी गंभीर रूप से बीमार होने के कारण अस्पताल में भरती थे. मैं कमरे के बाहर बरामदे में मोबाइल पर बात कर रहा था कि अचानक एक व्यक्ति बदहवास सा भागता हुआ मेरे पास आया, कहने लगा, ‘‘मेरी बहन यहीं बगल के कमरे में भरती हैं. उन की हालत बहुत खराब हो गई है. मुझे अपने पिताजी को सूचित करना है. कृपया आप मुझे मोबाइल से एक फोन करने दें.’’ मैं ने उसे अपना मोबाइल दे दिया. वह मोबाइल पर बात करता आगे चला गया जहां कई अन्य व्यक्ति भी थे. मैं ने सोचा कि वे लोग उस व्यक्ति के परिचित होंगे. अचानक वह व्यक्ति मोबाइल ले कर बाहर की ओर भागा जहां पहले से ही उस का परिचित मोटरसाइकिल स्टार्ट कर के खड़ा हुआ था. वह व्यक्ति मेरे देखते ही देखते मोटरसाइकिल पर बैठ कर रफूचक्कर हो गया.

- पवन सेठ, रेवाड़ी (हरि.)

*

मेरे कुकर की रबर टूट गई थी. कालोनी में अकसर गैस का चूल्हा और कुकर ठीक करने वाले चक्कर लगाया करते हैं. एक दिन मैं ने उन में से एक को बुला कर रबर देने को कहा. उस ने मेरे हाथ से ढक्कन ले लिया. मैं काफी देर खड़ी रही कि वह रबर दे तो मैं अंदर आऊं. पर मेरे सामने वह काफी देर तक अपना बैग खोलने का ऐसा नाटक करता रहा जैसे उस की चेन फंस गई हो. मैं कुछ काम से अंदर आ गई. वापस गई तो वह ढक्कन पर हथौड़ी से खटखट कर रहा था. मैं ने टोका तो उस ने कहा, ‘‘किनारा मुड़ गया है, ठीक कर रहा हूं.’’ मैं ने उस से यह कहते हुए ढक्कन ले लिया, ‘‘ढक्कन बिलकुल ठीक है, इस में कुछ करने की जरूरत नहीं है.’’ उस के जाने के बाद मुझे संदेह सा हुआ कि केवल रबर देनी थी, फिर उस ने इतना टाइम क्यों लगाया और ढक्कन से बिना कहे छेड़छाड़ क्यों की? मैं ने तुरंत वह ढक्कन कुकर में लगा कर गैस पर चढ़ाया तो देख कर दंग रह गई. उस लड़के ने कोई नुकीली चीज डाल कर ढक्कन के ‘सैफ्टी वौल्व’ में छेद कर दिया था जिस के रास्ते पूरी हवा (गैस) निकलती जा रही थी. उस ने सोचा होगा कि मुझे दिखा कर कहेगा कि सैफ्टी वौल्व खराब है और मैं उस से ही बदलने को कहूंगी किंतु मेरे द्वारा झटके से उस के हाथ से ढक्कन ले लेने की वजह से उसे इस बात का मौका ही नहीं मिला. सतर्क रहते हुए भी दिनदहाड़े वह लड़का मुझे बेवकूफ बना कर मेरा नुकसान कर गया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...