अगले महीने से ब्राजील के रियो में होने वाले ओलंपिक से पहले ही भारतीय दल के नरसिंह यादव के डोप टेस्ट में फंसने की वजह से बड़ा झटका लगा है. डोपिंग एजेंसी नाडा की अनुशासन समिति के सामने पेश होने से पहले ही प्रतिबंधित दवाएं लेने के आरोपी पहलवान नरसिंह यादव का पत्ता कट गया है.

रेसलिंग फेडरेशन ने नरसिंह की जगह प्रवीण राणा को ओलंपिक का टिकट दे दिया है. ये सब तब हुआ जब नाडा में नरसिंह के केस की सुनवाई होनी है.

ओलंपिक रिंग में उतरने से पहले ही देश के सुल्तान नरसिंह यादव का रियो ओलंपिक में जाने का सपना टूट गया है. डोपिंग की जांच करने वाली एजेंसी ‘नाडा’ नरसिंह यादव के मामले की सुनवाई करने वाली है.

डोप टेस्ट में फेल नरसिंह यादव के पास अनुशासन समिति के सामने बेगुनाही साबित करने का मौका है लेकिन उससे पहले ही रेसलिंग फेडरेशन ने प्रवीण राना को नरसिंह यादव की जगह ओलंपिक का टिकट दे दिया है.

राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी यानि नाडा की जांच में नरसिंह के ‘ए’ और ‘बी’ दोनों नमूनों में प्रतिबंधित मेथेंडाइनोन नाम का स्टेरॉयड मिला है. नरसिंह का आरोप है कि उनके खाने में साजिश के तहत किसी ने ये स्टेरॉयड मिला दिया था.

नरसिंह यादव का मामला बहुत जटिल है. नाडा ने अगर उनके साथ साजिश की बात मान भी ली तब भी नरसिंह यादव ओलंपिक में नहीं जा पाएंगे क्योंकि प्रतिबंधित दवाएं उनके शरीर के अंदर हैं और वो तब तक खेल नहीं पाएंगे जब तक शरीर दवा मुक्त न हो जाए.

वहीं डोपिंग के आरोपों में फंसे पहलवान नरसिंह यादव ने थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज करा दी है. नरसिंह ने थाने में कहा, ‘मेरे खाने में कुछ मिलाया गया था इसकी जांच होनी चाहिए.’

नरसिंह की उम्मीद बरकरार

हालांकि प्रवीण राणा का नाम दिए जाने के बाद भी ऐसी उम्मीदें बनी हुई हैं कि अब भी नरसिंह ओलंपिक में जा सकते हैं. अगर नरसिंह डोपिंग के आरोप से बरी हुए तो उन्हें ओलंपिक में खेलने का मौका मिल सकता है. प्रवीण का नाम अभी इसलिए दिया गया है ताकि ओलंपिक में कोटा बना रहे.

कौन हैं प्रवीण राणा?

23 साल के प्रवीण राना फ्री स्टाइल रेसलर हैं. 66 से 74 किलोग्राम में दांव लगाते हैं. प्रवीण राणा को पहलवान सुशील कुमार का चेला भी माना जाता है.

2014 के एशियन एम्स में सुशील कुमार चोट के कारण नहीं खेल पाए थे तो उनकी जगह प्रवीण राना को मौका मिला था. प्रवीण राणा इससे पहले अमेरिका में 2014 में हुए रेसलिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. प्रवीण ने साल 2015 में 70 किलोग्राम में इटली में भी गोल्ड मेडल जीता था.

प्रवीण राणा की उपलब्धियां

2012 में नई दिल्ली में पहले हरी राम इंडियन ग्रां प्रि टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक

2010 में रोहतक में जूनियर नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

2010 में रांची में 55वीं सीनियर कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक

2008 में उबेकिस्तान में कैडेट एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

2008 में पुणे में तीसरे राष्ट्रमंडल युवा खेलों में स्वर्ण पदक

नरसिंह मेरा अपना छोटा भाई: सुशील कुमार

इसी बीच पहलवान सुशील कुमार ने भी नरसिंह विवाद में पहली बार खुलकर बात करते हुए कहा कि वो नरसिंह को अपना छोटा भाई मानते हैं और उनपर लग रहे तमाम साजिश के आरोप पूरी तरह से गलत हैं.

ओलंपिक में जाने को लेकर सुशील और नरसिंह में था विवाद

74 किग्रा भार वर्ग में नरसिंह यादव ने क्वालीफाई किया था. जिसके बाद सुशील कुमार का रियो ओलंपिक में जाने का रास्ता रुक गया था. जिसके सुशील ने इस मामले को लेकर खेल मंत्रालय से लेकर डब्ल्यूएफआई और कोर्ट तक गुहार लगाई थी.

सुशील कुमार चाहते थे कि नरसिंह से उनका ट्रायल्स करा दिया जाए और जो इस मुकाबले को जीते उसे रियो ओलंपिक में भेज दिया जाए. अंत में सुशील कुमार को कोर्ट में हार का सामना करना पड़ा और नरसिंह को ओलंपिक का टिकट मिला था.

नरसिंह यादव के खाने में कथित दवाई मिलाने वाले आरोपी की पहचान

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह ने कहा कि सोनीपत कैंप में नरसिंह यादव के खाने में कथित दवाई मिलाने वाले आरोपी की पहचान कर ली गई है. भारतीय कुश्ती संघ के मुताबिक जिस आरोपी की पहचान की गई है, वह एक सीनियर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी का भाई है और छत्रसाल अखाड़े में प्रैक्टिस करता है. हालांकि सुशील कुमार के मुद्दे पर उन्होंने कुछ भी नहीं कहा. साई सेंटर के रसोइये ने भी इस आरोपी की पहचान की है.

कुश्ती संघ के मुताबिक, पहचाने गए लड़के ने नरसिंह के खाने में दवाई मिलाने की बात भी मानी है. नरसिंह पहले दिन से ही कह रहे हैं कि उन्हें किसी साजिश के तहत फंसाया गया है.

ब्रजभूषण सिंह पहले ही पहलवान नरसिंह यादव के समर्थन में ऐलान कर चुके थे कि नरसिंह के खिलाफ साजिश हुई है. सिंह ने तो यहां तक आरोप लगाया कि सोनीपत के कैंप में नरसिंह के साथ कोई साजिश की गई.

सिंह ने नरसिंह की तारीफ करते हुए कहा था कि 50 से ज्यादा कुश्ती लड़ चुके नरसिंह ने कभी भी डोप टेस्ट देने से मना नहीं किया. कई खिलाड़ी यह टेस्ट देने से मना करते हैं.

उन्होंने कहा कि नरसिंह की इस बात की सभी जगह तारीफ होती है और यहां तक की खुद नाडा भी नरसिंह की इस बात के लिए तारीफ कर चुका है. फेडरेशन का आरोप था कि 5 जून को खाने में छौंक लगाते समय प्रतिबंधित दवा डाली गई.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...