लेखक- हेमंत कुमार

जी हां वर्ष 2005 में आई इस अमेरिकन कंपनी यूट्यूब ने कुछ सालों से अपने इतने उपभोक्ता बना लिए हैं कि आप सोच भी नहीं सकते. इस अमेरिकन कंपनी ने पूरी दुनिया में अपने 1.8 बिलियन यूजर्स कर लिए हैं अर्थात 1,80,00,00,000.

यह शायद इसलिए भी हुआ है क्योंकि हम से भी बहुत से लोगों को जानकारी पढ़ने से ज्यादा देख कर समझ में आती होगी और जैसेजैसे लोगों का डिजिटल इंडिया की तरफ रुझान बढ़ रहा है वैसेवैसे लोग नौकरीचाकरी की तलाश से हट कर अपने मालिक खुद बनना पसंद कर रहे हैं.

आज अगर किसी के पास कोई प्रतिभा, हुनर और जनून है तो फिर उसे किसी से काम मांगने की आवश्यकता नहीं. वह घर बैठेबैठे एक कैमरे और एक स्मार्टफोन की सहायता से अपना कैरियर यूट्यूब पर बना सकता है. यूट्यूब एक ऐसी ऐप है जिस में व्यक्ति को किसी के पास जा कर कोई काम नहीं करना पड़ता, किसी के अधीन नहीं होना पड़ता.

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यूट्यूब अपनेआप में ऐसा प्लेटफौर्म है जिस में हम अपनी इच्छानुसार गाड़ी पकड़ सकते हैं. गाड़ी का अर्थ अपनी इच्छानुसार कार्य करने से है. आज विश्वभर से लोग चाहे वे अध्यापक हों, गायक, नर्तक हों, व्यापारी हों, छात्र हों, नेता हों या फिर अभिनेता हों, सभी यूट्यूब से जुड़े हुए हैं.

जिस के पास प्रतिभा है वह भी और उन की प्रतिभा का उपभोग करने वाले व्यक्ति भी, आज किसी को किसी चीज के बारे में जानना हो, तो सब की पहली पसंद यूट्यूब से सीखना ही होती है. यूट्यूब पर देशविदेश से प्रतिभासंपन्न व्यक्ति मौजूद हैं, इसलिए आज बच्चों की पढ़ाईलिखाई का जिम्मा देशविदेश के अध्यापकों ने यूट्बर्स बन कर उठाया हुआ है. यह सच में एक वरदान की तरह है.

हम चाहें तो दुनिया के किसी भी अध्यापक से घर बैठेबैठे शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं वह भी बिना एक रुपया खर्च किए. पर ऐसा नहीं है कि यूट्यूबर्स को इस के बदले कुछ नहीं मिलता. उन्हें यूट्यूब पर विज्ञापन के जरिए अच्छी धनराशि मिलती है. यदि आप के अंदर कोई प्रतिभा है तो यह कोई एक या दो दिन का नहीं, बल्कि जिंदगीभर के लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है और इस में जौइनिंग व रिटायरमैंट की भी कोई सीमा नहीं होती.

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जी, अब आप सोच रहे होंगे कि इस में यूट्यूब का क्या फायदा. यूट्यूब की कंपनी का कहना है कि वह आप के चैनल से यूट्यूब पर होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा तो अपने पास रखती है, बाकी बचा हिस्सा चैनल के मालिक को दे देती है. जिस गति से भारत डिजिटल बनता जा रहा है अगर उस गति से हम ने भी खुद को डिजिटल नहीं किया, अगर हम भी उस रफ्तार के साथसाथ नहीं चले तो कहीं हम डिजिटल के इस दौर में पीछे न रह जाएं. आज कंपीटिशन के इस दौर में जहां सरकारी नौकरी की इतनी मारामारी हो रही है. वहां खाली बैठने से तो अच्छा है कि हम यूट्यूब ?पर चैनल बना कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें. अगर हमारे पास कौशल होगा तो लोग खुदबखुद ही हमारे चैनल से जुड़ते चले जाएंगे, जिस से हमारा और बाकी लोगों का भी भला हो सकेगा.

आज कई व्यक्ति यूट्यूब से प्रसिद्धि पा कर सफलता की ऊंचाइयों को छू रहे हैं. वे देशविदेश में लोगों के बीच अपनी पहचान बना चुके हैं. इसलिए आज जिस व्यक्ति के पास हुनर है वह सिर पर हाथ धरे न बैठे, बल्कि यूट्यूब पर थोड़ा सा समय दे कर अपने भविष्य को साकार करे क्योंकि आने वाले दिनों में यूट्यूब का भविष्य उज्ज्वल है.

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