उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जिस तरीके से भाजपा के विधायकों को क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जा रहा है गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई है लगभग 14 विधानसभा क्षेत्रों में जहां जाट बाहुल्य है भाजपा की बोलती बंद कर दी गई है और भाजपा प्रत्याशियों को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा के बाद भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य अमित शाह के चेहरे पर पसीने की बूंदें उभर आई है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश चुनाव वह रास्ता है जहां से केंद्र की सत्ता हासिल होती है योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री काल में उत्तर प्रदेश में सामंतशाही के बाद जाटों का गुस्सा नाराजगी चुनाव की घोषणा के साथ ही ही सतह पर आ गया है.
परिणाम स्वरूप गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व के दिन भी भाजपा के चाणक्य अमित शाह लगभग 250 जाट नेताओं के साथ लगातार चर्चा करते रहे और हाथ जोड़ कर के भाजपा को वोट देने की चिरौरी करते रहे.
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दरअसल, भाजपा अब यह समझ चुकी है कि उत्तर प्रदेश की सत्ता हाथ से निकलना ही चाहती है मगर उसके बाद केंद्र की सत्ता भी नहीं रहेगी. परिणाम स्वरूप भाजपा के बड़े नेताओं के चेहरों के रंग बदलने लगे हैं अभी तक अपने हद अभिमान, अपने अलोकतांत्रिक कामकाज के बाद स्थितियां इतनी बिगड़ी जा चुकी है कि उसे बनाने में अब समय दे रहे हैं, मगर शायद अब देर हो चुकी है. जाट और किसानों से दूरी बनाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने देश के 73 वें गणतंत्र दिवस पर समय निकाल पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े जाट नेताओं से मुलाकात की. दिल्ली से बीजेपी के सांसद जाट नेता प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पर हुई इस बैठक में जाट समुदाय के करीब 250 प्रभावी नेताओं ने शिरकत की. इस बैठक को ‘सामाजिक भाईचारा बैठक’ का नाम दिया गया. बैठक में अमित शाह ने जाट समुदाय को साधने के लिए बड़ी बड़ी बातें कहीं.
अमित शाह की मीठी चुपड़ी बातें
इस बैठक में जाट नेताओं से जो कहा गया उस पर आपको गौर करना चाहिए क्योंकि इन्हीं बातों में भाजपा के हर एक सच को आसानी से पकड़ सकते हैं.
अमित शाह ने कहा,-” हमारा घोषणापत्र आएगा तो देखना कि किसानों का ऋण चुकाने के लिए हम क्या कर रहे हैं. राहुल गांधी तो किसानों के लिए आलू की फैक्ट्री लगाने की बात कर रहे थे. उन्हें मालूम ही नहीं है कि रबी और खरीफ की फसल में क्या अंतर होता है. आज से 5 साल पहले यूपी गन्ना, चीनी, गेहूं, आलू, आंवला आदि के उत्पादन में देश में टॉप-5 में भी नहीं था. वहीं आज यूपी इन फसलों के उत्पादन में देश में नंबर-1 पर पहुंच गया है.”
भाजपा के चाणक्य अमित शाह यहां तक नहीं रुके उन्होंने उन्होंने राहुल गांधी राग अलापने के बाद कहा, -“योगी जी के आने के बाद उत्तर प्रदेश में क्या एक भी दंगा हुआ है. बहन बेटियां सुरक्षित जा सकती है कि नहीं. जो मोटरसाइकिल पर घूम-घूम कर मूंछों पर ताव देकर अपराध करते थे, वे अब उत्तर प्रदेश छोड़ गए है कि नहीं.”
पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के सुपुत्र सांसद प्रवेश वर्मा द्वारा आयोजित इस जाट मिलन समारोह में अमित शाह ने कहा,-” झगड़ा करना है तो हमसे कर लो भाई. घर से बाहर के लोगों को क्यों लाना है. आप को भी मालूम है कि भारतीय जनता पार्टी के अलावा दूसरा विकल्प क्या है. प्रत्याशियों को आप देख ही रहे हो. सपा और आरएलडी की सरकार बनेगी तो यह आजम खान छूट जाएगा कि नहीं छूट जाएगा. सोचने का काम आप मत करो. वोट हमें दे दो तो सोचने का काम हम करेंगे.”
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अब यह समझने वाली बात है कि लंबे समय तक किसानों से कोई बात नहीं करने वाली भाजपा सरकार के चाणक्य अमित शाह अब भी किसानों के बीच जाकर के वार्ता करने से गुरेज कर रहे और बंद कमरे में अपने ही पार्टी से जुड़े हुए जाट नेताओं से चर्चा करके माहौल को बदलने का प्रयास किया जा रहा है हद तो यहां तक हो गई जब यह तक कहा गया कि जयंत चौधरी के लिए भाजपा के दरवाजे खुले हुए हैं.
भाजपा सत्ता के लिए कितनी बेताब है यह अब धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है. आखिर यह सब उत्तर प्रदेश में अपनी सत्ता को बचाने की नीचे आने की कवायद ही तो है. जब भाजपा के बड़े चेहरों ने देख लिया कि अब तो उल्टी गिनती शुरू हो गई है तो इस तरह उनकी घबराहट प्रदर्शित होने लगी है.