'समरथ को नहीं दोष गोंसाई’ धार्मिक ग्रंथों में लिखी इस लाइन का मतलब होता है कि जो शक्तिशाली होता है उसका कोई दोष नहीं होता है. भारतीय जनता पार्टी के नेता इस लाइन का मतलब बहुत अच्छी तरह से जानते और समझते हैं. यही वजह है कि उनको अपने नेताओं में कोई दोष कभी नजर नही आता है. उन्नाव में भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की बात हो या हिन्दूवादी नेता, रामजन्मभूमि आन्दोलन के पुरोधा, संत और पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद हो. अगर जनता या कोर्ट के दबाव में इन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करनी भी पड़ी तो उसके पहले बचाव का पूरा खाका तैयार कर लिया गया. पुलिस की जांच बलात्कार मामले में भले ही ना शुरू हुई हो रंगदारी मामले में पुलिस ने पूरे सबूत जुटाने और लड़की के खिलाफ पक्के सबूत होने की बात कही है.

चिन्मयानंद मामला इसका सीधा उदाहरण है. एलएलएम की कानूनी पढ़ाई करने वाली छात्रा ने जब स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ यौन षोषण और बलात्कार का आरोप लगाया तो सबसे पहले तो उसकी बात को पुलिस ने सुना नहीं. उल्टे लड़की के खिलाफ ही 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का मुकदमा लिख कर जांच शुरू कर दी. पुलिस के न्याय ना पाने की हालत में लड़की ने उत्तर प्रदेश छोड़कर राजस्थान चली गई और सोशल मीडिया पर अपनी दास्तान सुनाई. इसके बाद जनता और कोर्ट ने मामले में लड़की का साथ दिया. तब लड़की ने दिल्ली में जाकर अपने साथ हुई घटना का मुकदमा लिखाया.

ये भी पढ़ें- महंगी प्याज ने निकाले लोगों के आंसू

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...