मेरी वरमाला होने वाली थी, उस समय मेरा भतीजा 5 साल का था. साड़ी की डिजाइन में मेरी चूड़ी उलझ गई, इसलिए मैं वरमाला नहीं डाल पा रही थी. दूल्हे के सारे दोस्त चिल्ला रहे थे, ‘वरमाला डालो, वरमाला डालो.’ पास में खड़ी अपनी दोस्त से मैं ने इशारे से कहा, लेकिन वह समझ नहीं पाई. मेरे भतीजे ने इशारा करते देख लिया, जोर से चिल्लाया, ‘‘अरे, बूआ ने वरमाला डालने से मना कर दिया.’’ फिर क्या था, दोनों पक्षों के लोग सकते में आ गए. हल्ला होने पर सहेली मेरे पास आई, तब मैं उसे बता पाई और धीरे से कहा, ‘‘चूड़ी साड़ी में से निकालो तभी तो डाल पाऊंगी.’’ सभी लोग बच्चे को देख कर खूब हंसे.
मणि जैन, भोपाल (म.प्र.)
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मेरे पति की मृत्यु हो चुकी थी. मेरी नातिन साढ़े 5 साल की है. मेरे दामाद तमिल हैं और मैं हिंदीभाषी. इस कारण बच्चे हिंदी के साथसाथ अंगरेजी में भी अच्छी तरह से बात कर सकते हैं. एक दिन मैं चुपचाप बैठी थी. मुझे चुप बैठे देख कर वह बोली, ‘‘नानी, आर यू सैड?’’ मैं ने चुपचाप उस की ओर देखा. उस ने कहा, ‘‘आर यू रिमैंमबरिंग नाना,’’ मैं ने कहा, ‘‘हां, मुझे उन की बहुत याद आ रही है.’’
उस ने फिर कहा, ‘‘बट ही स्कौल्ड यू’’ मैं कुछ कहूं, इस से पहले ही वह बोल उठी, ‘‘नैवर माइंड, नानी. मम्मी औलसो स्कौल्ड मी समटाइम्स, स्टिल आई लव हर वैरीवैरी मच.’’ यह कह कर उस ने एक बड़े व्यक्ति की तरह मेरी पीठ थपथपाई. यद्यपि मेरी मुसकराहट उदासीभरी थी, फिर भी वह खुश थी कि उस ने अपनी नानी को हंसाया.
चित्रा गुप्ता (सिंगपुर)
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मेरे पति राउरकेला स्टील प्लांट में कार्यरत हैं. एक बार वे भुवनेश्वर के विख्यात मैनेजमैंट कालेज से ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद लौटे और मुझे उस विषय में बताने लगे. मेरे 3 वर्ष के बेटे ने उसी समय स्कूल जाना शुरू किया था. वह बड़े ध्यान से हमारी बातचीत सुन रहा था. कुछ समय बाद उस ने मुझ से पूछा कि यह ट्रेनिंग क्या होती है?मेरे पति, जो अभीअभी ट्रेनिंग ले कर आए थे, बोले, ‘‘बेटा, जैसे छोटे बच्चे स्कूल जाते हैं और टीचर उन्हें पढ़ाती है, उस को टीचिंग कहते हैं और बड़े लोग जब कुछ सीखने जाते हैं तो उसे ट्रेनिंग कहते हैं.’’ फिर वह अचानक बोला, ‘‘लेकिन कुत्तों की भी तो ट्रेनिंग होती है.’’ यह सुन कर मैं अपनी हंसी न रोक पाई.
अंजू माथुर, राउरकेला (ओडिशा