नया साल, नई उमंगें, नई चाहतें, रिश्तों को नयापन देने की ख्वाहिश ताकि नए साल में खुशियों की बरसात होती रहे, प्यार व अपनेपन की खुमारी दिनोंदिन बढ़ती रहे. दरअसल जिस तरह पेड़पौधों को हराभरा रखने के लिए पर्याप्त खाद, पानी व देखभाल की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह पतिपत्नी के रिश्ते में भी नई ताजगी, नई जिंदगी बनाए रखने के लिए जरूरत होती है नएनए ऐक्सपैरिमैंट करने की, बासी, मुरझाए रहे रिश्तों को नयापन देने की. आइए जानें, नए साल में शादीशुदा जिंदगी को कैसे दें नई चमक, नई जिंदगी.

खूब बातें कीजिए

आप अगर रिश्ते को तरोताजा बनाए रखना चाहते हैं तो एकदूसरे को पर्याप्त समय दें. विशेषज्ञों का कहना है, आपस में विश्वास बढ़ाने का सब से अच्छा साधन है कम्युनिकेशन थेरैपी. जब दो लोग आपस में भरपूर बातें करते हैं तो अंदर के इमोशंस और फीलिंग निकल कर बाहर आ जाते हैं जिस से मन हलका और तरोताजा हो जाता है. कम्युनिकेशन थेरैपी से जोडि़यां टूटने से बच जाती हैं. आमनेसामने बैठ कर बातें करने का समय न हो तो फोन, मोबाइल या इंटरनैट चैटिंग के माध्यम से बातें कर सकते हैं.

सिर्फ बुरी बातों पर न दें ध्यान

हर किसी के अंदर अच्छी बातें और बुरी बातें होती हैं. यह समझने वाली बात है कि किसी की अच्छी बात किसी के लिए बुरी बात या किसी की बुरी बात किसी के लिए अच्छी बात भी हो सकती है. खैर, जीवनसाथी की कोई बात बुरी लगती है तो गुस्सा करने के बजाय उसे समझाने की कोशिश करें, क्योंकि जो आदत बन जाती है उसे सुधरने में समय लगता है. मनोवैज्ञानिक डा. जेम्स क्लार्क का कहना है, ‘‘बुरी आदतों को छोड़ने के लिए पतिपत्नी को एकदूसरे को सहयोग देने की आवश्यकता होती है. यदि कोई हिटलर की तरह और्डर दे कर अपनी बात मनवाने की कोशिश करेगा तो गृहयुद्ध होना स्वाभाविक है.

‘‘इस के लिए एक अच्छा श्रोता होना बहुत जरूरी है. पर सुनना कम ही लोगों को आता है. परिणाम, एकदूसरे की बातों को सही तरीके से सुने बिना, एकदूसरे पर बातों की गोलियां दागना शुरू कर देते हैं और अपने अच्छेखासे घर को युद्ध का मैदान बना लेते हैं. जीवनसाथी की सिर्फ बुरी बातों पर ध्यान देने के बजाय उस की अच्छी बातों पर भी ध्यान दें.’’

दूरी न बनाएं

रिश्ते में थोड़ा सा भी तनाव आने पर पतिपत्नी एकदूसरे से भागने लगते हैं और वे समस्या को अधिक गंभीर बना लेते हैं. दूर भागने से बीच की दूरियां भी बढ़ने लगती हैं. दूर भागने के बजाय उन्हें एकदूसरे का सामना करना चाहिए. जब आप सामना करेंगे तो अपनी समस्या को एकदूसरे के सामने खुल कर रख सकेंगे. दूर भागने पर आप ऐसा नहीं कर पाएंगे. चुपचाप बैठ कर ब्लेमगेम खेलने के बजाय कोई पौजिटिव स्टैप उठाएं. हर मुद्दे पर सवाल उठाएं. बातचीत खुले दिल से करें. कड़े हो कर टूटने के बजाय नरम हो कर झुक जाएं. यदि कोई एक झुक रहा है तो दूसरा मान जाए. झुक जाने से किसी की हार या किसी की जीत नहीं होगी. इस में दोनों की जीत ही होगी. दोनों फिर से एकदूसरे के और करीब आ जाएंगे.

स्पर्श का जादू

जब आप अपने से दूर जाते हैं तो रिश्ते में और अधिक कड़वाहट घुलती है. दूर जाने के बजाय एकदूसरे को स्पर्श करें. टच फीलिंग एकदूसरे को करीब, और करीब लाती है. जीवनसाथी का स्पर्श एकदूसरे के शरीर में अपनापन, प्यार की फीलिंग करवाता है. बांहों में भर लेना, जीवनसाथी के शरीर को सहलाना, बालों पर हाथ फेरना, हाथों को दबाना जैसी बातें रिश्ते को ताजगी से भर देती हैं. टच फीलिंग मन से सारी कड़वाहट को निकाल कर रिश्ते में मिठास भर देता है.

सैक्स और रोमांस की डोज

किसी बात पर मनमुटाव होने पर अधिकतर जोड़े अपना गुस्सा आपसी संबंध पर निकालते हैं. दोनों संबंध बनाने में एकदूसरे को परेशान करने लगते हैं. रिश्ते के पौधे को मजबूत और हराभरा बनाए रखने के लिए उस में सैक्स और रोमांस का खादपानी देते रहना जरूरी है. रोमांस का मतलब केवल यौन संबंध ही नहीं होता. यह तो जीवन के वह रोमांचक क्षण होते हैं जो पतिपत्नी मिल कर बिताते हैं और जीवन का आनंद उठाते हुए अपने संबंधों में मधुरता बनाए रखते हैं. नियमित रूप से संबंध बनाने से पतिपत्नी का आपसी रिश्ता मजबूत और मधुर बना रहता है. किसी भी बात पर मनमुटाव पैदा होने पर एकदूसरे से मुंह फेरने के बजाय संबंध बनाएं व रोमांस के लिए समय जरूर निकालें. संबंध बनाने पर तनाव कम होता है और यह मनमुटाव को भी खत्म कर देता है.

कोशिश जारी रखें

रिश्ते की कड़वाहट को दूर करने के लिए समय का इंतजार न करें. लंबे समय तक रहने वाली आपस की कड़वाहट दूरियां ला देती है. यह भी न सोचें कि सामने वाला अगर बात करेगा तो मैं बात करूंगा/करूंगी. ऐसा करने पर बात और बिगड़ सकती है. इस के लिए खुद को कदम बढ़ाने की जरूरत है.

मामले को सुलझाने के लिए जब कोई एक आगे कदम बढ़ाता है तब जा कर मामला खत्म होने की संभावना बनती है. ऐसे में कभीकभी पौजिटिव रिजल्ट नहीं मिलता है. ऐसे में ‘सब बेकार है’ मान कर निराश हो कर बैठ न जाएं, कोशिश करते रहें.रिश्ते को सुधारने के लिए एक के बाद एक कोशिश करते रहना चाहिए. पत्नी नासमझी कर रही है तो पति को समझना चाहिए कि उसे खुद आगे कदम बढ़ा कर पत्नी को समझाने की जरूरत है. वहीं पति नहीं मान रहा तो पत्नी को मान लेना चाहिए कि उस में घमंड भरा हुआ है, जो आसानी से दूर नहीं होने वाला. रिश्तों में सुधार लाने के लिए कोशिश करना, वजन कम करने का प्रोग्राम नहीं है जिस पर अमल करते ही कुछ समय में पौजिटिव रिजल्ट मिल जाएगा. इस के रिजल्ट के लिए कभीकभी काफी लंबे समय की आवश्यकता होती है. पतिपत्नी यदि समझदार हों तो जल्दी रिजल्ट मिल जाते हैं.

सौरी बोलने का साहस

रिश्ते को हमेशा जीवंत बनाए रखने के लिए सौरी शब्द काफी अहम भूमिका निभाता है. विश्व के अनेक जोड़ों ने यह स्वीकार किया है कि आगे बढ़ कर उन के सौरी बोलने से रिश्ते को नई जिंदगी देने का मौका मिला है. अकसर देखा गया है कि लोग सौरी बोलने का साहस नहीं कर पाते हैं. सौरी बोलने से यदि रिश्ते को टूटने से बचाया जा सकता है तो हिम्मत से यह शब्द बोल देना चाहिए.

सम्मान को दें स्थान

रिश्ता बनाना जितना आसान होता है, उसे निभाना उतना ही मुश्किल. इसलिए यदि इसे बरकरार रखना है तो एकदूसरे का सम्मान करें. पतिपत्नी के बीच झगड़ा होना स्वाभाविक है पर झगड़े को बढ़ाएं नहीं. उस पर ज्यादा बहस के बजाय आगे बढ़ें. एकदूसरे को आजादी दें.

मुसीबत हारेगी प्यार जीतेगा

हर रिश्ते में चुनौतियां, खुशियां और मुसीबतें होती हैं लेकिन एकदूसरे का साथ दे कर जब आप इन चुनौतियों और मुसीबतों से लड़ते हैं और जीतते हैं तो वहां खुशियों को चारचांद लग जाते हैं. आज के समय में ज्यादातर दांपत्य जीवन बीच मंझधार में ही बिखर इसलिए जाते हैं क्योंकि शादीशुदा जोड़े जिंदगी की चुनौतियों के सामने हार मान जाते हैं. इसलिए आप मानसिक रूप से पहले से ही तैयार रहें. परिस्थितियां हमेशा एकजैसी नहीं होतीं बल्कि कभी खुशी कभी गम भी जीवन का एक हिस्सा है. साथ रहेंगे, साथ चलेंगे और जीवनभर एकदूसरे को कहेंगे कि हम साथसाथ हैं तो निश्चित ही प्यार से किए गए कामों की जीत होगी और मुसीबतों की हार. तो फिर सोचना क्या इस नए साल में यह संकल्प लीजिए कि जीवन की हर मुसीबत का, हर खुशी का साथसाथ मिल कर सामना करेंगे.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...