कोरोना को लेकर हर दिन कुछ नए खुलासे हो रहे हैं. अब एक ऐसा ही मामला गुजरात में आया है. गुजरात के अहमदाबाद शहर की लाइफलाइन कहे जाने वाली साबरमती नदी में कोरोना वायरस के मिलने की पुष्टि हो गई है. इस खबर से पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है. कुछ समय पहले गुजरात के अहमदाबाद के बीचों-बीच से निकलने वाली साबरमती नदी से जांच के लिए सैंपल लिए गए थे, जिसमें 25 फीसदी में कोरोना संक्रमण मिला है. इसके साथ ही साबरमती नदी के अलावा अहमदाबाद के दो बड़े तालाबों कांकरिया और चंदोला में भी कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं.
प्राकृतिक जल में कोरोना के लक्षण मिलने से चिंता बढ़ी
साबरमती से पहले गंगा नदी से जुड़े अलग-अलग सीवेज में भी कोरोना वायरस पाया गया था, लेकिन अब प्राकृतिक जल में इस तरह कोरोना के लक्षण मिलने से चिंता बढ़ी है. इन सभी सैंपल में वायरस की मौजूदगी काफी अधिक बताई गई है. पिछले चार महीनों में तीनों स्रोतों के 16 सैंपल लिए गए, जिनमें से 5 सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि देश की सभी प्राकृतिक जल स्रोत की जांच होनी चाहिए, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में वायरस के कई गंभीर म्यूटेशन भी देखने मिले हैं.
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देश के 8 संस्थानों ने किया रिसर्च
आईआईटी गांधीनगर समेत देश की 8 संस्थाओं ने मिलकर यह रिसर्च की है. इसमें दिल्ली के JNU स्कूल ऑफ एन्वॉयरनमेंटल साइंसेज के रिसर्चर भी शामिल हैं. असम के गुवाहाटी क्षेत्र में भारू नदी से लिया गया एक सैंपल भी पॉजिटिव पाया गया है. सीवेज के सैंपल लेकर की गई जांच के दौरान नदी-तालाबों तक कोरोना वायरस पहुंचने की जानकारी मिली है.
इस रिसर्च को लेकर आईआईटी गांधीनगर के पृथ्वी और विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मनीष ने बताया कि पानी के यह सैंपल नदी से तीन सितंबर से 29 दिसंबर, 2020 तक हर सप्ताह लिए गए थे. सैंपल लेने के बाद इसमें जांच की गई तो कोरोना वायरस के संक्रमित जीवाणु पाए गए. मनीष कुमार के मुताबिक, साबरमती नदी से 694, कांकरिया तालाब से 549 और चंदोला तालाब से 402 सैंपल लेकर उसकी जांच की गई. इन सैंपल में ही कोरोना वायरस पाया गया है.
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बीजेपी एमएलए ने लिखा सीएम शिवराज को पत्र
गुजरात में नदियों में कोरोना वायरस मिलने से एमपी में भी चिंता फैल गयी है. इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक दो से बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. उन्होंने नर्मदा समेत प्रदेश के प्रमुख जल स्रोतों की जांच करवाने की मांग की है. मेंदोला ने अपने पत्र में लिखा कि मेरा आग्रह है कि आईआईटी और दूसरे शोध संस्थानों से प्रदेश के विभिन्न स्थानों से नर्मदा नदी और पानी के अन्य सभी प्रमुख स्रोतों की जांच करवाएं. जल स्रोत संक्रमण से बच सकें इसके लिए विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर जागरण अभियान की रूपरेखा बनाई जाए.