उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दक्षिण में एक थाना है गोला. इसी थाने के अंतर्गत एक गांव है बेलपार. 35 वर्षीय शेषनाथ मौर्य अपने परिवार के साथ इसी गांव में रहता था. उस के परिवार में विधवा मां मीना, पत्नी नीतू, 2 बेटे, 3 भाई और एक बहन थी.

पिता की असामयिक मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी का बोझ शेषनाथ के कंधों पर आ गया था. इस का दूसरे नंबर का भाई गोविंद विदेश में रहता है. भाईबहन की जिम्मेदारी जब शेषनाथ के कंधों पर आई तो वह घबराया नहीं, बल्कि उस ने डट कर मुकाबला किया.

वह कमाने के लिए गांव छोड़ कर दिल्ली चला गया. वहां जो भी कमाई होती थी, वह अपना खर्चा निकाल कर बाकी पैसे घर भेज देता था. घर वह 4-6 महीने में ही जा पाता था. तब भी वह 4-5 दिन घर रुक कर अपनी ड्यूटी पर लौट जाता था.

इसी साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में शेषनाथ की रिश्तेदारी में शादी थी. शादी समारोह में शामिल होने के लिए वह 17 फरवरी, 2019 को दिल्ली से घर आया था.

22 फरवरी को वह घर पर ही था. रात 9 बज कर 22 मिनट पर शेषनाथ के मोबाइल पर किसी की काल आई. उस ने कुछ देर बात की. फिर दूसरी तरफ से फोन डिसकनेक्ट हो गया. उस के बाद उसी नंबर से उस के पास कई बार काल आई.

बारबार आ रही काल से शेषनाथ परेशान हो गया. उस वक्त रात के करीब सवा 10 बज चुके थे. तब तक उस की पत्नी नीतू को छोड़ कर घर के सभी लोग सो चुके थे. रसोई के कामों को निपटा कर नीतू कमरे में पहुंची तो पति को पैंट और शर्ट पहनते देख पूछा, ‘‘इतनी रात को तैयार हो कर कहां जा रहे हो?’’

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