धोनी एक ऐसा नाम है जिसे सिर्फ भारत के क्रिकेट प्रेमी ही नहीं बल्कि लगभग हर देश के क्रिकेट प्रेमी प्यार करते हैं. आज, भारतीय टीम के इस पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी का 36वां जन्मदिन है. धोनी का शांत स्वभाव ही उन्हें सबसे अलग बनाता है.
धोनी भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं. क्रिकेट के शीर्ष स्तर पर हर फॉर्मेट में भारत को चैंपियन बनाने वाले इस महान खिलाड़ी का क्रिकेट करियर ही नहीं बल्कि पूरी जिंदगी दिलचस्प और प्रेरणादायक रही है.
1997-98 में वीनू मांकड़ ट्रॉफी अंडर-16 चैंपियनशिप धोनी के क्रिकेट करियर का पहला बड़ा पल था. उस टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन ने उन्हें स्थानीय क्रिकेट में एक चर्चित नाम बना दिया था.
धोनी को क्रिकेट जगत का बेस्ट फीनिशर माना जाता है. वह धोनी ही थें जिन्होंने 2011 में छक्का मारकर टीम इंडिया को चैंपियन बनाया था. धोनी के नाम सबसे ज्यादा बार (9 बार) सिक्स मारकर मैच जिताने का रिकॉर्ड है.
धोनी के जन्मदिन पर आज हम बात करते हैं उनकी कुछ यादगार पारियों पर.
वर्ल्ड कप 2011 में 91 रनों की नाबाद पारी
वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मैच (भारत बनाम श्रीलंका) कौन भूल सकता है. इस मैच में धोनी बेहतरीन फिनिशर के रूप में उभरे थें. इस मैच में श्रीलंका ने भारत के सामने 275 रन का लक्ष्य रखा था. लक्ष्य का पीछा करने आई टीम इंडिया 114 रन पर 3 विकेट खो चुकी थी. लेकिन ओपनर गंभीर क्रीज पर डटे थें. धोनी ने गंभीर के साथ 109 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को मजबूत स्थिति में ले आए और फिर 79 गेंदों में 91 रन ठोक डाले. वर्ल्ड कप में उनका विजयी छक्का आज भी क्रिकेट प्रेमियों के जहन में बसा है.
श्रीलंका के खिलाफ 183 रनों की पारी
धोनी द्वारा 2005 में खेली गई 183 रनों की पारी उनके बेहतरीन पारियों में से एक है. इस मैच में धोनी ने आक्रामक खेल दिखाई और श्रीलंकाई गंदबेजों को पस्त कर दिया. 145 गेंदों में खेली गई 183 रनों की पारी की बदौलत टीम इंडिया ने इस मैच में विजय प्राप्त किया. धोनी ने इस मैच में 15 चौके और 10 छक्के लगाए थे.
विशाखापतनम में खेली गई 148 रनों की पारी
2005 में भारत पाकिस्तान के बीच 6 वनडे मैचों की सीरीज खेली गई थी. सीरीज के दूसरे ही मैच में धोनी ने अपना कमाल दिखाया. पहले बल्लेबाजी करने आई टीम इंडिया के शीर्ष दो बल्लेबाज- गांगुली और सहवाग पैवेलियन लौट चुके थें. शुरुआती झटके के बाद धोनी और द्रविड़ ने टीम की कमान संभाली. धोनी ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 123 गेंद में 148 रन बनाए. ओडिआई मैचों में यह धोनी की पहली सेंचुरी थी. टीम इंडिया के विशाल 356 रनों के लक्ष्य का पीछा करने आई पाकिस्तानी टीम 58 रनों से यह मैच हार गई.
शानदार 107 रनों की पारी
श्रीलंका के विरुद्ध 2009 में खेले गए इस वनडे मैच में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं हुई थी. धोनी जब क्रीज पर आए तो टीम इंडिया 81 रन पर 3 विकेट खो चुकी थी. फिर टीम की कमान संभाली धोनी और सुरेश रैना नें. दोनों की पार्टनरशिप की बदौलत टीम इंडिया ने 50 ओवर में 301 रनों का स्कोर बनाया. 301 रन के स्कोर में 107 रन धोनी के बल्ले से आए. हालांकि तिलकरत्ने दिलशान की शतक के कारण टीम इंडिया यह मैच हार गई. लेकिन धोनी की 107 रनों (111 गेंद) की पारी आज भी याद की जाती है.
पाकिस्तान के विरुद्ध 113 रनों की पारी
2012 में चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में टीम इंडिया एक समय 29 रन पर 5 विकेट खो चुकी थी. ऐसे में धोनी पर सारी जिम्मेदारी थी. धोनी ने इस दवाब भरी स्थिति में भी 113 रनों की पारी खेली, जिसमें 7 चौके और 3 छक्के शामिल थे. हालांकि धोनी की ये आतिशबाजी पारी काम नहीं आई और पाकिस्तान ने आसानी से 227 रन के लक्ष्य का पीछा कर लिया.
विश्व का सर्वश्रेष्ठ फिनिशर, कैप्टन कूल और छक्के के साथ गेम खत्म करने वाला महारथी. इन पारियों के कारण ही ऐसे कई तमगे हैं जो फैन्स और विशेषज्ञों ने महेंद्र सिंह धोनी को दिए हैं.