लोकसभा चुनाव का समर सजने वाला है, इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संरक्षण में देशभर में रेवड़ियां बांटने का काम शुरू हो गया है. एक समय में नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लक्ष्य कर के कहा था कि जिस तरह आम आदमी पार्टी मतदाताओं को रेवड़ियां बांट रही है वह देश के लिए नुकसानदायक है.
यहां याद करने वाली बात यह है कि उस दरमियां सारे देश में एक ऐसा माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा था कि मतदाताओं को किसी भी तरीके का लाभ चुनावपूर्व देना हरेक दृष्टि से उचित नहीं है और मामला देश की सब से बड़ी अदालत में भी पहुंच गया था. मगर आश्चर्य की बात यह है कि मोदी की गारंटी का एक नया नारा दे कर के देशभर में वही सब नाटक शुरू कर दिया गया है जिसे रोकने की बात नरेंद्र मोदी ने की थी.

सचाई यह है कि देश की आर्थिक स्थिति इस वक्त डांवाडोल है. औसतन देश के एक नागरिक पर लगभग डेढ़ लाख रुपए का कर्ज चढ़ चुका है. ऐसे में अब महतारी वंदन के नाम पर हर महिला को प्रतिमाह 1,000 रुपए देने की शुरुआत कर के नरेंद्र मोदी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं.

महतारी बंधन के नाम पर प्रतिमाह 1,000 रुपए की यह शुरुआत आगे चल कर सुरसा के मुंह की तरह देश की संपूर्ण अर्थव्यवस्था को चौपट कर देगी क्योंकि भाजपा 1,000 रुपए दे रही है तो हो सकता है कांग्रेस 2,000 रुपए, ममता बनर्जी 3,000 रुपए व आगे चल कर अरविंद केजरीवाल 5,000 रुपए देने की बात करें. ऐसे में देश की क्या स्थिति होगी, इस का आसानी से अंदाज लगाया जा सकता है.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना की शुरुआत करते हुए 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में 655 करोड़ 57 लाख रुपए की राशि अंतरित कर अपने ही पूर्ववर्ती रेवड़ी संस्कृति के सवाल को धता बता दिया.

नरेंद्र मोदी ने बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी से रायपुर के साइंस कालेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम से वर्चुअल रूप से जुड़ते हुए अपने संबोधन में कहा, “यह मोदी की गारंटी है. हमारी माताओंबहनों को छत्तीसगढ़ सरकार नियमित रूप से प्रतिमाह 1,000 रुपए की राशि प्रदान करेगी.”

नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “महतारी वंदन योजना के तहत छत्तीसगढ़ की 70 लाख से अधिक माताओंबहनों को हर महीने एक हजार रुपए देने का वादा किया गया था. सरकार ने अपना वादा पूरा किया. आज महतारी वंदन योजना के तहत 655 करोड़ रुपए की पहली क़िस्त सरकार ने जारी कर दी है. हमारी डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता हमारी माताओंबहनों का कल्याण है.

“आज परिवार को पक्का घर मिल रहा है वह भी महिलाओं के नाम पर, उज्ज्वला का सस्ता सिलेंडर मिल रहा है वह भी महिलाओं के नाम पर. 50 प्रतिशत से अधिक जनधन खाते वह भी महिलाओं के नाम पर. 65 प्रतिशत से ज्यादा मुद्रा लोन भी महिलाओं ने लिया है, खासकर नौजवान बेटियों ने.”

लालच का अंधेरा कुआं

लोकतंत्र का मतलब यह नहीं है कि चुनी हुई सरकारें मतदाताओं को लौलीपौप दे कर वोट हासिल कर लें. लोगों को शिक्षित करना, स्वावलंबी बनाना, अपने पैरों पर खड़ा करना सरकार का अहम कर्तव्य है. मगर आजकल सरकारें सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के चक्कर में लोगों को भेड़बकरियां बनाने में लगी हुई हैं.

इस तारतम्य में नरेंद मोदी ने छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन कार्यक्रम में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, “चुनावों में हम ने छत्तीसगढ़ की खुशहाली की जो गारंटी दी थी उसे पूरा करने के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है. हम ने गारंटी दी थी कि 18 लाख पक्के घर का निर्माण करेंगे. सरकार बनने के दूसरे ही दिन श्री साय ने यह काम शुरू कर दिया.

“छत्तीसगढ़ के धान किसानों को 2 साल के बकाया बोनस की गारंटी दी थी. छत्तीसगढ़ सरकार ने अटलजी के जन्मदिवस के अवसर पर 3,716 करोड़ रुपए किसानों के खाते में बोनस की राशि पहुंचा दी. हम ने गारंटी दी थी कि किसानों से 3,100 रुपए प्रति क्विंटल धान की खरीदी करेंगे, यह वादा पूरा हुआ और 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर रिकौर्ड बना दिया.”

वादों, गारंटियों, रेवड़ियों आदि से यह साफ हो गया है कि देश एक अंधेरे युग की तरफ आगे बढ़ रहा है जहां कोई उजाला फैलता दिखाई नहीं दे रहा. आने वाले समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से ऐसे ही और भी रेवड़ियां बंटेंगी जिन के परिणामस्वरूप देश का आम आदमी अपने पैरों पर कभी खड़ा ही नहीं हो पाएगा. कुछ लोग तो यही चाहते हैं कि आमलोग हाथ फैलाए खड़े रहें और वे राज करते रहें.

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