मुंबई हमलों का गुनाहगार और मोस्ट वांटेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के बारे में यह खबर है कि पाकिस्तान के कराची शहर, जहां बीते कई सालों से उस ने अपना सुरक्षित ठिकाना बना रखा था, में उस के बंगले में ही उसे जहर दे कर मारने की कोशिश की गई है.

सोशल मीडिया के हवाले से कहा जा रहा है कि कराची में दाऊद को एक अस्पताल में भरती कराया गया है. उस की हालत नाजुक है और डाक्टर्स की टीम उस के इलाज में जुटी है. हालांकि, उसे सामान्य रूप से बीमार होने की बात कह कर अस्पताल में भरती कराया गया है.

गौरतलब है कि इस से पहले भी दावा किया गया था कि दाऊद कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है. पिछले दिनों चर्चा थी कि गैंग्रीन के कारण कराची के एक अस्पताल में उस के पैर की 2 उंगलियां काट दी गई थीं. हालांकि, इस बात की भी पुष्टि नहीं हो पाई थी.

मोस्ट वांटेड आतंकवादी और डी-कंपनी का प्रमुख दाऊद इब्राहिम भारत का भगोड़ा है. वह 1993 के मुंबई बम विस्फोटों का मास्टरमाइंड है, जिस में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हो गए. इस के बाद ही उसे भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी घोषित किया गया था. तब से उस ने पाकिस्तान में शरण ले रखी है. भारत ने कई बार इस के सुबूत भी पेश किए. हालांकि, पाकिस्तान लगातार उस की देश में मौजूदगी से इनकार करता रहा है.

आखिर किस ने ऐसा किया है? वे कौन सी शक्तियां हो सकती हैं जो दाऊद को उस के घर के भीतर जहर दे सकती हैं? इस के पीछे खुद पाकिस्तान की कोई एजेंसी है या फिर भारत और अमेरिका में से किसी का हाथ है? दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की बात सामने आने के बाद इसे कुछ लोग बीते करीब 2 वर्षों के दौरान मारे गए पाकिस्तानी आतंकियों से जोड़ रहे हैं. इन में रियाज अहमद, शाहिद लतीफ, ख्वाजा शाहिद और अबु हंजाला के नाम शामिल हैं. उन में से कुछ को जहर दे कर भी मारा गया है.

पाकिस्तान में छिपे ये सभी आतंकवादी भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में थे. दाऊद भी भारत के लिए मोस्ट वाटेंड हैं और उस को भी जहर देने की बात सामने आई है तो मामले को दूसरे आतंकियों की मौत से जोड़ा जा रहा है.

दाऊद इब्राहिम (67) 1993 के मुंबई बम हमले का आरोपी है. अमेरिका ने भी उसे आतंकी घोषित कर रखा है. मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद भारत से भाग गया था. भारत की खुफिया एजेंसियां दाऊद के ठिकाने के साथसाथ उस की आवाज तक हासिल कर चुकी हैं.

खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान में उस के उन ठिकानों तक भी पहुंचीं, जिन्हें वह अब तक दुनिया भर से छिपाता रहा है. ज्यादा वक्त नहीं हुआ जब दाऊद की आवाज के आधार पर भारत की एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंची थीं कि दाऊद कराची में ही है और वहीं से अपना गैरकानूनी कारोबार चला रहा है.

अन्य देशों में छिपे बैठे भारत के दुश्मन चुनचुन कर मारे जा रहे हैं. कुछ दिनों पहले कनाडा ने भारत पर यह आक्षेप लगाया कि अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर, जो एक कनाडाई है, की ह्त्या भारत ने करवाई है.

भारत और कनाडा के बीच काफी अच्छी दोस्ती थी, लेकिन अब अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले ने माहौल पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. दोनों देशों के रिश्तों में तनाव चरम पर है.

जी20 सम्मेलन में भी भारत और कनाडा के बीच आई दरार साफ नजर आई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में सिख अलगाववादियों के ‘आंदोलन’ और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा को उकसाने वाली घटनाओं को ले कर नाराजगी जताई थी, जिस पर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने जवाब दिया था कि भारत कनाडा की घरेलू राजनीति में दखल न दे.

जी20 समिट के बाद जस्टिन ट्रूडो 12 सितंबर को कनाडा वापस गए और जैसे ही वे अपने देश पहुंचे, वहां से खबर आई कि कनाडा ने भारत के साथ ट्रेड मिशन को रोक दिया है. दरअसल, कनाडा में बसे सिखों को ट्रूडो अपने साथ ले कर चलना चाहते हैं, इसीलिए वे खालिस्तानियों का भी खुल कर समर्थन कर रहे हैं.

खालिस्तान समर्थकों ने निज्जर की हत्या के खिलाफ कनाडा के टोरंटो और लंदन, मेलबर्न सहित सैन फ्रांसिस्को जैसे कई शहरों में प्रदर्शन किए. खालिस्तान का समर्थन करने वाले निज्जर पहले ऐसे अलगाववादी नहीं हैं जिन की हत्या की गई है, भारत सरकार की ओर से आतंकवादी घोषित किए गए परमजीत सिंह पंजवाड़ की भी मई में लाहौर में हत्या कर दी गई थी.

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