लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार में अचानक बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का एक वीडियो वायरल हो गया जिस में वह व्हीलचेयर पर बैठे दिखे और वे लोगों का सहारा ले कर चल रहे थे. लोगों को अचानक यह समझ नहीं आया कि तेजस्वी यादव को क्या हो गया है ? इस की वजह उन की कमर का दर्द था. अररिया में चुनाव प्रचार करते कमर में अचानक दर्द शुरू हुआ. चुनाव प्रचार की वजह से उन को आराम भी करने को नहीं मिल रहा जिस से उन को कमर दर्द से राहत नहीं मिल रही है.

बीमारी के बीच भी तेजस्वी यादव चुनाव मैदान पर डटे नजर आते हैं. चुनाव के बीच वह आराम करने से बच रहे हैं. बीमारी के बीच भी वह सारण और सिवान पहुंचे और यहां कई जनसभाओं को संबोधित किया. सारण में तेजस्वी यादव अपनी बहन और इस लोकसभा क्षेत्र की उम्मीदवार रोहिणी आचार्य के समर्थन में एयरपोर्ट मैदान, राजेंद्र स्टेडियम में दो अलगअलग चुनावी सभाओं को संबोधित किया.

उन को मंच पर खड़े होने में समस्या आ रही थी. जिसे देखते हुए साथ चल रहे विकासशील इनसान पार्टी के संस्थापक मुकेश साहनी आगे आए. उन्होंने तेजस्वी का सहारा दिया और साहनी के कंधे के सहारे उन्होंने मतदाताओं को संबोधित किया. देर शाम तेजस्वी वापस पटना लौटे तो एक बार फिर व्हील चेयर पर एयरपोर्ट से बाहर नजर निकले और आवास के लिए प्रस्थान कर गए. तेजस्वी यादव को कमर दर्द की दिक्कत है. रीढ़ की हड्डी एल-4 और एल-5 में दर्द होने से कमर का दर्द हो रहा है. इस को स्लिप्ड डिस्क भी कहते हैं.

क्या होती है स्लिप्ड डिस्क

स्लिप्ड डिस्क तब होती है जब रीढ़ की हड्डी में हड्डियों के बीच ऊतक का एक नरम तकिया बाहर की ओर उभर जाता है. अगर यह नसों पर दबाव डालता है तो दर्द होता है. यह आमतौर पर आराम, हल्के व्यायाम और दर्द निवारक दवाओं से धीरेधीरे ठीक हो जाता है. इस को प्रोलैप्सड या हर्नियेटेड डिस्क भी कहा जाता है.

स्लिप्ड डिस्क के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द, कंधों, पीठ, बांहों, हाथों, टांगों या पैरों में सुन्नता या झुनझुनी सी होती है. गर्दन में दर्द के साथ पीठ को मोड़ने या सीधा करने में दर्द होता है. कई बार जब डिस्क के दबाव से नितंबों, कूल्हों या पैरों में दर्द होने लगता है. सभी स्लिप्ड डिस्क के लक्षण पहले से नहीं दिखते हैं, जिस से कभी यह पता ही नहीं चलता कि डिस्क खिसक गई है.

कई बार उम्र बढ़ने, बहुत कठिन व्यायाम करने, भारी वस्तुओं को गलत तरीके से उठाने, लंबे समय तक बैठे रहना या गाड़ी चलाना, एक्सरसाइज न करने या अधिक वजन होने के कारण भी स्लिप्ड डिस्क हो सकता है. ज्यादा बाइक चलाने और सड़क ठीक न होने के कारण भी कमर का दर्द होने लगता है. इस से कमर में झटके पड़ते हैं. धूम्रपान करने वालों में निकोटीन रीढ़ की हड्डी में डिस्क ऊतक को कमजोर कर देता है. जिस से ऐेसे लोगों में यह परेशानी बढ़ जाती है.

स्लिप्ड डिस्क का इलाज

स्लिप्ड डिस्क से राहत के लिए लाइफ स्टाइल में बदलाव करना होता है. डाक्टर कुछ एक्सरसाइज बताता है. ज्यादा से ज्यादा आराम करने और दर्द निवारक दवाएं लेने से स्लिप्ड डिस्क के दर्द से राहत मिल सकती है. यदि दर्द बहुत तेज है तो पहले आराम करने की आवश्यकता हो सकती है. लेकिन जितनी जल्दी हो सके हल्का व्यायाम शुरू करें. यह तेजी से बेहतर होने में मदद करेगा.

व्यायाम में धीरेधीरे अपनी गतिविधि को बढ़ाएं. दर्द को कम करने के लिए इबुप्रोफेन जैसे सूजन रोधी दर्द निवारक दवाएं ली जा सकती हैं. जब दर्द अधिक हो तभी यह दवा लें क्योंकि इस के भी साइड इफैक्ट होते हैं.

अगर आराम, एक्सरसाइज और दर्द की दवा लेने के बाद भी राहत नहीं मिल रही है तो डाक्टर एमआरआई स्कैन जैसे अन्य जांच के लिए कह सकता है. जिस के आधार पर  फिजियोथेरैपिस्ट से इलाज के लिए कहा जा सकता है. स्लिप्ड डिस्क में आमतौर पर सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यदि आप को लक्षण हैं तो डाक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं. स्लिप्ड डिस्क के इलाज में औस्टियोपैथी जैसी मैनुअल थेरैपी, पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है.

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