दक्षिण भारत में सत्ता में काबिज रही कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक हार हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी सारे सिद्धांतों को छोड़ कर पूरी ताकत के साथ कर्नाटक में चुनावी अभियान चला रहे थे. एक ऐसा अभियान, जिस में कानून, नैतिकता, धर्म सब की बलि चढ़ा दी गई. चुनाव में बजरंगबली हिंदुओं के इष्टदेव को बीच में ले आना, बजरंगबली के नाम पर मतदाताओं को वोट देने की अपील करना, ऐतिहासिक बता कर के 10 किलोमीटर की रैलियों में जाना और चुनाव आयोग का मुंह बंद हो जाना वगैरह यह सब कर्नाटक में देश ने देखा है. इस सब के बावजूद भारतीय जनता पार्टी चारों खाने चित हो गई.
आप को याद होगा कि बड़े गर्व के साथ यह कहना कि देश को कांग्रेस से मुक्त कर देंगे. कहने वालों को मुंह की खानी पड़ी और स्थिति यह है कि दक्षिण भारत से भाजपा का सफाया हो गया. बड़ीबड़ी, ऊंचीऊंची बातें करने वालों के लिए यह एक सबक हो सकता है कि कभी भी अपनी जमीन को नहीं छोड़ना चाहिए. मगर सब से बड़ी बात यह है कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक की करारी हार के बावजूद अपने रीतिनीति को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं. अभी भी देश की आम जनता को बांटने और भ्रमित करने की अपनी चाल चलने से बाज नहीं आ रहे हैं.
नफरत की दुकान या प्रेम की दुकान
कांग्रेस ने एक बार फिर तथ्यों के साथ आरोप लगाया है, “भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा कर्नाटक में उस के खिलाफ आए निर्णायक फैसले को पचा नहीं पा रही है और वह ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है.”
कांग्रेस ने 13 मई, 2023 को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में 136 विधानसभा सीटों में परचम लहरा कर पूर्ण बहुमत हासिल कर जबरदस्त वापसी की. मगर इस के बाद भारतीय जनता पार्टी को मानो यह सब सहा नहीं जा रहा है और अपने चालचरित्र को उजागर कर रही है, जिस का खुलासा कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक ट्वीट में किया, ‘कर्नाटक में समाज के सभी वर्गों से कांग्रेस के पक्ष में निर्णायक फैसले को भाजपा हजम नहीं कर पा रही है और भाजपा की नफरत फैलाने की ‘औनलाइन फैक्टरी’ झूठ पर झूठ फैलाने के लिए ‘दिनरात’ लगी हुई है.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘निस्संदेह यह प्रधानमंत्री की नफरत और ध्रुवीकरण की राजनीति से प्रेरित है.’
कांग्रेस का यह पलटवार भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय की ओर से जारी उस ट्वीट पर किया गया है, जिस में कथिततौर पर कर्नाटक के भटकल में एक व्यक्ति को अर्धचंद्र और तारे वाला हरा झंडा लहराते हुए देखा जा सकता है.
अमित मालवीय ने वीडियो के साथ ट्वीट किया, ‘भटकल कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के तुरंत बाद.’ भाजपा नेता ने एक अन्य ट्वीट में कथिततौर पर बेलगावी का एक वीडियो पोस्ट किया और कहा, ‘बेलगावी में भड़काऊ नारे लगाए गए… पुलिस देखती रही, क्योंकि कांग्रेस कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए तैयार है… भटकल से बेलगावी तक, ‘मोहब्बत की दुकान’ कुछ ऐसे खुल गई है.’
दरअसल, भाजपा नेता अमित मालवीय ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति कर्नाटक के सामाजिक तानेबाने को तहसनहस कर देगी.’
राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 136 सीट जीतीं, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सैकुलर) को क्रमशः 66 और 19 सीटें ही मिल पाईं.
कुलमिला कर भाजपा को यह समझना और मानना होगा कि भारत देश की तासीर प्रेम और सद्भाव है. यहां नफरत फैलाने वाले कभी भी सफल नहीं हो पाते हैं. यही कारण है कि हजारों साल से भारत हिंदुस्तान है, भारत है.