Ajaz Khan:गंभीर आवाज, अच्छी कदकाठी के अभिनेता और रिऐलिटी शो बिग बौस 7 के पूर्व कंटैस्टेंट एजाज खान धारावाहिक ‘रक्तचरित्र’, ‘रहे तेरा आशीर्वाद’ आदि में भूमिका निभा कर चर्चित हुए हैं. इस के अलावा उन्होंने हिंदी फिल्मों और वैब सीरीज में भी काम किया है.

एजाज खान का जन्म गुजरात, अहमदाबाद में हुआ. कालेज के समय से उन की अभिनय करने की इच्छा हुई. इस के बाद वे मौडल बने और कई विज्ञापनों में काम किया. उन की जर्नी में उन की पत्नी और 2 बेटे हैं, जो क्रिकेट और फुटबौल खेलते हैं.

एजाज ने काम भले ही अधिक न किया हों लेकिन उन का नाता कंट्रोवर्सी से हमेशा रहा है. इस की वजह के बारे में उन का कहना है, “पहले मैं स्पष्टभाषी था, जो सामने दिखता उसे कह दिया करता था लेकिन अब नहीं कहता, समय के अनुसार चलने की कोशिश करता हूं.”

उन की वैब सीरीज ‘अमावस्या’ रिलीज पर है, जो अंधविश्वास के जाल में फंसे इंसान की दुर्दशा को बताती है. इस के अलावा एजाज एक म्यूजिक वीडियो भी करने वाले हैं. वे कहते हैं, “’अमावस्या’ में मैं ने आईपीएस पुलिस औफिसर की मुख्य भूमिका निभाई है. मेरे कई आईपीएस दोस्त हैं, उन से मैं ने अभिनय की बारीकियां सीखी हैं. ढाई साल के बाद मैं ने कैमरा फेस किया था, इसलिए मेहनत अधिक करनी पड़ी. जेल में रहते हुए मेरा वजन भी काफी बढ़ गया था, जिसे कम करना पड़ा.”

फिर से किए काम शुरू

एजाज ने 26 महीना आर्थर जेल में बिताए हैं. उन्हें मन में विश्वास था कि उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया है, उन्हें आजादी मिलेगी. वे उस वक्त बहुत मायूस हुए, लेकिन मजबूत बने रहे. वे कहते हैं, “जेल में रहते हुए मैं ने अपने मन में सोचा कि मैं ने कोई गलत काम नहीं किया है और मुझे आजादी मिली. इस दौरान मैं ने खुद को अधिक मजबूत बनाया. जिस औफिसर ने मुझे जेल में डाला था, आज उस पर भी केस चल रहा है. उस ने मुझ पर झूठा केस डाला था. वह सैलिब्रिटी को झूठे आरोप में डाल कर सब से पैसे लेता था, जो बाद में सब को पता चला. अब उस की बारी जेल जाने की है. इन 26 महीनों को मेरी पत्नी और बच्चों ने बहुत मुश्किल से झेला है. मेरा सब काम छूट गया. मेरे सारे प्रोजैक्ट बंद हो गए थे. लेकिन मैं ने हौसला नहीं छोड़ा और अब फिर से काम करना शुरू कर दिया है. मैं ने देखा है कि जेल में बिना जुर्म किए, बहुत सारे लोग सजा पा रहे होते हैं, मायूस हो कर कुछ तो पंखे से लटक कर अपनी जान तक दे देते हैं. मेरा भी एक बुरा समय था, जो बीत गया. मेरे परिवार को भी पता था कि मैं ने कुछ किया नहीं है, वे हमेशा मेरे साथ मजबूती से खड़े रहे.”

कंट्रोवर्सी की वजह

एजाज बताते हैं, “फिल्म इंडस्ट्री के लोग पुलिस के सौफ्ट टारगेट होते हैं, क्योंकि उन्हें नाम और पैसा दोनों साथसाथ मिल जाते हैं. उस ने मुझे ही नहीं, शाहरुख खान के बेटे, अरमान कोहली, दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह आदि सभी के नामों को उछाला है. दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह के साथ भी मेरी अच्छी दोस्ती थी, उस के साथ मेरा घूमनाफिरना होता था. इसलिए कई वीडियोज उस के साथ मेरे थे, इसलिए मुझे भी पुलिस ने जबरदस्ती बुला लिया.
“मेरी थोड़ी बहस भी हो गई थी. जब शाहरुख खान के बेटे को पुलिस वालों ने नहीं छोड़ा, तो मैं क्या चीज हूं. बाद में शाहरुख खान का बेटा छूट गया, लेकिन मेरे पास न तो इतना पैसा है और न ही कोई बड़ा नेता मेरे पीछे है. मैं 26 महीने बाद छूटा हूं, केस अभी भी चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट से मेरी बेल हुई है. इस के पीछे घरवालों की काफी मेहनत रही है. इस के अलावा मैं पहले बहुत ब्लंट था, सच अधिक बोल देता था. अब सच नहीं बोल सकते हो, तो झूठ भी मत बोलो, चुप रहो. इसी सिद्धांत पर चलने लगा हूं.”

मिली प्रेरणा

फिल्म इंडस्ट्री में आने की प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर एजाज कहते हैं, “कालेज में मुझे सभी कहते थे कि मैं अच्छा दिखता हूं, मेरी बौडी अच्छी दिखती है. कालेज के शो और थिएटर करते हुए इस क्षेत्र में आने की इच्छा जगी और ऐक्टिंग फील्ड में आ गया. यहां मैं ने एकता कपूर के शो से काम करना शुरू किया. बिग बौस में दूसरे नंबर पर था. फिर ‘खतरों के खिलाडी’ में भाग लिया. मैं ने विलेन के रूप में 28 फिल्में की हैं. साउथ के सभी बड़ेबड़े कलाकारों के साथ काम किया है. कैरियर बहुत अच्छा जा रहा था, तभी बीच में यह हादसा हो गया था. मेरा करीब ढाई से तीन साल का समय खराब हो गया.”

बिग बौस से मिला फायदा

बिग बौस में जाने से एजाज को बहुत फायदा मिला था. वे कहते हैं “मुझे उस रिऐलिटी शो में जाने से बहुत अधिक फायदा हुआ था, मेरी प्रसिद्धि बढ़ी, मेरे बैंक अकाउंट में वृद्धि हुई, लोगों का प्यार मिलने लगा, बड़ेबड़े इवैंट्स मिलने लगे. सफलता मिलने पर उसे संभालना बहुत आवश्यक होता है, जिसे सभी नहीं कर पाते.”
बिग बौस में फेवरिज्म के बारे में एजाज कहते हैं, “ऐसा कभी नहीं होता. फैन्स का प्यार, दर्शकों की वोटिंग और उस व्यक्ति के स्वभाव पर सब निर्भर करता है. मुनव्वर का जीतना बहुत सही था, उस ने बहुत अच्छा परफौर्मेंस दिया है.”

दर्शकों की पसंद को पकड़ना हुआ मुश्किल

फिल्म इंडस्ट्री बुरे दौर से गुजर रही है. इस की वजह आप क्या मानते हैं? इस सवाल के जवाब में वे कहते हैं, “दरअसल एक निर्देशक पूरी फिल्म को विजुअल कर सकता है. एक तरह की कहानी लगातार नहीं चल सकती. समाज में बुराइयां, हिंसा, चोरी, रेप आदि सब हो रहे हैं. साथ ही, देश को लूटा भी जा रहा है. निर्देशक हर तरह की स्टोरी कहना चाहता है और दर्शक की पसंद क्या है, इसे निर्देशक समझ नहीं पा रहे हैं, इसलिए फिल्में बन तो रही हैं, लेकिन चल नहीं रही हैं. एक जोनर की फिल्में चलने पर निर्माता, निर्देशक वैसी ही कई फिल्में बना लेते हैं और फिर वे चलती नहीं. साउथ के फिल्ममेकर दर्शकों की पसंद जानते हैं और उन की फिल्में चलती हैं. नई चीज सब को पसंद आती है.”

नहीं मिलता इंसाफ

एजाज कहते हैं, “मैं आगे निर्देशन में जाना चाहूंगा और जेल में मुझ पर जो बीती है, उस को मैं ने लिख लिया है और उसे फिल्म के रूप में सब को दिखाना चाहता हूं. वह एक अलग दुनिया है, वहां 20 प्रतिशत गुनाहगार और 80 प्रतिशत बेगुनाह होते हैं. उस दौरान उन के परिवार पर क्या बीतती है, वकील और जज उन्हें कैसे बेवकूफ बनाते हैं आदि सब मैं ने लिखा है. ‘तारीख पे तारीख’ के संवाद मैं ने बचपन में सुना था और अब मैं ने देख लिया है कि इंसाफ जल्दी नहीं मिलता, मिलती है तो सिर्फ तारीख.
“26 महीने तक मुझे सिर्फ तारीख ही मिली. अंत में मुझे इंसाफ मिला, जिसे मैं ने बड़ेबड़े वकील रख कर, काफी पैसे खर्च कर हासिल किया. ऐसे में गरीब व्यक्ति क्या कर सकेगा. वे जेल में सड़ रहे हैं और एक साल बाद उन के घर वाले भी उन्हें भूल जाते हैं. न्याय मिलने की देरी की बात की जाए तो इस की वजह जजों की कमी है. इस कमी से लाखों केस पैंडिंग पड़े रहते हैं. फास्ट केस सिर्फ नेताओं के चलते हैं, उन को न तो सजा होती है, न तो उन का कोई कुछ बिगाड़ सकता है.

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