सवाल

मेरी बहन की शादी हुए 18 साल हो गए हैं. उस के पति का व्यवहार उस के प्रति शुरू से रूखा रहा है. ऊपर से दिखाता है कि वह उस की परवा करता है लेकिन असलियत में उसे मूर्ख बनाता है. सारा रुपयापैसा अपने कंट्रोल में रखता है. उसे बस इतना खर्चा देता है जिस से घर का राशनपानी आ सके जबकि अच्छाखासा कमाता है.

भाई होने के नाते मैं बहन का पूरा साथ देता हूं. उस की पूरी जिम्मेदारी तक उठाने को तैयार हूं अगर वह अपने पति से तलाक लेती है. लेकिन पता नहीं क्यों वह बारबार पति के झूठे प्यार के दिखावे में आ जाती है और तलाक लेने का विचार छोड़ देती है.

बहन के बच्चे भी उस से बदसुलूकी करने लगे हैं. उस की इज्जत करनी छोड़ दी है. इस बार वह अपने पति और बच्चों के व्यवहार से परेशान हो हमारे यहां आई तो मैं ने और मम्मी ने बहुत कहा कि अब तो उस से तलाक ले ले. मैं ने वकीलों तक से बात कर ली लेकिन इस बार फिर अपने पति की मीठीमीठी बातों में आ कर वापस उस के साथ लौट गई. पति को तो एक नौकरानी चाहिए और जब वह नहीं होती तो उसे और बच्चों को मुश्किल हो जाती है.

मैंने बहन से इस बार कह दिया था कि अगर अब की बार वह वापस गई तो मैं आगे से उस के लिए कुछ नहीं करूंगा. मैं थक गया हूं. अब जब से वह वापस गई हैन उस ने मुझे फोन किया न मैंने उसे. मेरे भी बच्चे हैं. मां है. नौकरी करूं या इन सब झमेलों में पड़ा रहूं. आप ही बताए क्या करूं?

जवाब

आप क्या कर सकते हैं. जितना कर सकते हैंआप ने वह सब किया. फैसला तो आप की बहन को लेना है. जब तक वह अपने लिए स्टैंड नहीं लेगीकुछ नहीं हो सकता. वह अपने पति के व्यवहार को अच्छी तरह समझाती है लेकिन सालों से उस के गलत बिहेवियर को सहती आ रही है. कुछ हिम्मत उठाने की सोचती भी है तो पति उस वक्त प्यार की दो बातें बोल कर उस के कदम वापस खींच लेता है. आप की बहन ने शादी के 18 साल बिता दिए हैं.

ऐसा लगता है उसे ऐसा जीवन जीने की आदत हो गई है या फिर सोचती है कि इतना जीवन तो निकल गयाआगे भी निकल जाएगा.

देखिएअब आप कुछ मत कीजिए. बहन को खुद अपनेआप फैसला लेने दीजिए. आप परेशान होना छोड़ दें. अपने घरपरिवार पर ध्यान दें.

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