सौजन्य: सत्यकथा

कैरोल उर्फ पिंकी मिस्किटा और जिको मिस्किटा एकदूसरे को न सिर्फ दिलोजान से प्यार करते थे, बल्कि शादी भी करना चाहते थे. महाराष्ट्र में मुंबई से अहमदाबाद की ओर जाने वाले हाईवे पर एक शहर है पालघर. पालघर में एक इलाका है मनोर, इसी इलाके में 3 फरवरी, 2022 की शाम के करीब साढ़े 5 बजे वाघोबा के रहने वाले नामदेव ने हाईवे के करीब से गुजरने वाले नाले में 2 बड़े पाइप के बीचोंबीच एक इंसान की लाश फंसी देखी. वह लाश बुरी तरह सड़ चुकी थी. उस से तेज दुर्गंध आ रही थी.

नामदेव ने देर नहीं की और तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर के इस की सूचना दे दी. पुलिस कंट्रोल रूम से होते हुए बात पालघर पुलिस तक पहुंच गई, क्योंकि वह इलाका पालघर पुलिस के क्षेत्र में ही पड़ता है. अगले कुछ मिनटों में पालघर थानाप्रभारी इंसपेक्टर विष्णु भोए अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और लाश को नाले से बाहर निकाल कर अपने कब्जे में लेने का काम शुरू कर दिया.

थानाप्रभारी भोए ने देखा कि लाश पर चाकुओं से वार किए जाने के निशान थे, उस का चेहरा किसी भारी चीज से इस तरह कुचला गया था, जिस से पहचानने में नहीं आ रहा था. वैसे भी चेहरे समेत जिस्म का एक बड़ा हिस्सा मछली और दूसरे जलीय जीव कुतर चुके थे. लेकिन कदकाठी व पहनावे से लग रहा था कि मरने वाली एक नौजवान युवती होगी.

लाश जिस तरह से सड़ चुकी थी, उस से यह बात भी साफ थी कि ये लाश पानी में पिछले कई दिनों से पड़ी रही होगी इसीलिए वह सड़ कर फूल चुकी थी. लाश के बारे में जानकारी पा कर इलाके की एसडीपीओ नीता पाडवी भी मौके पर पहुंच गईं. पुलिस ने क्राइम व फोरैंसिक टीमों को भी मौके पर बुला लिया.

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फोरैंसिक टीमों ने घटनास्थल व लाश की फोटो लेने के बाद आसपास छानबीन की, मगर मरने वाली युवती की पहचान कर पाना मुमकिन नहीं हुआ. हाईवे से सटे इलाके में रहने वालों को बुला कर और नामदेव से भी मरने वाली महिला की लाश की शिनाख्त का प्रयास किया गया, मगर कोई सफलता नहीं मिली.

पालघर पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने के साथसाथ यह पता करना शुरू कर दिया कि आखिर आसपास के इलाके से इस उम्र की कोई युवती गायब तो नहीं. लेकिन पालघर से ऐसी कोई युवती हाल के दिनों में गायब नहीं हुई थी और न ही जिले के किसी थाने में ऐसी कोई मिसिंग रिपोर्ट ही दर्ज थी.

उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पालघर पुलिस स्टेशन में उसी दिन भादंसं की धारा 302 में अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया. जांच का दायित्व खुद थानाप्रभारी विष्णु भोए ने संभाला.

हत्या के मामले की जानकारी मिलने पर पालघर एसपी दत्तात्रेय शिंदे और एडिशनल एसपी प्रकाश गायकवाड़ ने भी पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा लिया.

युवती की लाश जिस जगह मिली थी, वह इलाका नैशनल हाईवे का था इसलिए इस बात की आशंका ज्यादा थी कि लड़की कहीं बाहर की रही हो या उस की लाश को वहां ला कर ठिकाने लगा दिया गया हो.

इसी आशंका को भांप कर एसपी दत्तात्रेय ने एसडीपीओ, नीता पाडवी की निगरानी में एक विशेष टीम का गठन कर दिया. जिस में पालघर के थानाप्रभारी विष्णु भोए, इंसपेक्टर प्रदीप कसबे, इंसपेक्टर मनोर, सुधीर धायरकर के साथ दरजन भर पुलिसकर्मियों की टीम को शामिल किया गया.

पुलिस ने वक्त गंवाए बिना पालघर से सटे मुंबई के अलगअलग थानों में इस लाश का हवाला देते हुए गुमशुदगी की जानकारी लेनी शुरू कर दी. इसी कोशिश में एक दिन बाद पुलिस को कामयाबी भी मिल गई.

पता चला कि लाश मिलने से करीब 10 दिन पहले मुंबई के सांताक्रुज थाने में एक युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. 28 साल की उस युवती का नाम कैरोल उर्फ पिंकी मिस्किटा था, जो 24 जनवरी, 2022 को अपने घर से गायब हो गई थी. वह एक काल सेंटर में काम करती थी.

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सांताक्रुज पुलिस तत्काल कैरोल उर्फ पिंकी मिस्किटा के घर पहुंच गई. सांताक्रुज की एक चाल में रहने वाली कैरोल उर्फ पिंकी मिस्किटा के घर में सिर्फ उस की बूढ़ी मां कैथरीन थी. पुलिस को वहां 1-2 रिश्तेदार भी मिले.

पुलिस टीम ने कैथरीन को पालघर पुलिस से मिली सूचना के बारे में बताया और उसे ले कर पालघर पहुंची. जहां जेजे अस्पताल की मोर्चरी में रखी गई वह लाश दिखाई जो नाले से बरामद की थी.

वह लाश इतनी सड़ चुकी थी कि परिवार वाले भी उसे पहचान नहीं सके. लेकिन कैथरीन की बूढ़ी आंखों से उस लाश की कमर पर बने दिल और तितलियों के टैटू नहीं छिप सके. उस ने झट से उस की पहचान अपनी बेटी कैरोल के रूप में कर दी.

क्योंकि एक मां होने के कारण कैथरीन को यह बात इसलिए याद थी कि अपनी एक दोस्त के कहने पर जब कैरोल ने 4 साल पहले ये टैटू अपनी कमर पर गुदवाया था तो उस की बेटी को 2-3 दिन काफी तकलीफ रही थी.

लाश की पहचान होते ही पालघर पुलिस को उम्मीद बंधी कि अब वह जल्द ही उस की हत्या की गुत्थी सुलझा लेगी. पुलिस को इस ब्लाइंड मर्डर केस में

लाश की पहचान होने से एक लीड मिल चुकी थी. पालघर पुलिस ने कैरोल की मां कैथरीन से पूछताछ शुरू कर दी. कैथरीन ने पुलिस को बताया कि उन की बेटी का पिछले 5 सालों से मुंबई के ही 27 साल के एक लड़के जिको मिस्किटा से अफेयर चल रहा था. उन्होंने कहा कि उन की बेटी का कत्ल जिको ने ही किया है, क्योंकि दोनों में अफेयर होने के बावजूद उन का रिश्ता पिछले कुछ महीनों से बहुत अच्छा नहीं चल रहा था.

कैथरीन ने पुलिस को बताया कि 24 जनवरी को कैरोल स्कूटी ले कर घर से निकली थी और उस ने कहा था कि वह डाक्टर को अपनी कुछ मैडिकल रिपोर्ट्स दिखाने जा रही है. लेकिन फिर इस के बाद वह वापस नहीं लौटी.

कैथरीन ने बताया कि उसी रात करीब 8 बजे उस ने फोन कर यह बताया था कि उसे लौटने में थोड़ी देर हो जाएगी. वह अपने किसी दोस्त के साथ है. लेकिन कैरोल सुबह तक घर नहीं लौटी. कई बार उस का फोन मिला कर बात करने की कोशिश की, मगर उस का फोन लगातार बंद आता रहा. तब थकहार कर वह सांताक्रुज थाने पहुंची और बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करानी चाही.

सांताकु्रज की पुलिस उस दिन अपने थाने में निर्भया हेल्पलाइन के उद्घाटन में इतनी बिजी थी कि उस ने कैथरीन की तहरीर तो ले ली, लेकिन गुमशुदगी दर्ज नहीं की और उसे बाद में आने को कहा.

कैरोल के लापता होने की बात सुन कर आसपास में रहने वाले उन के रिश्तेदार भी घर आ गए. पास में ही रहने वाली कैरोल की 2 हमउम्र कजिन सिस्टर सरिता और मैलोरिना भी वहां आ गईं.

कैरोल दिल की हर बात अपनी इन दोनों बहनों को बताती थी. उन्होंने भी कैथरीन को कुछ नहीं बताया. सभी को पता था कि कैरोल का जिको से प्रेम संबध है. इसलिए एक आशंका यह भी हुई कि कहीं कैरोल जिको के साथ भाग तो नहीं गई.

इसी आशंका के कारण कैथरीन ने अपने रिश्तेदारों के साथ कैरोल के कमरे की तलाशी लेनी शुरू कर दी. हैरानी की बात यह थी कि कमरे में कैरोल के सारे कपड़े व सामान जस के तस रखे थे. इस से साफ था कि वह कहीं भागी नहीं है.

लेकिन कमरे की तलाशी लेते हुए अचानक कैथरीन को एक डायरी में रखा 2 पन्ने का एक पत्र मिला जो शायद 1-2 दिन पहले कैरोल ने जिको को लिखा था, मगर वह उसे शायद अभी दे नहीं पाई थी.

पत्र पढ़ते ही कैथरीन तथा सभी रिश्तेदारों के सामने कई बातें साफ हो गईं. परिवार समझ गया कि हो न हो कैरोल के लापता होने की वजह जिको ही है.

कैथरीन समझ गई कि पुलिस आसानी से बेटी की गुमशुदगी दर्ज नहीं करेगी, इसलिए वह अपने कुछ रिश्तेदारों व इलाके की जानीमानी सामाजिक कार्यकर्ता और एक एनजीओ की संचालिका अनीता शेट्टी को ले कर सांताक्रुज थाने पहुंच गई.

अनीता शेट्टी ने थाने पहुंचने से पहले ही ऊंची पहुंच रखने वाले अपने जानकारों से उच्चाधिकारियों को फोन करवा दिया था. इसलिए कैथरीन की शिकायत के बाद सांताक्रुज थाने के सीनियर इंसपेक्टर नागेश्वर गनोरे ने कैरोल की गुमशुदगी दर्ज कर ली.

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जब कैथरीन ने शक जताया कि उन्हें अपनी बेटी के लापता होने में उस के प्रेमी जिको पर शक है तो इंसपेक्टर नागेश्वर ने उस का कारण पूछा. जवाब में कैथरीन ने वह पत्र उन्हें सौंप दिया, जो कैरोल ने जिको को देने के लिए लिखा था.

इस पत्र में जिको की बेवफाई के बारे में लिखा था. लिहाजा इंसपेक्टर नागेश्वर गनोरे ने पुलिस की एक टीम को भेज कर विले पार्ले में रहने वाले जिको को पूछताछ के लिए बुलवा लिया.

लेकिन जिको से पूछताछ में कुछ ज्यादा हासिल नहीं हो सका. लिहाजा उसे क्लीन चिट दे कर छोड़ दिया गया.

पुलिस का रवैया कमोबेश वैसा ही रहा, जैसा हेल्पलाइन की शुरुआत होने से पहले था. कैथरीन लगभग हर रोज अपनी बेटी के मिलने की उम्मीद में थाने जाती, लेकिन शाम को खाली हाथ लौट आती. इसी तरह करीब 10 दिन बीत गए.

लेकिन जब सांताक्रुज पुलिस को पालघर पुलिस से पता चला कि पालघर में एक लड़की की लाश मिली है तो सांताक्रुज पुलिस कैथरीन को ले कर जेजे अस्पताल पहुंची, जहां कैथरीन ने लाश की शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की.

चूंकि पालघर पुलिस को पता चल चुका था कि सांताक्रुज पुलिस जिको से कब की पूछताछ कर उसे क्लीन चिट दे चुकी है. तब ऐसे में पालघर पुलिस ने जिको पर हाथ डालने से पहले अपने तौर पर थोड़ी और तफ्तीश करने का फैसला किया.

इस मामले की जांच के लिए गठित की गई विशेष टीम ने सब से पहले अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर मौकाएवारदात के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक करनी शुरू की. दूसरी तरफ कैरोल के घर वालों से थोड़ी और पूछताछ कर के कुछ नई जानकारी हासिल की गई और कैरोल के मोबाइल नंबर हासिल किया.

कैरोल की लाश पुलिस को जिस स्थान पर मिली थी, वहां आसपास तो कोई ऐसी जगह नहीं थी जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हों, लेकिन वहां से आधा किलोमीटर दूर कैरोल के घर जाने वाले रास्ते पर मार्केट एरिया शुरू होता है.

पालघर पुलिस ने वहां मुख्यमार्ग पर लगे एक किलोमीटर तक के सभी सीसीटीवी कैमरों की 24 व 25 जनवरी की फुटेज खंगालनी शुरू कर दीं.

पुलिस टीम की ये कोशिश रंग लाई. क्योंकि काफी मेहनत के बाद पुलिस को कुछ कैमरों से कुछ काम के सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे, इत्तफाक से उस में कैरोल जिको के साथ मौकाएवारदात की तरफ जाती हुई दिखाई दे रही थी.

घर वालों को ये फुटेज दिखाई गई तो उन्होंने कैरोल के साथ फुटेज में स्कूटी पर साथ में दिख रहे जिको की पहचान कर दी.

दिलचस्प बात यह थी कि सभी कैमरों की फुटेज में बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार एक शख्स लगातार स्कूटी के समीप चलता दिख रहा था मानो वह उन दोनों को फालो कर रहा हो.

सीसीटीवी की फुटेज मिलने के बाद पुलिस की तफ्तीश जिको पर आ कर टिक गई. लेकिन उस से पूछताछ करने से पहले पुलिस थोड़ी और तसदीक कर लेना चाहती थी.

पुलिस ने कैरोल तथा जिको के मोबाइल की काल डिटेल्स निकाली तो पुलिस का शक और भी ज्यादा पुख्ता हो गया. क्योंकि दोनों की उस दिन कई बार बात हुई थी और 24 जनवरी की शाम जिस दिन कैरोल अपने घर से लापता हुई, उस के फोन की लोकेशन भी कैरोल के फोन की लोकेशन के साथ थी.

इसी बीच कैरोल के घर वालों ने जिको के नाम अपनी बेटी के हाथों लिखा गया वह खत भी पुलिस को सौंप दिया, जिस से पूरी कहानी साफ हो रही थी. कैरोल के हाथों जिको के नाम लिखा वह खत पुलिस के लिए एक बड़ा क्लू और एक एविडेंस बन गया. क्योंकि इस से पता चला कि कैरोल और जिको के रिश्ते में कुछ ठीक नहीं चल रहा था.

अब पालघर थाने के जांच अधिकारी विष्णु भोए ने जिको को हिरासत में लेने का फैसला कर लिया. पुलिस टीम जिको को विले पार्ले से ले कर पालघर आ गई. उस से पूछताछ शुरू हो गई. जब उसे वारदात वाले दिन की पालघर के मार्केट एरिया की सीसीटीवी फुटेज व उस के फोन की काल डिटेल्स दिखाई गई

तो थोड़ी हीलाहवाली के बाद वह निरुत्तर हो गया और उस ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया.

पुलिस के सामने जिको ने जो कहानी सुनाई, वह रोंगटे खड़े करने वाली थी. उस ने पुलिस को बताया कि वह कैरोल से पीछा छुड़ाना चाहता था. इसलिए उस ने उस की हत्या का भयानक काम किया.

विले पार्ले निवासी जिको मिस्किटा (27) और कैरोल उर्फ पिंकी मिस्किटा (28) के बीच 2017 से दोस्ती व प्रेम संबंध थे. कैरोल के पिता की बचपन में ही मौत हो गई थी.

एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली कैरोल की विधवा मां की वह इकलौती औलाद थी. मां ने अपनी बेटी को कड़ी मेहनत कर के पाला और अच्छी तालीम दिलाई. पिछले कई सालों से कैरोल एक कालसेंटर में नौकरी करती थी.

2017 में एक दोस्त के जरिए कैरोल की जानपहचान जिको मिस्किटा से हुई थी. जल्द ही दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. चूंकि दोनों ही एक धर्म एक जाति के थे और हमउम्र भी, इसलिए दोनों ने साथ जीनेमरने की कसमें खाईं.

कुछ ही महीनों में कैरोल जिको से इतना प्यार करने लगी कि उस के बिना जीने की कल्पना से भी वह सिहर उठती. कैरोल ने अपनी मां और चचेरी बहन सरिता से भी जिको को मिलवा कर अपने मन की बात बता दी थी कि वे दोनों शादी करना चाहते हैं.

दोनों के बीच आत्मीय रिश्ते कब जिस्मानी रिश्तों में बदल गए, पता ही नहीं चला. वक्त तेजी से गुजरता रहा. जिको पहले एक मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी करता था. लेकिन कोरोना महामारी के पहले दौर में जब लौकडाउन लगा तो उस की नौकरी चली गई. लिहाजा वह अपने पिता के कैटरिंग के कारोबार में उन का हाथ बंटाने लगा.

इधर, कैरोल को जिको से प्रेम संबंधों में काफी वक्त गुजर चुका था लिहाजा कैरोल ने उस पर दबाव डालना शुरू कर दिया कि वो उस से शादी करे.

जिको ने जब यह बात अपने मातापिता को बताई तो उन्होंने कैरोल के साथ उस की शादी करने से इंकार कर दिया. क्योंकि वह उस की शादी एक अमीर परिवार में करना चाहते थे. जबकि कैरोल एक विधवा मां की साधारण परिवार की बेटी थी.

परिवार की तरफ से कैरोल के रिजेक्ट करने के बाद जिको ने भी कैरोल से दूरी बना कर उसे नजरअंदाज करना शुरू कर दिया. क्योंकि उसे लगने लगा था कि जिस रास्ते में जाना ही नहीं है तो उस पर आगे बढ़ने से क्या फायदा.

इसी दौरान जिको की दोस्ती एक बड़े परिवार की लड़की कामिया (परिवर्तित नाम) से हो गई. जल्द ही दोनों गहरी मोहब्बत में डूब गए.

इधर कैरोल को जिको के व्यवहार से लगने लगा कि शायद जिको उस से शादी नहीं करना चाहता. क्योंकि एकदो बार जब भी कैरोल ने घुमाफिरा कर जिको से शादी की बात करनी चाही तो उस ने बात को ऐसा बदला कि शादी की बात आई गई हो गई.

पिछले एक साल से इसी बात को ले कर कैरोल बेहद उदास रहने लगी थी. क्रिसमस के त्यौहार पर हर बार कैरोल अपनी बहन सरिता के साथ बड़े उत्साह से खरीदारी करती थी और बाहर खाने के लिए जाती थी. लेकिन इस बार क्रिसमस आने को था इस के बावजूद कैरोल में न तो कोई उत्साह था और न ही वो खुश दिख रही थी. उस ने कुछ दिनों से बाहर निकलना ही बंद कर दिया, ऐसा लगता था कि वह किसी बात से दुखी है.

इधर कैरोल के सामने धीरेधीरे यह बात भी साफ हो गई कि जिको इन दिनों किसी दूसरी गर्लफ्रैंड के साथ रिलेशनशिप में है. इस के बाद तो उस के दिलोदिमाग में पूरी तरह उदासी भर गई. लेकिन कैरोल अपनी मोहब्बत को इतनी आसानी से नहीं खोना चाहती थी.

लिहाजा उस ने एक दिन जिको से साफ कह दिया कि अगर उस ने उस के अलावा किसी दूसरी लड़की से शादी की तो वह उस के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर देगी कि उस ने शादी के नाम पर उस की इज्जत से खिलवाड़ किया है.

यह दबाव जब कैरोल की तरफ से जिको पर लगातार बनने लगा तो वह परेशान हो उठा, उसे अब कैरोल अपने जी का जंजाल लगने लगी. दरअसल, न चाहते हुए भी जिको को दबाव में आ कर कैरोल से मुलाकात करनी पड़ती थी.

जब उस के पास जौब थी तो वह कैरोल के ऊपर दिल खोल कर पैसा खर्च करता था. लेकिन इन दिनों बेरोजगार होने के कारण उस की जेब खाली रहती थी और कैरोल फैशनपरस्त तथा दिल खोल कर पैसा खर्च करने की आदी हो चुकी थी.

वैसे भी अब जिको की जिंदगी में कैरोल का कोई महत्त्व नहीं रह गया था, ऐसे में मेलमुलाकात के दौरान जब कैरोल उस से महंगी फरमाइशें करती तो वह कुढ़ कर रह जाता.

जिको ने कई बार कैरोल को अपनी बेरोजगारी की मजबूरी भी समझाई, लेकिन वह कुछ समझने के लिए तैयार नहीं थी. उस की इस आदत से जिको तंग आ चुका था.

लिहाजा जिको ने कुछ दिन पहले कैरोल की हत्या कर के उस से छुटकारा पाने का मन बना लिया. इसी के तहत उस ने एक साजिश रची.

इस के तहत जिको ने 24 जनवरी से एकदो दिन पहले कैरोल से फोन पर लगातार बातचीत करनी शुरू कर दी ताकि उसे लगे कि जिको वापस उस के पास लौट आया है.

कैरोल भी जिको के इरादों से अंजान यह सोच कर खुश थी कि चलो कैसे भी हो उस की मोहब्बत उसे वापस तो मिल गई. अपनी इसी साजिश के तहत जिको ने एक दिन पहले कैरोल से सुबह से ले कर शाम तक करीब 5 बार बात की.

उस ने बातचीत में यही दर्शाया कि जैसे वह कैरोल को बहुत मिस कर रहा है. कैरोल से जिको ने कहा था कि वह अगले दिन यानी 24 जनवरी को उस के साथ लौंग ड्राइव पर जाना चाहता है. इस दौरान वे साथ में डिनर करेंगे और अपने आगे के भविष्य के बारे में बात करेंगे.

कैरोल अपने टूटते रिश्ते को पटरी पर लौटते देख खुश थी, इसलिए उस ने खुशीखुशी हां भर दी थी.

24 जनवरी, 2022 को कैरोल अपनी स्कूटी और लैपटाप वाला बैग ले कर घर से निकली तो उस ने अपनी मां को यही बताया कि वो मलाड में अपने कुछ मैडिकल टैस्ट कराने जा रही है वहां से एक दोस्त के साथ घूमने जाएगी.

कैरोल तय जगह पर जिको से मिली तो उसे इस बात की जरा सी भी भनक नहीं लगी कि जिको का दोस्त देवेंद्र बुलेट से उन की स्कूटी का पीछा कर रहा है.

कैरोल, देवेंद्र बाबू से परिचित थी क्योंकि वह विले पार्ले से पहले विरार में रहता था और जिको का सब से करीबी दोस्त था. देवेंद्र बाबू जिको के पिता के कैटरिंग कारोबार में सहयोगी था.

कैरोल ने 24 जनवरी को घर से निकलने के बाद दिन में 2 बार अपनी मां को फोन किया था, लेकिन उस ने यह नहीं बताया कि वह किस के साथ है और कब लौटेगी. इस दौरान जिको ने उसे कई जगह घुमाया और फिर लांग ड्राइव के बहाने उस की स्कूटी खुद ड्राइव करते हुए मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर पालघर की तरफ ले गया.

पूछने पर उस ने बताया कि वह आज उसे एक खूबसूरत जगह ले जा रहा है

जो उन के जीवन का सब से यादगार पल होगा.

इस दौरान रात होने लगी थी. तो कैरोल ने अपनी मां को फोन कर के बता दिया कि वह अपने किसी दोस्त के साथ है, आने में उसे थोड़ी देर हो जाएगी.

लेकिन जब रात में काफी देर तक कैरोल घर नहीं पंहुची तो रात करीब साढे़ 12 बजे कैथरीन ने उस के मोबाइल पर फोन किया, तब वह स्विच्ड औफ मिला.

इधर पालघर में वाघोबा के पास एक नाले के किनारे हाईवे पर खड़े हो कर रात करीब 8 बजे जिको और कैरोल बातचीत करने लगे. इसी दौरान दोनों के बीच शादी को ले कर एक बार फिर बात होने लगी.

जिको तो सोच कर आया ही था कि आज कैरोल का काम तमाम करना है लिहाजा उस ने सड़क किनारे सुनसान जगह पर कैरोल को दबोच कर उस का गला दबाना शुरू कर दिया.

कैरोल छटपटाई, लेकिन जिको की मजबूत पकड़ से छूट न सकी और थोड़ी देर में ही उस का शरीर ढीला पड़ गया. चंद कदम की दूरी पर खड़ा उस का दोस्त देवेंद्र बाबू यह सब देख रहा था. वह भी पास आ गया.

देवेंद्र अपने साथ कैटरिंग के काम में इस्तेमाल होने वाला चाकू ले कर आया था. उसे शक था कि कैरोल अभी मरी नहीं है इसलिए उस ने जेब से चाकू निकाल कर कैरोल के शरीर पर कई प्रहार किए.

कैरोल पर चाकू के प्रहार इतनी मजबूती से किए गए थे कि चाकू का हैंडल टूट गया.

चाकू का निचला हिस्सा कैरोल के शरीर में ही रह गया, इसीलिए खाली हैंडल को देवेंद्र ने वहीं जंगल में फेंक दिया और चाकू लाश में ही छोड़ दिया.

जब यकीन हो गया कि वह मर चुकी है तो उस ने पास में ही पड़ा एक बड़ा सा पत्थर उठा कर कैरोल के चेहरे पर कई वार किए ताकि कोई उसे पहचान न सके. इस के बाद दोनों ने मिल कर कैरोल के शव को उठा कर नाले में फेंक दिया.

कैरोल की हत्या करने के बाद जिको व देवेंद्र ने उस का मोबाइल फोन स्विच औफ कर दिया. उस का मोबाइल, लैपटाप तथा स्कूटी ले कर देवेंद्र चला गया और देवेंद्र की बुलेट ले कर जिको अपने घर चला गया.

जिको से पूछताछ के बाद पुलिस ने विरार से देवेंद्र बाबू को भी गिरफ्तार कर लिया. जिस के बाद दोनों को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर के 10 फरवरी, 2022 तक पुलिस रिमांड में ले लिया. रिमांड के दौरान कैरोल की स्कूटी और उस का लैपटाप व फोन, हत्या में प्रयुक्त चाकू का हत्था भी बरामद कर लिया.

पालघर पुलिस ने ठोस रूप से कैरोल की पहचान को स्थापित करने के लिए उस की मां कैथरीन का डीएनए नमूना भी लिया, जिस से आरोपी को अदालत में यह कहने का मौका न मिले कि जिस शव को पुलिस कैरोल का बता रही है, वह उस का नहीं है.

इधर हत्याकांड का खुलासा होने के बाद जब सांताक्रुज पुलिस की लापरवाही की बात सामने आई तो कैरोल के परिवार तथा सांताकु्रज इलाके में रहने वाले लोगों ने पुलिस की लापरवाही तथा जिको व उस के साथी को कड़ी सजा देने की मांग करते हुए एक कैंडल मार्च भी निकाला.

सांताकु्रज पुलिस की लापरवाही से यह लाश पूरे 10 दिनों तक नाले में पड़ीपड़ी सड़ती रही. लेकिन आखिरकार इस लाश ने ही कातिल का पता दे दिया और कत्ल के साथ कातिल की सच्चाई भी सामने आ गई.

पुलिस ने इस मामले में सबूत मिटाने की धारा 201 जोड़ कर दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

—कथा पुलिस की जांच व पीडितों, आरोपियों के बयान पर आधारित

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