दक्षिण भारत की कई सफलतम फिल्मों मे अभिनय करने के अलावा ‘बिग बास 8’ की वजह से चर्चा में रही ओर फिर सलमान खान के साथ फिल्म ‘‘जय हो’’ में मंत्री की बेटी का किरदार निभाने के अलावा बहुत जल्द प्रदर्शित होने वाली इरोटिक फिल्म ‘‘वजह तुम हो’’ की हीरोईन सना खान सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं. वह सोशल मीडिया पर लड़कियों को जागरुक करने के लिए काफी कुछ ट्वीट करती रहती हैं.
हाल ही में जब सना खान से हमारी बात हुई, तो हमने उनसे लड़कियों से जुड़े मुद्दों पर उनकी राय पूछी, तो सना खान का अंदर का गुस्सा बाहर आ गया. उन्होंने कहा- ‘‘सोशल मीडिया बहुत बड़ा माध्यम है. मैं इस पर बहुत कुछ करती रहती हूं. मैं फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम सब जगह हूं. मैं बहुत ट्वीट करती हूं. देखिए, मैं एक दकियानूसी मुस्लिम परिवार से हूं. तो मुझे पता है कि हमारी जैसी आम लड़की की क्या स्थिति होती है. हमारे पास बहुत कम जानकारी होती है. इसलिए मैं हर चीज को सोशल मीडिया पर प्रमोट करती हूं. लड़कियों को अपने बाल कैसे ठीक रखने चाहिएं? मेकअप में क्या करना चाहिए? मैं क्या मेकअप के लिए उपयोग करती हूं? कौन सा परफ्यूम उपयोग करना चाहिए? मैं लड़कियों में जागरुकता पैदा करना चाहती हूं. जिससे वह गलत चीजें उपयोग करने से बचें. इसके अलावा हर मुद्दे पर लिखती हूं. लड़कियों के साथ हो रहे शोषण बलात्कार आदि पर भी लिखती हूं.’’
आपको सोशल मीडिया पर किस तरह की प्रतिकियाएं मिलती हैं? इस सवाल पर सना खान ने कहा-‘‘सोशल मीडिया पर मेरी फालोअर्स लड़कों की बजाय लड़कियों ज्यादा हैं. मेरी नजर में इस देश में लड़कियों से जुडे़ बहुत सारे मुद्दे हैं, जिन पर हम लोग बड़े बड़े बयान जारी करते हैं. पर असल में होता कुछ नहीं है. लड़कियों की असुरक्षा, उनके साथ छेड़खानी, बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं. यह घटनाएं मुझे बहुत परेशान करती हैं. मैं तो अपनी तरफ से लड़कियों व लड़कों के बीच जागरुकता पैदा करने की पूरी कोशिश कर रही हूं. मगर यह सारी बुराइयां तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक सरकार नहीं चाहेगी. हम सब नागरिक आपस में चाहे जितना प्रयास कर लें, उससे कोई बदलाव नहीं आएगा. सरकार के कानून का डर सबसे बड़ा डर होता है. सरकार को बहुत कठोर कानून बनाना पड़ेगा, तभी हमारे देश की लड़कियां सुरक्षित हो सकती हैं.’’
सना खान ने आगे कहा-‘‘निर्भया कांड होने के बाद जो कुछ हुआ और जो निर्णय आया, वह देखकर मुझे रोना आ गया. हमारी सरकार कहती है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ.’ इस पर निर्भया के पिता ने कहा था कि, ‘जब बेटी बचेगी ही नहीं, तो उसे पढ़ाएंगे कहां से?’ उसके बाद जब एक सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया कि मुझे लगा कि उसे जाकर थप्पड मारूं. अदालत ने कुछ समय बाद नाबालिग/जुवेनाइल कहकर ‘निर्भया कांड’ के एक आरोपी को जेल से बाहर कर दिया. और दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने उसे सिलाई मशीन दी. जो लड़का एक लड़की का बलात्कार करता है, उसके शरीर के अंग काट देता है, उसका यूट्रस निकाल देता है. मैं तो अल्लाह से कहती हूं कि ऐसा दुश्मन के साथ भी ना हो. मेरी नजर में तो ऐसा लड़का जुवेनाइल/नाबालिग हो ही नहीं सकता.
आपने एक लडकी का यूट्रस निकाल दिया और आप नाबालिग हैं, यह कैसे हो सकता हैं. ऐसा लड़का तो बीमार है, पागल है, उसे जेल से बाहर निकलने ही नही देना चाहिए था. यह सब देखकर दिमाग में सवाल उठता है कि हम किस देश में रह रहें हैं. आखिर हमारी सरकार लड़कियों की सुरक्षा के लिए क्या कर रही है? आपका कानून इतना लचर है कि छोटी छोटी लड़कियों के बलात्कार होते हैं और अपराधी बच जाता है. आज जरूरत है कि हमारे देश में भी सख्त कानून बने. बलात्कार एक ऐसा जुर्म है, जिसके लिए अपराधी को तुरंत मृत्युदंड दिया जाना चाहिए. इसके लिए हमारे देश में भी अरब देशों की तरह सख्त कानून होना चाहिए. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो लड़कियों की सुरक्षा कैसे होगी?’’
जब हमने सना खान का ध्यान इस बात की ओर दिलाया कि ‘निर्भया कांड’ के बाद कैंडल मार्च निकाए गए थे. तो सना खान ने कहा-‘‘कैंडल मार्च तो अपना गुस्सा दिखाने का जरिया है. इससे अधिक आम जनता क्या कर सकती है? दूसरी बात पीड़ित परिवार को इससे इस बात का संतोष होता है कि उसके साथ इतने लोग हैं. हमारे देश में जिस तरह के कानून हैं और सरकारें जिस तरह के कदम उठा रही हैं, उससे लड़कों का तो मनोबल बढ़ रहा है. लड़के सोचते हैं कि अपराध करो, बलात्कार करो और सिलाई मशीन पा जाओ. जब आप कहते हैं कि आप देश या राज्य संभाल रहे हैं, तो आपकी पहली जिम्मेदारी लोगों की सुरक्षा करना होता है. हमारा संविधान भी कहता है कि समय के अनुसार कानून बदलने चाहिए. हमारी सरकारें या नेता किसानों की तरफ भी ध्यान नहीं देती. बल्कि हाथी की मूर्तियां बनाने में पैसा खर्च कर देती हैं. एक बार सरकार ने किसानों के नाम पर आम लोगों से एक एक रूपए मांगा था, वह पैसा कहां गया? हमारे देश के सैनिक परिवारों के साथ क्या होता है? मौत के बाद जिंदगी वापस नही ला सकते. पर एक शहीद सैनिक के परिवार को इतना कम पैसा देकर लज्जित तो मत करो? हमारे किसान कितनी तकलीफ में हैं, सरकार उनके लिए कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है.’’