उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में किसान आन्दोलन और कृषि कानून मुख्य मुददा हो सकता है. विपक्षी दल किसानों के मुद्दों का मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने में लगे है. भाजपा मुददों से ध्यान भटका रही और विपक्षी विधायकों के साथ भेदभाव कर रही है.

मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक अम्बरीष पुष्कर कहते है ‘विधानसभा सत्र के दौरान भी उत्तर प्रदेश की सरकार सही तरह से सवालों का जवाब नहीं देती. उसके जवाब ऐसे होते है जिससे मुददे की बात को हवा में उडाया जा सके और सदन में हंगामा हो जाये जिससे सदन को स्थगित करने का मौका मिल जाये. विपक्षी विधायकों की मांगों को और उनके क्षेत्र में विकास के कामों की अनदेखी की जा रही है. जिससे विरोधी दल का विधायक अपने क्षेत्र में विकास के काम न करा सके और वह चुनाव हार जाये.’
अम्बरीष पुष्कर मोहनलालगंज सुरक्षित विधानसभा सीट से 2017 में पहली बार विधायक चुने गये. पेशे से वकील अम्बरीष पुष्कर युवा विधायक है. जिस चुनाव में समाजवादी पार्टी के खिलाफ हवा चल रही थी उसमें भी क्षेत्र की जनता ने उनको विधायक चुना. अम्बरीष पुष्कर की लोकप्रियता का देख सत्ताधारी भाजपा की सरकार ने उनके क्षेत्र की उपेक्षा करनी शुरू की. अम्बरीष पुष्कर ने क्षेत्र में लडकियों के डिग्री कालेज खोलने की मांग थी. इसके अलावा कई गांव में सडक बनाने की प्रस्ताव दिया था. लेकिन योगी सरकार ने उनकी मांग को पूरा नहीं किया. अम्बरीष पुष्कर पिछले 4 साल से हर विधानसभा सत्र के दौरान यह मांग करते है.

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