तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा के लिए अपने सभी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. टीएमसी ने सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. इस को विपक्ष के बिखराव के रूप में देखा जा रहा है. इस के बाद भी कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में बिखराव से इंकार करते कहा है कि ममता बनर्जी के साथ बातचीत चल रही है. जब तक नाम वापसी नहीं हो जाती गठबंधन की संभावनाओं को खारिज नहीं किया जा सकता.

2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का मुख्य काम विपक्ष को एकजुट रखने का था. इंडिया गठबंधन बना कर कांग्रेस ने इस काम को काफी हद तक पूरा भी किया है. कांग्रेस ने कमोवेश इंडिया गठबंधन के हर सहयोगी का ध्यान रखते हुए सीटों का बंटवारा किया. राहुल और सोनिया गांधी की रणनीति यह थी कि विपक्ष को बंटने न दें. इस का पूरी तरह से कांग्रेस ने पालन किया है. इस के बाद भी जो बिखराव दिख रहा है वह चुनाव आतेआते खत्म हो जाएगा.

कुछ भी मुमकिन है

जैसा बिखराव आज कांग्रेस के साथ दिख रहा है 10 साल पहले 2014 के लोकसभा चुनावों के समय यही बिखराव भाजपा के सामने था. भाजपा में इस बात को ले कर विरोध था कि किस का चेहरा पीएम फेस बने. सब से अधिक चर्चा 2004 और 2009 के पीएम इन वेटिंग लालकृष्ण आडवाणी को ले कर हो रही थी. उन की उम्र को ले कर सवाल थे. दूसरे नम्बर पर राजनाथ सिंह थे जो उस समय के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. इस के बाद के कई और नाम जैसे नितीन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र मोदी के थे.

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