मार्च 2018 में जब इरफान खान ने खुद ही ट्वीट कर के बताया कि वह एक दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त हैं तो उनके फैन सकते में आ गए थे. हालांकि यह दुर्लभ बीमारी क्या है, इस का उन्होंने अपने ट्वीट में खुलासा नहीं किया था, बल्कि उन्होंने किसी जासूसी उपन्यास के अधूरे वाक्य की तरह इसे अधूरा छोड़ दिया था.
इस के बाद अफवाहों और अनुमानों का तूफान उठना ही था, सो मीडिया से ले कर समूचे सोशल मीडिया का मंच उन की अनुमानित बीमारियों से भर गया. कुछ अनुमान तो दावे की हद से परे थे, विशेषकर ब्रेन कैंसर होने का अनुमान.
बहरहाल एक हफ्ते तक कहर ढाने वाली इन अफवाहों के तूफान को खुद इरफान खान ने ही आगे बढ़ कर संभाला, अपनी ‘दुर्लभ बीमारी’ के बारे में खुलासा कर के उन्होंने अपने चाहने वालों के लिए फिर एक ट्वीट किया और इस ट्वीट में बताया, ‘मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी है.’
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साथ ही उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि इस दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए वह आजकल देश से बाहर हैं. हालांकि, अपने इस खुलासे में भी उन्होंने कई रहस्यात्मक पौज छोड़ दिए.
मसलन उन्होंने यह साफ नहीं किया कि बीमारी उन के शरीर के किस हिस्से में है और किस स्टेज में पहुंच चुकी है. इरफान खान ने अपने कमजोर दिल वाले फैंस को ध्यान में रख कर यह भी उजागर नहीं किया कि यह घातक है या फिर कोई सामान्य बीमारी है. बस, उन्होंने उलाहने की शक्ल में यह भर कहा कि न्यूरो संबंधी बीमारी हमेशा दिमाग में ही नहीं होती. यह जवाब उन लागों के लिए था जो अपने अनुमानों से यह साबित करने की कोशिश कर रहे थे कि इरफान खान को ब्रेन कैंसर है.
संजीदा स्वभाव के इरफान खान ने कुछ नहीं छिपाया
इरफान अली खान अपने अभिनय की बदौलत बौलीवुड से ले कर हौलीवुड तक अपने चाहने वालों की एक अच्छीखासी फौज के दिलों में राज करते हैं. 54 साल के इस अभिनेता ने बहुत कम समय में जितनी शोहरत हासिल की है, उस से कहीं ज्यादा सम्मान भी हासिल किया है.
इसलिए वह अपने चाहने वालों के लिए अपने बारे में जानकारी देने की शिष्टता और गरिमा दोनों का महत्त्व समझते हैं. यही वजह थी कि उन्होंने अपने बारे में अफवाहों के बाजार को नहीं चढ़ने दिया.
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वह खुद सामने आए और अपनी बात मार्गेरेट मिशेल के इस आकर्षक विचार से शुरू की कि जिंदगी पर इस बात का आरोप नहीं लगाया जा सकता कि जिंदगी ने हमें वह सब नहीं दिया, जिस की हमें उस से उम्मीद थी. अपने फैंस के लिए लिखे गए ट्वीट में उन्होंने यह भी कहा कि मैं ने सीखा है कि अचानक सामने आने वाली चीजें हमें जिंदगी में आगे बढ़ाती हैं.
जब मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला तो इसे स्वीकार कर पाना आसान नहीं था, लेकिन मेरे आसपास मौजूद लोगों के प्यार और मेरी इच्छाशक्ति ने मुझे उम्मीद दी है कि मैं इस से पार पा जाऊंगा, बस आप सब मेरे लिए दुआएं कीजिए.
उन्होंने अपने एक के बाद एक किए गए कई ट्वीट में यह भी कहा था कि न्यूरो शब्द का इस्तेमाल हमेशा ब्रेन के लिए ही नहीं होता और रिसर्च के लिए गूगल से आसान रास्ता नहीं है. जिन लोगों ने मेरे लिखने का इंतजार किया, उम्मीद है उन्हें बताने के लिए मैं कई कहानियों के साथ लौटूंगा.
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इस के पहले जब उन्होंने पहली बार खुद ही अपनी बीमारी का खुलासा किया था, तब भी उन्होंने इसे बहुत ही शालीन तरीके से अपने चाहने वालों के बीच रखा था. तब उन्होने लिखा था, ‘कभीकभी आप एक झटके से जागते हैं. पिछले 15 दिन मेरे जीवन की सस्पेंस स्टोरी जैसे रहे हैं. मैं एक दुर्लभ बीमारी से पीडि़त हूं. मैं ने जिंदगी में कभी समझौता नहीं किया. मैं हमेशा अपनी पसंद के लिए लड़ता रहा और आगे भी ऐसा ही करूंगा.’
अपने एक और ट्वीट में उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए यह भी लिखा था कि, ‘मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ हैं. हम बेहतर रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं. जैसे ही सारे टेस्ट हो जाएंगे, मैं आने वाले 10 दिनों में अपने बारे में सब बातें बता दूंगा. तब तक मेरे लिए दुआ करें.’
हालांकि इरफान अब ऐसी यात्रा पर निकल चुके हैं जहां से वो कभी नहीं लौटेंगे, लेकिन उनके फैंस के दिलों में उनकी यादे हमेशा ताजा रहेंगी.