पाकिस्तान में ताजा घटनाक्रम जिस तरह से सामने आया है- ऐसा प्रतीत होता है मानो इतिहास अपने आप को एक बार फिर दोहरा रहा है. पाकिस्तान की राजनीति और तासीर कुछ ऐसी है कि आजादी के बाद से अब तक वहां लोकतंत्र सिर्फ नाम के लिए ही रहा है . देश की हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं लोगों का जीवन दूभर है मगर राजनीति और सेना में बैठे हुए चुनिंदा लोग पाकिस्तान को अपने स्वार्थ के कारण लगातार बर्बाद और कमजोर करते आ रहे हैं.

इसी परिप्रेक्ष्य में मंगलवार 9 मई 2023 को पाकिस्तान में जो घटना क्रम सारी दुनिया ने घटित होते देखा , किस तरह पूर्व प्रधानमंत्री और देश की सबसे लोकप्रिय शख्सियत इमरान खान को गृह मंत्रालय के अधीन रेंजर्स ने कालर से पकड़कर घसीटते हुए जेल वाहन में डाल दिया. और उसके बाद पाकिस्तान का इस्लामाबाद हो या लाहौर जलने लगा महिलाएं सड़कों पर आ गई शासन विवश दिखाई देने लगा लोगों की भीड़ लूटमार करने लगी आगजनी होने लगी,

ऐसा लगने लगा मानो शासन नाम की कोई चीज ही पाकिस्तान में नहीं है. कई जगह गोलियां चल गई यहां तक की लगभग 15 लोगों की मौत खबर आ चुकी है. और जैसा कि पाकिस्तान की न्यायालय से अपेक्षा थी- हाई कोर्ट से देर रात फैसला आ गया की गिरफ्तारी विधिक रुप से सही है. यह बताता है कि इस तरह से ना और सरकार के दबाव में न्यायालय काम कर रही है. यह सारा मजारा बता रहा है कि इमरान खान सिर्फ एक चेहरा है उनके साथ भी पाकिस्तान में अब फिर वही होगा जो पहले कभी जुल्फिकार अली भुट्टो और कुछ अन्य शख्सियतों के साथ हुआ था.

_____ दुनिया मौन क्यों है _____ 70 वर्षीय इमरान खान देश की सेना पर कथित तौर पर अपनी हत्या की साजिश करने का आरोप लगा चुके हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी की वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी के अनुसार, लाहौर से संघीय राजधानी इस्लामाबाद आए पार्टी अध्यक्ष खान अदालत एक बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुजर रहे थे, तभी रेंजर्स ने कांच की खिड़की को तोड़ दिया और वकीलों एवं इमरान खान के सुरक्षा कर्मचारियों की टाई करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, एक सच यह भी है कि जबसे इमरान खान प्रधानमंत्री पद से हटाए गए हैं जहां वे एक तरह से आक्रमक रहे हैं वही यह भी माना जा रहा था कि इमरान खान को आखिरकार सरकार और सेना जेल के सींखचों में डालेगी ही.

क्योंकि इमरान खान का जहां जनाधार बेहतर स्थिति में है वही कुछ शक्तियां नहीं चाहती कि इमरान खान देश का नेतृत्व संभाले और जहां लोकतंत्र नहीं होगा बंदूक की नोक पर सत्ता पर कब्जा किया जाएगा वहां इमरान खान जैसे लोगों के साथ जो हो रहा है वही होता देखने के लिए दुनिया विवश है. पाकिस्तान जिस तरह से आज जलता हुआ दिखाई दे रहा है वह एक सबक है कि जब किसी देश में लोकतंत्र को ग्रहण लग जाता है तो देश के हालात कुछ कुछ ऐसे ही हो जाते हैं इसलिए दुनिया की बड़ी संस्थाओं ताकतों को चाहिए कि वह संप्रभुता के नाम पर सिर्फ देखते न रहें खामोश न रहे .

यह कतई उचित नहीं है और ऐसे मसलों पर कुछ एक सकारात्मक दृष्टिकोण तो अपनाना ही चाहिए ताकि दुनिया के किसी देश में भी पाकिस्तान जैसी पुनरावृत्ति ना हो. मुख़्तसर यह कहा जा सकता है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अब लंबे समय तक जेल में रहेंगे और उन्हें कानून से कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. पाकिस्तान एक बार फिर चौराहे पर खड़ा है और और लोकतंत्र छटपटाता हुआ दिखाई दे रहा है.

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