उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में परिवार वालों ने एक समलैंगिक युवक का दहेज के लालच में एक महिला से शादी करवा दी. बाद में लड़के ने स्वीकारा कि वह गे है और उसे लड़कियों में दिलचस्पी नहीं. महिला ने अपने घरवालों को इस की जानकारी दी. उस के बाद ससुराल वालों ने महिला के साथ मारपीट की. तब पीड़ित महिला ने 5 लोगों के साथ दहेज उत्पीड़न के अलावा अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया.

इस 12 फरवरी को महिला ने पुलिस को शिकायतीपत्र लिख कर बताया कि 29 मई, 2021 को सुरेंद्र कुमार जायसवाल के बेटे मनीष कुमार जायसवाल के साथ उस की शादी कराई गई. महिला के पिता ने शादी में दान, दहेज और अन्य खर्चों के साथ कुल 34 लाख रुपए नकद खर्च किए थे. लेकिन जब बहू ससुराल आई तो उस के साथ अच्छा व्यवहार नहीं हुआ.

साथ ही, पति उसे दांपत्य सुख देने में असमर्थ रहा. उसे एहसास होने लगा कि पति समलैंगिक है या शादी के पहले से शारीरिक, मानसिक बीमारी से ग्रसित है. महिला ने अपने पति मनीष से बात की तो मनीष ने रोते हुए कहा कि मैं ने तुम्हें धोखा दिया है, तुम मुझे तलाक दे दो. मैं ने अपने परिवार और चाचा के दबाव में तुम से शादी की है. मनीष ने अपनी सचाई का खुलासा करते हुए कहा कि वह समलैंगिक हैं. यह सुन कर महिला हैरान रह गई.

जब उस ने यह बात अपने परिजनों को बताने को कहा तो उपरोक्त ससुराल वालों ने महिला के साथ गालीगलौज की और बेल्ट से पिटाई की. जिस के बाद महिला अपने भाई के साथ अपने मायके लौट आई. पुलिस ने महिला की शिकायत पर उस के पति, सास, ससुर, देवर और अन्य मायके वालों समेत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी.

अकसर लोग परिवार में किसी का मन रखने के लिए या किसी पारिवारिक स्थिति के दबाव में आ कर शादी के लिए हां बोल देते हैं. लेकिन शादी कोई मजाक नहीं है. शादी इंसान के जीवन का बहुत बड़ा फैसला होता है. इस के बाद जिंदगी मनमाने ढंग से जीने वाली नहीं रह जाती. जिम्मेदारियों का बोझ उठाना पड़ता है. लेकिन कुछ लोग इस बात को समझे बगैर परिवार के दबाव में आ कर शादी के लिए हां बोल देते हैं. ऐसे में शादी के शुरुआती दिन तो अच्छे लगते हैं लेकिन बाद में यह रिश्ता जबरन ढोने वाली मजबूरी बन कर रह जाता है.

ऐसे रिश्ते में न प्यार रहता है और न ही आपसी समझ. इसलिए जब भी आप के घर में आप की शादी की बात चले तो सिर्फ परिवार की मरजी के लिए हां न बोलें. इस शादी में आप को ख़ुशी मिल रही है या नहीं और आप अपने पार्टनर को ख़ुशी दे पाएंगे या नहीं, इस पर विचार जरूर कर लें. चूंकि शादी के बाद निभाना आप को और आप के पार्टनर को है, इसलिए शादी से पहले खुद से कुछ जरूरी सवाल करें, उस के बाद ही कोई फैसला करें.

सब से पहला सवाल है कि आप को अभी शादी क्यों करनी चाहिए ?

इस सवाल का जवाब पूरी ईमानदारी से ढूंढने का प्रयास कीजिए. शादी के बाद आप पार्टनर की जिंदगी का हिस्सा बन जाएंगे. आप को अपने साथ ही पार्टनर की खुशियों का भी खयाल रखना होगा. यही नहीं, शादी करने के बाद आप की इंडिपेंडैंट लाइफ की फ्रीडम खो जाती है. अपने साथी और घर की जिम्मेदारियां उठाने के अलावा आप को कुछ कम्प्रोमाइज भी करने पड़ते हैं. खुद से पूछें कि क्या इन सभी स्थितियों के लिए आप पूरी तरह तैयार हैं? कहीं यह शादी आप किसी मजबूरी में तो नहीं कर रहे?

आप के पार्टनर आप की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा ?

हर व्यक्ति की अपने पार्टनर को ले कर कुछ उम्मीदें होती हैं. ऐसे में जिस लड़की या लड़के से आप के परिवार वाले आप की शादी कराना चाहते हैं, क्या वह पार्टनर बनने के बाद आप की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा. इस बारे में अच्छे से सोच लें और जिस से आप की बात चल रही है, उस से बातें कर के परख लें. अब वह जमाना नहीं है जब लड़कियां एकतरफा समझौता कर के सबकुछ सह लेती थीं. आप का पार्टनर कहां रहना चाहता है, जौब या बिजनैस क्या करना चाहता है, उसे क्या पसंद है और क्या नहीं वगैरह की जानकारी लें. सामने वाले की उम्मीदों को आप किस हद तक पूरा करने में सक्षम हैं, इस के बारे में भी एक बार जरूर सोचें. जरूरत महसूस हो तो उस से दोचार बार मिलें और तसल्ली करें कि आप इस शादी को निभा पाएंगे.

फैमिली प्लानिंग के लिए कितने तैयार हैं आप ?

शादी का फैसला लेने के साथ ही आप को इस बारे में भी जरूर सोचना चाहिए क्योंकि शादी होते ही कुछ समय बाद परिवार के लोगों में बच्चे को ले कर बातें शुरू हो जाती हैं. आप एक या दो साल इन बातों को टाल सकते हैं लेकिन इस के बाद आप को भी फैमिली प्लानिंग करनी ही होगी. बच्चा आ जाने के बाद जिम्मेदारियां कई गुना बढ़ जाती हैं. इन सब के लिए आप किस हद तक तैयार हैं.

जब बात लव मैरिज की हो

भले ही आप अपने साथी के साथ कई वर्षों से रह रहे हों और अपने पार्टनर से बेहद प्यार करती हों लेकिन शादी का डिसिजन वास्तव में एक बड़ा फैसला है. याद रखें, शादी दो दिन की खुशियां नहीं है बल्कि यह जीवनभर का साथ और कमिटमैंट है. आप आज किसी से मिले, कल आप को प्यार हुआ और चंद दिनों में ही आप ने शादी का फैसला कर लिया. यह सबकुछ फिल्मों में देखने या दिल में सोचने में भले ही अच्छा लगता हो लेकिन वास्तविक जीवन इस से काफी अलग होता है. रिश्ते बेहद कोमल और नाजुक पौधे के समान होते हैं जिन्हें बढ़ने में समय लगता है और अगर इन की सही तरह से देखरेख न की जाए तो ये सूख जाते हैं. अगर आप जल्दबाजी में फैसला कर लेती हैं तो हो सकता है कि आप को बाद में पछताना पड़े.

वैसे भी, जब बात शादी की आती है तो मन में कई तरह के संशय होते हैं. जब तक आप के मन के सभी संशय दूर न हो जाएं तब तक आप कदम न बढ़ाएं. इस के लिए आप दोनों साथ मिलबैठ कर बात कर सकते हैं और अपने फ्यूचर प्लान के बारे में डिस्कस कर सकते हैं.
शादी करने के लिए आप दोनों का एकदूसरे को जानना व विश्वास करना बेहद जरूरी है. शादी तब करें जब यह यकीन हो जाए कि आप उन के अतीत से ले कर उन के सपनों के बारे में जानते हैं, साथ ही, उन पर भरोसा कर सकते हैं. शादी के लिए भरोसा बहुत ज़रूरी है.

इन बातों के लिए भी तैयार रहें-

कमिटमैंट और जिम्मेदारियों के लिए तैयार रहें

रिलेशनशिप एक्सपर्ट पौलेट शर्मन के अनुसार, कमिटमैंट एक क्रूशियल स्किल है जो शादी में किसी और के साथ जुड़ने से पहले होनी चाहिए. सब से पहले आप को उस व्यक्ति के बारे में आश्वस्त होना चाहिए जिस से आप शादी कर रहे हैं और उस के साथ कमिटेड होने का निर्णय लेना चाहिए क्योंकि शादी में हमेशा कठिन समय आता है. एकदूसरे के प्रति कमिटेड होने का मतलब है कि आप दोनों एकसाथ कठिन रास्तों से गुजरने के लिए तैयार हैं. कमिटमैंट आप को धैर्य और अनुशासन जैसे अन्य गुणों को विकसित करने में मदद करता है जो रिश्ते में महत्त्वपूर्ण हैं.

अपने साथी के परिवार से भी प्यार जरूरी

जब आप किसी व्यक्ति से विवाह करते हैं तो आप उन के परिवार के साथ विवाह कर रहे होते हैं. विवाह उतना ही परिवारों के बीच का मिलन है जितना व्यक्तियों के बीच. एक परिवार को पुत्र प्राप्त होता है और दूसरे को पुत्री प्राप्त होती है. यानी, आप किसी व्यक्ति से उस के परिवार के फायदों, दायित्वों और तनावों आदि के साथ भी विवाह कर रहे हैं. आप को अपने नए परिवार के सदस्यों के साथ मिलनाजुलना सीखना चाहिए. शादी से पहले यह आसान हो सकता है लेकिन उस के बाद यह पहले जैसा नहीं हो सकता. कभीकभी आप को अपने साथी के परिवार के लिए वैसे ही समझौता करना पड़ सकता है जैसे आप अपने साथी के लिए करते हैं. यदि आप अपने साथी के परिवार के साथ अच्छा व्यवहार करना नहीं सीखते हैं तो इस से विवाह संबंध निभाने में मुश्किलें आ सकती हैं और यह रिश्ता टूट भी सकता है.

सुनिश्चित करें कि आप की उम्मीदें व्यावहारिक हैं

आप अपने साथी से कितना भी प्यार करते हैं या उन्हें अपना आदर्श मानते हों पर यह याद रखें कि कोई भी इंसान पूर्ण नहीं होता. इसलिए शादी करने से पहले खुद को टटोलें कि आप कहीं उन से जरूरत से ज्यादा अपेक्षाएं तो नहीं रखने वाले? यह भी समझें कि ऐसे समय भी आएंगे जब वे इन अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पाएंगे और तब भी आप को उन के साथ खड़ा रहना होगा उसी प्यार और विश्वास के साथ.

मैं की जगह हम बनने को तैयार रहें

शादी के बाद आप एकदूसरे के जीवन का हिस्सा बन जाते हैं, इसलिए आप का जीवन अब आप में से प्रत्येक के बारे में नहीं, बल्कि आप दोनों के बारे में है. अब आप अपना जीवन केवल अपने लिए नहीं जिएंगे बल्कि पार्टनर के लिए भी जिएंगे. इसलिए जो फैसले आप शादी से पहले आवेश में आ कर लेते थे उन्हें अब अपने साथी को ध्यान में रखते हुए अधिक सोचसमझ कर लेना होगा. निर्णय लेने से पहले आप को उन से परामर्श करना होगा.

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