कुछ समय पहले तक गर्भावस्था को छिपाया जाता था. प्रसव के बाद ही लोगों को बच्चे का पता चलता था. कुछ समय पहले फिल्म आर्टिस्ट और मौडल्स ने अपने गर्भावस्था के दिनों में ही अलग अलग फोटो शूट कराये. यह फोटो शूट प्रसव के कुछ समय पहले तक कराये जाते है. बड़े शहरों में यह काफी ग्लैमरस अंदाज में होते है. छोटे शहरों में माहौल को देखते हुये यह मैटरनिटी फोटो शूट हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ‘कैमरो क्लिक‘ की शुभांगी मौर्या कहती हैं ‘हमारे पास कुछ समय से ऐसे फोटो शूट के लिये बडी संख्या में लोग आ रहे हैं. यह लोग केवल स्टूडियों में ही नही आउटडोर शूट भी कराते हैं. थीम के अनुसार अलग अलग रिश्तेदारों खासकर पति और सास या ननद के साथ ऐसे शूट भी कराते हैं. महिलाएं गर्भावस्था को यादगार बनाते हुये अपने भावनात्मक पलों को भी फोटो में कैद करना चाहती हैं.
ऐसे फोटोशूट के लिये नार्मल फोटो शूट की ही तरह से मेकअप, ड्रेस और लोकेशन का चयन करना पड़ता है. शुभांगी मौर्या कहती हैं ‘मैटरनिटी फोटोशूट के समय सबसे ज्यादा देखने वाली चीज लोकेशन और ड्रेस होती है. यह गर्भावस्था के दिनो भी महिला को और सुदंर दिखाने का काम करती है. सामान्य तौर पर ऐसे फोटो शूट के लिये एक पैकेज लेना लोग पंसद करते हैं. जिसमें गर्भावस्था से लेकर प्रसव के 6 माह तक का समय शामिल होता है. जिसमें प्रसव के बाद बच्चे का फोटोशूट भी होता है. लोग ऐसे फोटो के स्लाइड शो भी बनवाते हैं. साथ ही साथ एलबम भी. उनकी जरूरत यह होती है कि ऐसे पलों को वह अपनी यादों में संजो कर रख सके साथ ही साथ आज सोशल मीडिया के दौर में दूसरों को बता भी सके.
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स्त्री रोग विषेषज्ञ डाक्टर सुनीता चन्द्रा कहती हैं कि ‘मेडिकल सांइस के तरक्की करने और जागरूकता आने से प्रसव अब पीड़ादायक नहीं रह गया है. ऐसे में हर कोई इस पलों का संभाल कर रखना चाहता था. गर्भावस्था के दौर में भी महिलाएं खुद के फिगर को फिट रखती है. वह सुंदर दिखना चाहती है. इसके लिये डाइट, एक्सरसाइज, ड्रेस को भी बहुत अच्छा रखती है. ऐसे में मैटरनिटी फोटो शूट एक जरूरी रास्ता बन गया है. इसको करते समय यह ख्याल जरूर रखें कि इसका गर्भावस्था पर कोई कुप्रभाव ना पडे. डाक्टर की सलाह पर ही ऐसे काम करें. यह जरूर है कि अगर सब कुछ हेल्थ कर नजर से सही है तो मैटरनिटी फोटो शूट कराने में कोई दिक्कत नहीं होती है.