दक्षिण भारत की 15 फिल्में,‘बिग बॉस’,‘वजह तुम हो’सहित कुछ हिंदी फिल्मों की अदाकारा इन दिनों हॉट स्टार’ पर प्रसारित हो रहे वेब सीरीज ‘‘स्पेशल औप्स’’को लेकर चर्चा में है.प्रस्तुत है उनसे हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंशः2005 से 2020 तक के 15 वर्ष के अपने कैरियर को आप किस तरह से देखती हैं?
मुझे लगता है कि यदि अभी भी मैं काम कर रही हॅूं और व्यस्त हॅूं,तो इसके मायने यह हुए कि मेरा कैरियर काफी अच्छा चल रहा है.इन 15 वर्षोंं में मेरा रूप भी बहुत बेहतर हो गया है,तो वह भी बहुत महत्वपूर्ण है.और एक कलाकार के तौर पर अगर आप लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं, चाहे फिर वह आपका काम हो या एक इंसान के तौर पर भी अगर आप आगे बढ़ रहे हैं,तो यह अच्छे संकेत हैं.क्योंकि बॉलीवुड में 15 वर्ष तक टिके रहना आसान तो नही हो सकता.इसके लिए हमने अपने ऊपर काफी काम किया.क्योंकि अगर कुछ वक्त तक आपको काम नहीं मिलता है,तो आप डाइटिंग व वर्कआउट वगैरह करना छोड़ देते हैं.अच्छे से कपड़े पहनना छोड़ देते हैं,कहीं ना कहीं आप सोशल मीडिया से भी दूर हो जाते हैं,जो आपको अपने फैंस से दूर कर देता है.मुझे लगता है कि फेंस से जुड़े रहना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है.अगर आप काम नहीं भी करते हो,तो भी अपने फैंस के साथ जुड़े रहना और उन्हें कंटेंट देना बहुत कठिन काम है,जिसे मैंने अपने सोशल मीडिया के जरिए कहीं ना कहीं कायम रखा है,ताकि लोगों के साथ मेरा जो रिश्ता है,वह खत्म ना हो.
सवाल-आपने दक्षिण भारत में कई फिल्में की, पर बॉलीवुड मंे आपको ज्यादा फिल्में नही मिली?
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-वास्तव में दक्षिण में इतनी रोचक फिल्में मिल रही थीं,कि मैं वहीं रहने लगी थी.मंुबई में मेरी किसी से मुलाकात ही नहीं हो रही थी.मुझे पता ही नहीं था कि मुंबई में या बॉलीवुड हो क्या रहा है?उस समय मैं बहुत ज्यादा पतली थी.दक्षिण में काम करने के लिए मैंने बहुत ज्यादा अपना वजन बढ़ाया.मैं फिर वही व्यस्त थी.जब आप लगातार काम कर रहे होते हो,तो कुछ दूसरा सोचते भी नहीं हो.बॉलीवुड का मसला वैसे भी बहुत अलग है.सच तो यही है कि मुझे अपने अभिनय कैरियर की शुरूआत बॉलीवुड से ही करनी थी. क्योंकि मुझे हिंदी भाषा और एक्टिंग करना आता है.ऐसे में संवाद याद करना सरल हो जाता है.दक्षिण में मेरे लिए संवाद याद करना बहुत कठिन होता था.खैर,सब कुछ तय समय पर ही मिलता है.
सवाल-जैसा कि आपने कहा कि आपने बहुत कम फिल्में की हैं.लेकिन दूसरों की अपेक्षा आपको शोहरत बहुत ज्यादा मिली.इसकी क्या वजह रही?
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-मुझे लगता है कि यह ईश्वर की अनुकंपा ही है कि कम काम करने के बाद भी ईश्वर ने मुझे इतनी इज्जत दी है.आज भी मेरे प्रशंसक हैं.लोग हमें जानते व पहचानते हैं.उन्हे मेरा नाम याद है.मेरे लिए बहुत बड़ी बात है.मुझे लगता है कि इंसान के कर्म पर भी काफी कुछ निर्भर करता है.अगर आप एक अच्छे इंसान हैं,तो ईश्वर भी कहीं ना कहीं आपको हाशिए पर नही जाने देता.आपको ब्रेक देकर भी काम लाकर ही देता है.इतने सारे ब्रेक के बाद भी मैं आज ‘हॉटस्टार’जैसे ओटीटी के बड़े प्लेटफार्म के लिए नीरज पांडे जैसे बड़े निर्देशक के साथ काम कर रही हॅूं.
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सवाल-आपने टीवी पर सिर्फ रियालिटी शो किए हैं.कभी किसी सीरियल में एक्टिंग नहीं की?
-मैं टीवी सीरियल में अभिनय नहीं कर सकती.
सवाल-इसकी वजहें क्या हैं?
-मैं हर दिन एक ही जगह जाकर एक ही तरह की पोशाक पहनकर एक ही जैसा किरदार नहीं निभा सकती.मुझे अलग-अलग तरह का काम करना पसंद है.देखिए,जो कलाकार टीवी सीरियल से कैरियर की शुरूआत करते हैं,शायद उन्हें यह पसंद आता है.लेकिन मैंने विज्ञापन फिल्मों और फीचर फिल्मांे से अपने कैरियर की शुरूआत की.इसी के चलते मुझे अलग-अलग चीजें करना व अलग दिखना अच्छा लगता है.विभिन्न किरदारों को निभाना अच्छा लगता है.सीरियल में लगातार कई वर्ष तक एक ही किरदार निभाना होता है,जो मेरे वश की बात नही है.अगर वह सीरियल 45 साल चला, तो आपकी जिंदगी खत्म हो गई.मैं ऐसा कुछ नही कर सकती.मुझे ऐसे छोटे-छोटे काम करना ज्यादा पसंद है,जिसमें मैं अलग अलग किरदार करूं,कुछ अलग किरदार करूं. हर बार अलग-अलग लोगों के साथ काम करूं, अलग अलग जगह घूमने का अवसर मिले.अलग-अलग घूमने से एक इंसान के तौर पर भी आपके अंदर बहुत बदलाव आता है.
सवाल-वेब सीरीज ‘‘स्पेशल आॅप्स’’ से जुड़ने की मूल वजह क्या रही?
-सच कहॅंू,तो सबसे बड़ी वजह नीरज पांडे सर रहे.जैसे ही मुझे उनके प्रोडक्शन से फोन आया कि नीरज पांडे सर मिलना चाहते हैं,तो उसी वक्त मैंने कह दिया था कि उनसे कह देना मुझे उनके साथ काम करना है.उस वक्त तक मैंने कॉंसेप्ट वगैरह नही सुना था.मैंने उनसे कहा कि आप अगर मुझे दो सीन भी देंगे तो भी मैं उनके साथ काम करूंगी.नीरज सर के लिए मेरे दिल में इतनी इज्जत है कि उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती.मगर इतनी इज्जत किसी अन्य के लिए इस इंडस्ट्री में नहीं है.मैं नीरज सर की दिल से इज्जत करती हूं और और मैं उनके लिए हमेशा यही दुआ करती हूं कि वह हमेशा अच्छा काम करंे.फिर चाहे वह फिल्में हो या उनकी निजी जिंदगी हो.कुछ लोग ऐसे होते हैं,जिनसे अगर आप मिलते हो,तो भले आप दस मिनट के लिए मिलें, पर उनके लिए इतनी इज्जत हो जाती है कि आपको लगता है कि अगर मैं उनके साथ काम ना भी करूं,तो भी मैं इनके लिए हमेशा अच्छा ही सोचूंगी.नीरज सर ने वही इंप्रेशन मेरी नजर में बनाया था,जब मैं उनसे दस मिनट के लिए मिली थी.मुझे लगा था कि अरे वाह क्या बंदा है.मेरी राय में इंडस्ट्री को नीरज पांडे सर जैसे लोगों की ही जरूरत है.यह अपने काम से काम रखते हैं. किसी के कहने से उनके विचार नही बदलते.अगर नीरज सर को आपको अपनी फिल्म का हिस्सा बनाना है,तो फिर चाहे दस लोग आपके खिलाफ उनसे कुछ कहें,पर वह आपको ही फिल्म में लेंगे.
वह बहुत अच्छे डायरेक्टर हैं.उनको पता होता है कि उनकी स्क्रिप्ट के किरदार में कौन सा आर्टिस्ट सही बैठेगा,उस वक्त वह किसी को भी जज नहीं करते या नहीं देखते कि उसने पहले क्या काम किया है. खैर,जब मैं नीरज सर सेे मिलने गई, तो सर आफिस में नहीं थे.उनकी टीम ने मुझे वेब सीरीज के बारे में नरेशन दिया,जिसे सुनकर मैं इतनी उत्साहित हुई कि मैं वेब सीरीज का नाम पूछना भ्ूाल गयी थी.
सवाल-आपके अनुसार‘‘स्पेशल अॉप्स’’क्या है?
-स्पेशल अॉप्स मेरे लिए सबसे पहले बहुत स्पेशल है.यह सत्य घटनाओं पर आधारित है,लेकिन तमाम काल्पनिक पात्रों व कहानी को भी जोड़ा गया है.
सवाल-इसमें आपका अपना कैरेक्टर का नाम क्या है?
-मैंने इसमें सोनिया का किरदार निभाया है.वह रॉ एजेंट है.इससे अधिक मैं बता नहीं सकती.मैंने अपने किरदार के संबंध में एक शब्द भी कह दिया तो सब गड़बड़ हो जाएगा.
आपने अभी कहा कि सोशल मीडिया से डिस्कनेक्ट नहीं होना चाहिए.मगर सोशल मीडिया का सिर्फ एक फायदा है कि आप अपने प्रशंसक से जुड़े रह सकते हैं.लेकिन क्या वह आपको एक्टिंग में कहीं मदद करता है?
सवाल – बहुत मदद करता है. किस हिसाब से?
-देखिए,यदि आप सोशल मीडिया से बहुत अच्छे से जुड़े हुए हैं,तो जब आप उदास होते हैं और आप इस बारे में सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट करते हैं,तोे बहुत सारे लोग आपका साथ देते नजर आते हैं.आज की तारीख में दोस्त भी ऐसे होते हैं.कुछ लोगों के पास बहुत कम दोस्त होते हैं.कितने लोग ऐसे हैं,जिनके पास तो दोस्त भी नहीं होते हैं.जबकि कहीं ना कहीं,किसी न किसी सिचुएशन में आपको प्यार की बहुत जरूरत पड़ती है.अपने आप को ठीक करने के लिए,किसी बात को जाहिर करने के लिए,लोगों को बताने के लिए कि मेरे पास यह मुद्दे हैं और मुझे इन मुद्दों पर बात करनी है,तो आपके पास सोशल मीडिया का सशक्त प्लेटफार्म मौजूद है.
देखिए,हमारे पास जो जानकारी है,वह दूसरों तक पहुॅचनी चाहिए.क्योंकि बहुत सारे लोग कुछ चीजों से गुजरते हैं.तो मुझे लगता है कहीं ना कहीं सोशल मीडिया आपकी बहुत मदद करता है.मेरी राय में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हथियार है.लोेगों को बताने के लिए कि हर चीज आप जो फोटो में देखते हो वैसा होता नहीं है,कुछ चीजों का एक अलग रूप भी होता है.
सवाल-आप बिग बॉस का हिस्सा रहीं.आपका अपना अनुभव है.पर इन दिनों‘बिग बॉस’को लेकर काफी विवाद उठे हैं.कई तरह के वीडियो मार्केट में आए हैं.आपकी राय में क्या सच क्या झूठ हो सकता है?
-देखिए,सच और झूठ तो मैं खुद भी घर परबैठकर कह नहीं सकती.आपकी ही तरह मंै भी यह सारी चीजें देख व पढ़ रही हूं.यह लोग जो कह व कर रहे हैं,अजीब लगता है.फिर भी ठीक है.जिसके नसीब में जीतना लिखा था,वह जीत गया.
सवाल-वेब सीरीज‘‘स्पेशल आॅप्स’’की शूटिंग के लिए भी आप कई देशों में गयी?
-मैं तो सिर्फ जॉर्डन गई थी.मेरी शूटिंग सिर्फ जॉर्डन में थी.पर बहुत मजा आया.कुछ अलग करने का अवसर मिला.
सवाल-आप थ्रिलर जॉनर के अलावा क्या करना चाहती है?
-एक्शन करना चाहती हूं.मुझे तो एक्शन प्रधान फिल्म करनी है.मसलन-‘40 एंजेल्स’ या ‘एजेंट 007’. मुझे यह सब करना बहुत पसंद है.
सावल-आपके शौक ?
-मुझे घूमना बहुत पसंद है.मेरा खुद का एक क्लीनिक है,मेरे पास स्किन केयर लाइन है.तो वह भी मेरी एक हॉबी है.मेरा खुद का क्लीनिक है, जहां डॉर्मेंट कॉस्मेट काम होता है. तो फिलहाल मैं वही करती हूं और बाकी टाइम पर दूसरा काम करती हूं.
सवाल-क्या इसके लिए आपने कोई ट्रेनिंग ली हैैं?
-जब आप स्किन क्लीनिक खोलते हैं,लोगों की स्किन का ट्रीटमेंट करते हैं,तो आपको ट्रेनिंग भी लेनी पड़ती है.सर्टिफिकेट लेने पड़ते हैं.मैं रोज हमेशा छोटे-छोटे कोर्स करती रहती हूं.अलग-अलग जगहों पर जाती रहती हूं.मै पूरे विश्व में जाकर ट्रेनिंग ले रही हूं.
सवाल-क्या भविष्य में इसे आगे बढ़ाने की इच्छा है या?
-भविष्य में नहीं,अभी भी इसे बढ़ाने की इच्छा है.भविष्य में तो वह आगे बढ़ चुका होगा.पर आज की तारीख में मैं वहां काम कर ही रही हूं.मैं अपने ब्रांड के ज्यादा क्लीनिक खोलने के लिए प्रयास रत हॅूं.
सवाल-आपको कहां घूमने जाना पसंद है?
-मुझे बड़ी से छोटी,हर जगह जाना पसंद है.मैं चाहती हूं कि मैं हर कल्चर का अनुभव लूं,हर जगह की चीज को समझूं.मुझे पूरी दुनिया घूमनी है.
सवाल-आप कई जगहों पर घूम चुकी हैं,कोई ऐसा अनुभव है,जिसने आपकी जिंदगी पर असर डाला हो?
-मुझे लगता है कि घूमने से ज्यादा कभी-कभी आप घर पर बैठे रहते हो,लोगों से मिल लेते हो,तो उनकी कहानियां भी आपके ऊपर असर डालती हैं.सच कहूं तो घूमने से आपके ऊपर कोई असर आता नहीं है.आप सिर्फ देखते हो कि ऐसा कल्चर है और आप उसे इंज्वॉय करते हो.पर आप के उपर प्रभाव नही पड़ता.जब आप कोई मैन्यूमेंट देखते हैं,तो आपको लगता है कि बनाने वाले ने क्या बनाया है?मसलन-जॉर्डन में एक सागर है,जिसके अंदर एक भी मछली नहीं है.आप उसके अंदर डूब नहीं सकते हो.तो यह बहुत ही ताज्जुब की बात है.ऐसा लगता है कि ऊपर वाले ने बनाया है,तो क्या बनाया है. ईश्वर ने कुछ ऐसा बनाया है,जिसके अंदर ना मछली है ना कुछ और,सिर्फ नमक से भरा हुआ है.आप उसके ऊपर तैर सकते हो.ईश्वर की बनायी हुई इस तरह की चीजें जिंदगी बदलने वाली लगती हैं.