टीम इंडिया के हरफनमौला हार्दिक पांड्या अब फिनिशर की रोल में आने का मन बना चुके हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ पांचवें और अंतिम वनडे मैच से पहले हार्दिक ने बेखौफ क्रिकेट खेलने का वादा दोहराया. उन्होंने कहा कि चौथे मैच में विफल रहने के बावजूद वे टीम इंडिया के लिए फिनिशर का रोल निभाने के लिए तैयार हैं.
भारतीय टीम में लंबे समय से एमएस धोनी फिनिशर का रोल निभाते आए हैं. गौरतलब है कि चौथे वनडे में हार्दिक ऐसे समय पर आउट हो गए थे जब टीम को उनकी जरूरत थी. भारत को जब 31 गेंद में 29 रन की दरकार थी जब पांड्या (21 गेंद में 20 रन) पेवेलियन लौट गए और भारत को अंतत: 11 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा.
पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने विकेट पर रुकने का जज्बा दिखाया लेकिन उनकी अर्धशतकीय पारी न केवल बेहद धीमी रही बल्कि वे आखिरी क्षणों में आउट भी हो गए.
धोनी के साथ साझेदारी के बारे में पूछने पर हार्दिक पांड्या ने कहा कि उन्हें विश्वास था कि वे 190 रन के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे. उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो धोनी के साथ बातचीत काफी सामान्य थी. हम दोनों के पास जो क्षमता है उससे हम पारी को आगे बढ़ाना चाहते थें और फिर लक्ष्य हासिल करतें. अधिकांश समय हम 29 गेंद में 31 रन बना लेते लेकिन हम मैच खत्म नहीं कर पाए. मैं टीम के लिए मैच खत्म करने के लिए स्वयं का समर्थन करता हूं और ये सभी चीजें सीखने का हिस्सा हैं. अंतिम मैच में हम बिना किसी डर के खेलेंगे. पिछला मैच उन मैचों में से था जब चीजें आपके पक्ष में नहीं होती.'
पांड्या को बड़े छक्के जड़ने के लिए जाना जाता है लेकिन मैच की स्थिति के अनुसार उन्होंने धैर्यपूर्ण पारियां भी खेली हैं. पांड्या के अनुसार कप्तान विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दबाव से निपटने में उनकी मदद की है.
उन्होंने कहा, ' कप्तान विराट कोहली ने काफी मदद की. मुझे याद है कि जब मैंने इंग्लैंड के खिलाफ 43 गेंद में 40 रन बनाकर मैच खत्म किया तो उस दिन विराट ने मुझे कहा कि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट 'कॉपी-पेस्ट' की तरह है और आपको अपने प्रदर्शन को दोहराना होगा. मैं इन सभी चीजों को दिमाग में रखता हूं. खिलाड़ियों पर उसका काफी प्रभाव है.'