आजकल हमारा लाइफस्टाइल ऐसा हो गया है कि हम खुद का भी ध्यान नहीं रख पाते हैं, ऐसे में हमारी लापरवाही कई बीमारियों को बुलावा देती है. ब्लड प्रेसर भी ऐसी ही एक आम बीमारी बनती जा रही है, किसी को हाई तो किसी को लो ब्लड प्रेसर की परेशानी आम बात है. इससे बचने के लिये जरूरी है कि हमें अपने खानपान का ध्यान रखते हुए हम ऐसी बीमारियों से खुद को बचा सकें क्योंकि ये बीमारियां सुनने में तो कौमन लगती हैं लेकिन इनके जरिये हम जानलेवा बिमारियों के शिकार जल्दी हो जाते हैं.

उच्च रक्तचाप क्या है

अगर आपका ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg या उससे अधिक रहता है तो आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं. हाई ब्लड प्रेशर का समय पर न ईलाज किया जाएं तो यह दिल की बीमारी, किडनी प्रौब्लम आदि गंभीर समस्याओं को पैदा कर देता है. इससे बचने के लिए पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थो का सेवन करना बहुत जरूरी हैय

कैसे क रें हाई ब्लड प्रेसर को कन्ट्रोल

चकुंदर का सेवन जरूर करें. क्योंकि इसमें विटामिन सी, फाइबर तथा पोटाशियम पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसे सलाद, सूप और जूस के रूप में भोजन में शामिल करें.

ओट्स में फाइबर काफी मात्रा में होता है जो ब्लड प्रेशर और खराब कोलस्ट्राल को कम करता है.

लहसुन हाई ब्लड प्रेसर को कम करता है इसे अपने भोजन में अवश्य शामिल करें.

डार्क चौकलेट में मैग्नीशियम अधिक मात्रा में होता है जो कि हाई ब्लड प्रेसर को कनट्रोल करने में मदद करता है.

अलसी के बीज के सेवन से हाई ब्लड प्रेसर की समस्या में तो आराम मिलता ही है साथ ही ह्रदय रोगों से भी बचता है.

हाई ब्लड प्रेसर के मरीजों को नमक का सेवन बहुत कम करना चाहिए.

शराब धम्रपान या अधिक कौफी  का सेवन हाई ब्लड प्रेसर के मरीज को नहीं करना चाहिए.

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लो ब्लड प्रेसर

लो ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है. जब रक्तचाप 90 /60 mmHg से कम होता है तो उसे लो बी पी कहा जाता है. ह्रदय, मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों में पर्याप्त रक्त न पहुंच  पाने के कारण ही बी पी लो होता है. चककर  आना, घबराहट होना व पैरों का लड़खड़ाना इसके सामन्य लक्षण हैं.

कैसे करें लो ब्लड प्रेसर को नार्मल 

संतुलित आहार है बेहद जरूरी. अपनी डाइट में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम को लेना न भूलें.

बी पी लो होने पर ब्लैक कौफी पिएं, उससे बी पी नार्मल हो सकता है.

ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें जैसे नारियल पानी, आम पन्ना, आनार का जूस और बेल के शरबत का  सेवन करें व् दिन में कम से कम 8 गिलास पानी अवश्य पियें.

ऐसे में निर्जलीकरण,पोषण तत्वों की कमी, ह्रदय की समस्या, रक्त की कमी, एंडोक्राइन विकार और न्यूरोलौजिकल संबंधित बीमारियां हो सकती हैं.

इस तरह के मरीजों को थोड़ा थोड़ा कर के खाना चाहिये एक साथ ज्यादा खा लेने से आपके शरीर को भोजन पचाना आसान नहीं होता.

ज्यादा देर आउटडोर एक्सरसाइज करने से बचें.

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