कांग्रेस और सपा को वोट देना पाप है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में माफियाओं को नष्ट कर दिया. योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के एटा लोकसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे. इस दौरान सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में माफियाओं के राज को खत्म कर दिया है. भाजपा आप के हितों के लिए काम कर रही है. कांग्रेस की सरकार आई तो वह एसटी, एससी व ओबीसी आरक्षण के एक हिस्से को मुसलमानों को दे देगी.

योगी ने कहा कि ‘उस समय के बारे में सोचें जब समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान राजीव पाल की हत्या कर दी गई थी. भाजपा सरकार में एक माफिया ने उमेश पाल की हत्या कर दी थी, लेकिन अब हर कोई जानता है कि माफिया को कैसे नष्ट कर दिया गया. भाजपा आप के हितों के लिए काम कर रही है. इन चुनावों में आप को वोट देने से पहले जाति या धर्म नहीं देखना है. आप केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा देखिए.

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस और एसपी गठबंधन से सावधान रहें. यह यहां दो काम करने आए हैं, ‘अगर ये सत्ता में आए तो एसटी, एससी और ओबीसी आरक्षण का एक हिस्सा मुसलमानों को देंगे. इस इरादे के साथ देश के इसलामीकरण और तालिबानी व्यवस्था को लागू कर कांग्रेस देश को विभाजन की ओर धकेल रही है. दूसरी ओर वे कह रहे हैं कि वे अल्पसंख्यकों को जो चाहें खाने की आजादी देंगे. क्या यह बहुसंख्यकों के लिए आपत्तिजनक है? यूपी में गोहत्या प्रतिबंधित है. कांग्रेस एसपी को दिया गया कोई भी वोट पाप का कारण होगा.’

संविधान ने मतदान को कहा, पाप पुण्य को नहीं

देश का संविधान कहता है कि हर भारत के नागरिक को अपना जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार है. इस के लिए लोकसभा, विधानसभा और पंचायत के चुनाव होते हैं. नागारिक बिना किसी डर लाभ के वोट करें. अपने जनप्रतिनिधि को वोट दे कर चुन सके. वह सरकार बनाए देश के हित और विकास में वोट दे. हर 5 साल के बाद नागरिकों को यह अधिकार मिलता है. वोट देने के समय यह देखना जरूरी होता है कि जिसे आप चुन रहे हैं वह कैसा है ? राजनीतिक दल अपने अलगअलग तरह के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार देते हैं. इस के बाद उस के पक्ष में वैसा ही प्रचार होता है जैसे गोरेपन की क्रीम का होता है.

वैसे तो लोकसभा के चुनाव सांसद चुनने के लिए होता है. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में प्रचार यह किया जा रहा है कि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा देख कर चुनाव हो. योगी ने अपने भाषण में कहा कि ‘आप केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा देखिए.’ वोट देते समय आप को अपने सांसद का चेहरा देखने की जरूरत है. आप के क्षेत्र में जो चुनाव लड़ रहा है उसे देख कर वोट दीजिए. वोट पाने के लिए ही पाप और पुण्य की बात कही जा रही है.

असल में रूढ़िवादी सोच हमें पाप, पुण्य और पुर्नजन्म की कहानियां सुनाती है. हम कोई भी काम करने से पहले पाप, पुण्य को देखते हैं. इस के सामने आते ही हम अपनी आंखें बंद कर लेते हैं. इस के बाद कोई भी हमें बेवकूफ बना कर जा सकता है. यही बात चुनाव प्रचार में समझाई जा रही है. योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री होने के साथ ही साथ संत भी हैं. तो उन की इस तरह की अपील ज्यादा प्रभावी होती है. इसीलिए भाजपा उन का प्रयोग कर रही है. चुनाव प्रचार में वह नरेंद्र मोदी के बाद भाजपा के नंबर दो के नेता हैं. उन का प्रचार धर्म का प्रचार लगता है.

पुण्य मतलब भाजपा

योगी आदित्यनाथ के बयान में पाप मतलब कांग्रेस और दूसरे विरोधी दल हैं तो पुण्य मतलब भाजपा है. मतदान को भी योगी ने एक तरह का दान समझ लिया है. दान के बारे में कहा जाता है कि यह सुपात्र को ही दिया जाता है. अब देखिए यहां सुपात्र किस को बताया जा रहा है. जो दिन भर हिंदूमुसलमान करें. मंदिर बनवाए, अपार शक्ति वाला राजा हो. वह ऋषि मुनियों की जमात से आए. यहां शूद्र हो कर पठनपाठन करने वालों को सुपात्र नहीं माना गया है. भाजपा खुद को दूसरे दलो से श्रेष्ठ मानती है. चुनाव प्रचार में भाजपा अपने 10 साल की सरकार के कामकाज पर हिसाब देने बात करने को तैयार नहीं है.

उसे लगता है कि यह बातें जनता को लुभाने में सफल नहीं होगी. ऐसे में भाजपा के निशाने पर या तो कांग्रेस का गांधी परिवार है या फिर हिंदूमुसलमान. 3 चरण के चुनाव प्रचार में यही देखने को मिल रहा है. 10 साल केंद्र में भाजपा की सरकार काम कर रही है 7 साल से उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है. यह डबल इंजन की सरकार से प्रदेश को क्या हासिल हुआ ? न तो परिक्षाओं में पेपर लीक रुकी है न नौकरियां मिल रही हैं. रिश्वतखोरी भी कम नहीं हुई है. आखिर बदलाव है कहां ? इस वजह से ही भाजपा पाप पुण्य को मुद्दा बना रही है.

मतदान कोई दान नहीं है. जिस को बिना कुछ सोचेसमझे दे दिया जाए. मतदान एक अधिकार है. जिम्मेदारी है. ऐसे में संविधान कहता है कि अपने मत का प्रयोग बहुत सोचसमझ कर करें. तभी लोकतंत्र की अवधारणा सच होगी. अगर किसी दबाव या लोभ के बल पर वोट दिया गया तो वोट की ताकत को कमजोर करना होगा. इस से लोकतंत्र भी कमजोर होगा. मतदान आप का अधिकार ही नहीं जिम्मेदारी भी है. सोचसमझ कर सतर्कता के साथ मतदान करें. आप का सही मतदान ही 5 साल की गांरटी देगा.

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