मैं 22 वर्षीया अविवाहिता हूं और बहुत भावुक किस्म की हूं. मेरे घर में एक बार किसी बात पर क्लेश हो गया था, उस समय गुस्से में आ कर मैं ने खुद को आग लगा ली, उस वक्त आवेश में होश खो बैठी थी. फलस्वरूप मेरा चेहरा और छाती जल गए. सर्जरी कराने की हैसियत नहीं है. तब मेरी सगाई हो चुकी थी लेकिन मेरे जलने की घटना के बाद वह टूट गई. मैं मंगेतर को दिलोजान से चाहती हूं, उसे भुला नहीं पा रही. अब हाल यह है कि सारे दिन रोती हूं. मेरे घर वाले मुझ से नफरत कर रहे हैं. मां दिनरात ताने मारती हैं कि मैं ने ही अपने हाथों सब उजाड़ा है. यह सब गुस्से में हुआ था. अब एक तो मुझे अपनी सुंदरता खोने का दुख है, दूसरे, सगाई टूटने का, क्या होगा मेरा? आप ही जीने की राह सुझाइए.

निसंदेह आप ने गलत किया, पर जो हो चुका उसे बदला तो नहीं जा सकता. यह तमाम प्रकरण ही खेद का विषय है. इसे एक दुखद प्रसंग समझ कर धीरेधीरे भूलना ही होगा. अब आप को अपने अंदर हिम्मत तो पैदा करनी ही होगी. खेद की बात यह है कि आप के घर वाले आप से अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे, हालांकि समय के साथसाथ वे ठीक हो  जाएंगे. आप को अब पूरी हिम्मत और आत्मविश्वास के साथ एक नया जीवन शुरू करना होगा. उत्साह के साथ नए जीवन की शुरुआत कीजिए.

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मैं एक 23 वर्षीया विवाहिता, 2 छोटे बच्चों की मां हूं. मेरे पति बेहद जिद्दी इंसान हैं, वे परदेस में रहते हैं और मैं यहां उन के संयुक्त परिवार के साथ रहती हूं. पति की जरा सी बात न मानो तो वे जोर से चिल्लाने व मारनेपीटने लग जाते हैं. घर के लोग भी उन के आते ही मेरी शिकायत करते हैं और उन का मुझ पर चीखना शुरू हो जाता है. मेरी कोई बात नहीं मानते. अगर कहती हूं, नौकरी कर लूं तो कहते हैं, तलाक ले ले. क्या करूं?

आप पति के साथ ही बाहर चली जाएं तो अच्छा रहेगा और वहां जा कर पति का विश्वास जीतने की कोशिश करें. उन की बात का विरोध न करें. घर वाले आप की शिकायत करते हैं तो कुछ बदलाव आप अपने व्यवहार में ला कर देखिए, फर्क पड़ेगा. क्या पति की बात का जवाब कुछ गलत अंदाज में देती हैं आप? रही बात कि पतिदेव झगड़ालू किस्म के हैं तो जब निभाने का प्रश्न आता है तो आप को ही समझौता करना होगा. एक बार उन के अनुसार चलेंगी तो वे भी आप से लड़नाझगड़ना छोड़ कर आराम से बातचीत करेंगे.

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मैं 25 वर्षीय अविवाहित, सेना में कार्यरत हूं. कुछ समय पहले विवाह के लिए एक लड़की देखी जो देखने में साधारण थी. कन्या पक्ष द्वारा जवाब मांगने पर हम ने कहा कि सोच कर बताएंगे. इस बीच मेरी बहन ने लड़की के विषय में पता किया तो मालूम हुआ कि लड़की का चरित्र ठीक नहीं है. इस बीच लड़की ने मुझे पत्र लिखे, जिन का मैं ने औपचारिक सा एक जवाब दे दिया था. अब आलम यह है कि उन्होंने कई लोगों को पत्र दिखाए और अब वे लोग धमकी दे रहे हैं कि हमारी लड़की से शादी करनी पड़ेगी. बोलते हैं कि कोर्ट में कहेंगे कि लड़के वाले दहेज मांग रहे हैं, ये लड़की ने स्वयं मेरे कमान अफसर को संबोधित कर पत्र लिखा है कि आप की यूनिट में मेरा मंगेतर है जो शादी से मुकर रहा है. क्या ये लोग मुझे झूठे आरोप में फंसा सकते हैं? मेरी मरजी के खिलाफ यह शादी हो सकती है? तनाव में मैं ने पीना भी शुरू कर दिया है, क्या करूं?

आप एक बहादुर वीर सैनिक हैं. देश का गर्व हैं और एक छोटी सी मुश्किल से घबरा गए. वैसे जब आप को विवाह करना ही नहीं था तो उसे अपना पता देना ही नहीं चाहिए था, न पत्र का जवाब ही देना चाहिए था. आप अपने कमान अफसर को सब बात बता दें और समझा दें कि लड़की वाले आप को ब्लैकमेल कर रहे हैं. वे सब स्थिति समझ कर आप का साथ देंगे. लड़की वाले कुछ भी नहीं कर सकते. शादी की बात हुई नहीं तो दहेज कहां से आ गया. आप ने पत्र में कुछ ऐसा तो नहीं लिखा था जो वे आप के पत्र दिखाते फिर रहे हैं. आप स्थिति से घबरा कर पीना बंद कर के अपने काम पर ध्यान दीजिए, लड़की वाले कुछ नहीं कर सकते. आप स्पष्ट रूप में उन को मना कर दें, तो वे स्वयं ही चुप हो जाएंगे.

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मैं 25 वर्षीय विवाहित पुरुष हूं, 6 महीने पहले ही विवाह हुआ है. हनीमून के समय से ही पत्नी मुझे परेशान करने लगी, घर में मेरा व मांबाप का कोई भी कहना नहीं मानती, घर का कोई काम नहीं करती, दिनभर बिस्तर पर लेटी रहती है और रातभर जागती है, कभी कहती है पेट में दर्द है, कभी सिर में. डाक्टर को दिखाया तो उस की दवा फेंक देती है, कहती है कि मैं उस के मांबाप के पास रह कर बिजनैस करूं और अपने मांबाप को छोड़ दूं, जो मैं कतई नहीं कर सकता. सासससुर उसे समझाने के बजाय उस की गलत हरकतों को बढ़ावा देते हैं. एक बार उस ने बताया कि उस का शादी से पहले दिमाग का इलाज हो चुका है. अब मनोचिकित्सक के पास जाना नहीं चाहती. मेरा कई बार आत्महत्या करने का दिल करता है पर मांबाप का ध्यान आ कर कदम पीछे कर लेता हूं, क्या करूं? राह सुझाइए?

आप की शादी गलत लड़की से हुई है और आप ने बताया कि उस का मनोचिकित्सक से इलाज भी हो चुका है. आप आत्महत्या का विचार कभी मन में ना लाएं. यद्यपि हम तो यही चाहते हैं कि घर हमेशा बसे  रहें पर आप के केस में आप का पत्नी से तलाक लेना ही ठीक रहेगा, कोशिश करिए कि सहमति से तलाक हो जाए, फिर कुछ समय बाद आप नया जीवन शुरू कर सकते हैं.

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