उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दक्षिण में एक थाना है गोला. इसी थाने के अंतर्गत एक गांव है बेलपार. 35 वर्षीय शेषनाथ मौर्य अपने परिवार के साथ इसी गांव में रहता था. उस के परिवार में विधवा मां मीना, पत्नी नीतू, 2 बेटे, 3 भाई और एक बहन थी.
पिता की असामयिक मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी का बोझ शेषनाथ के कंधों पर आ गया था. इस का दूसरे नंबर का भाई गोविंद विदेश में रहता है. भाईबहन की जिम्मेदारी जब शेषनाथ के कंधों पर आई तो वह घबराया नहीं, बल्कि उस ने डट कर मुकाबला किया.
वह कमाने के लिए गांव छोड़ कर दिल्ली चला गया. वहां जो भी कमाई होती थी, वह अपना खर्चा निकाल कर बाकी पैसे घर भेज देता था. घर वह 4-6 महीने में ही जा पाता था. तब भी वह 4-5 दिन घर रुक कर अपनी ड्यूटी पर लौट जाता था.
इसी साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में शेषनाथ की रिश्तेदारी में शादी थी. शादी समारोह में शामिल होने के लिए वह 17 फरवरी, 2019 को दिल्ली से घर आया था.
22 फरवरी को वह घर पर ही था. रात 9 बज कर 22 मिनट पर शेषनाथ के मोबाइल पर किसी की काल आई. उस ने कुछ देर बात की. फिर दूसरी तरफ से फोन डिसकनेक्ट हो गया. उस के बाद उसी नंबर से उस के पास कई बार काल आई.
बारबार आ रही काल से शेषनाथ परेशान हो गया. उस वक्त रात के करीब सवा 10 बज चुके थे. तब तक उस की पत्नी नीतू को छोड़ कर घर के सभी लोग सो चुके थे. रसोई के कामों को निपटा कर नीतू कमरे में पहुंची तो पति को पैंट और शर्ट पहनते देख पूछा, ‘‘इतनी रात को तैयार हो कर कहां जा रहे हो?’’
‘‘मेरे दोस्त की कई बार काल आ चुकी है. उसी से मिलने जा रहा हूं. उस से मिल कर थोड़ी देर में लौट आऊंगा. बस यूं गया और यूं आया.’’ कह कर शेषनाथ अपनी मोटरसाइकिल ले कर निकल गया. नीतू फटी आंखों से पति को जाते देखती रह गई.
शेषनाथ को घर से निकले 2 घंटे बीत चुके थे. वह घर नहीं लौटा था. नीतू पति को ले कर परेशान हो रही थी. वह समझ नहीं पा रही थी कि क्या करे, किस से कहे? क्योंकि पति के मोबाइल पर कई बार काल कर चुकी थी, लेकिन उस का फोन स्विच्ड औफ था.
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पति के लौटने की राह देखतेदेखते नीतू को कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला. जब उस की आंखें खुलीं तो सूरज सिर पर चढ़ आया था. सो कर उठते ही नीतू ने पहले घर में पति को देखा. उसे यकीन था कि उस के सोने के बाद वह घर लौट आए होंगे. लेकिन वह घर के किसी कमरे में नहीं दिखा तो नीतू ने यह बात सास मीना को बताई.
मीना को यह नहीं पता था कि शेषनाथ रात में किसी दोस्त से मिलने निकला था, अभी तक घर नहीं लौटा है. बहू की बात सुन कर मीना देवी भी परेशान हो गईं कि आखिर वह गया तो कहां गया.
नीतू रात से ही उस के मोबाइल पर फोन कर के थक गई थी. हर बार उस का मोबाइल स्विच्ड औफ ही बताता रहा था. मोबाइल का स्विच्ड औफ हो जाना सभी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था कि आखिर उस ने मोबाइल को बंद क्यों कर रखा है. कहीं ऐसा तो नहीं कि उस के साथ कोई अनहोनी हो गई हो.
मीना देवी ने नातेरिश्तेदारों के यहां फोन करा कर बेटे के बारे में पता लगवाया. उन का सोचना था कि हो सकता है वह रात में किसी रिश्तेदार के घर रुक गया हो. लेकिन वह किसी रिश्तेदार के यहां नहीं गया था. शेषनाथ को ले कर घर वाले परेशान थे. उन के मन में बुरेबुरे खयाल आने लगे थे.
दोपहर बीत जाने के बाद भी जब शेषनाथ घर नहीं आया तो मीना देवी गांव के कुछ लोगों को साथ ले कर गोला थाने पहुंच गईं. उन्होंने एसओ नाजिर हुसैन को बेटे के गायब होने की जानकारी दे दी. एसओ ने शेषनाथ की गुमशुदगी दर्ज कर के मीना देवी को घर भेज दिया. यह बात 23 फरवरी, 2019 की है.
गुमशुदगी दर्ज करने के बाद थाना पुलिस शेषनाथ की तलाश में जुट गई. जैसेतैसे वह रात मीना और नीतू की आंखों में बीती. शेषनाथ को गायब हुए करीब 48 घंटे बीत चुके थे, लेकिन अब तक उस का कहीं पता नहीं चला और न ही वह लौट कर आया. पति को ले कर नीतू और उस के बच्चों का रोरो कर बुरा हुआ जा रहा था. नीतू ये सोचसोच कर परेशान थी कि पता नहीं वह कहां और किस हाल में होंगे.
24 फरवरी, 2019 को थाना गगहा की पुलिस ने रियांव इलाके के मोड़ से एक लावरिस मोटरसाइकिल बरामद की. उस का हैंडल लौक था. गांव के चौकीदार भूषण ने लावारिस मोटरसाइकिल के बारे में थाना गगहा में सूचना दी थी. पुलिस ने बताए गए स्थान पर जा कर मोटरसाइकिल बरामद कर ली.
तलाशी में मोटरसाइकिल की डिक्की से बाइक के रजिस्ट्रेशन के कागज मिले. उन कागजों के आधार पर पता चला कि बाइक शेषनाथ मौर्या, निवासी बेलपार, गोला गोरखपुर की है.
एक दिन पहले ही गोला थाने से शेषनाथ के गुम होने की सूचना जिले के सभी 26 थानों को दी गई थी. गगहा थाने को भी इस की सूचना मिल गई थी. एसओ गगहा ने फौरन यह सूचना गोला थाने के एसओ नाजिर हुसैन को दे दी. एसओ नाजिर हुसैन ने बाइक थाना गगहा से अपने यहां मंगा ली.
25 फरवरी को उन्होंने मीना को थाने बुलवा कर बरामद की गई बाइक दिखाई तो मीना ने पहचान कर कहा कि यह बाइक उस के बेटे शेषनाथ की है.
जांच में जुटे नाजिर हुसैन की समझ में यह नहीं आ रहा था कि शेषनाथ की मोटरसाइकिल गोला थाने से करीब 50 किलोमीटर दूर गगहा इलाके तक कैसे पहुंची? उस के रहस्यमय तरीके से गायब होने के पीछे कोई राज तो जरूर था.
28 फरवरी को इसी सिलसिले में वह शेषनाथ के घर बेलपार पहुंचे. उन्होंने शेषनाथ की मां मीना देवी, पत्नी नीतू और भाई मोनू से पूछताछ की. पूछताछ में उन्हें शेषनाथ की किसी से दुश्मनी होने की कोई जानकारी नहीं मिली.
पूछताछ के बाद एसओ थाने लौट आए. शेषनाथ के बारे में और जरूरी जानकारी एकत्र करने के लिए उन्होंने मुखबिर लगा दिए. इस के बाद उन्होंने शेषनाथ के मोबाइल की काल डिटेल्स निकलवाई. काल डिटेल्स से पता चला कि 22 फरवरी, 2019 की रात 10 बज कर 14 मिनट पर शेषनाथ के मोबाइल पर आखिरी काल आई थी.
उस के कुछ समय बाद ही उस का फोन बंद हो गया था. जिस नंबर से काल आई थी, वह नंबर किसी रामसरन मौर्या, निवासी बड़हलगंज गोरखपुर का था. उस रात उस फोन नंबर से 9 बज कर 22 मिनट से 10 बज कर 14 मिनट के बीच शेषनाथ के मोबाइल से कई बार काल आई थी.
पुलिस ने रामसरन मौर्या के बारे में शेषनाथ के घर वालों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वे लोग उसे नहीं जानते. धीरेधीरे 10 दिन और बीत गए. शेषनाथ के बारे में कोई सुराग नहीं मिला. पुलिस यह सोचसोच कर परेशान थी कि आखिर वह गया तो कहां गया.
11 मार्च, 2019 को मुखबिर ने पुलिस को एक चौंका देने वाली सूचना दी. मुखबिर ने बताया कि गांव की ही संजू मौर्या से शेषनाथ का कई सालों से चक्कर चल रहा है. 5 साल पहले संजू की शादी बड़हलगंज में हो गई थी. शादी के बाद भी संजू और शेषनाथ के बीच मधुर संबंध बने रहे. इस बात की पूरी संभावना थी कि उस के ये संबंध उस के लिए मुसीबत बन गए हों.
मुखबिर की सूचना में पुलिस को दम दिख रहा था. एसओ नाजिर हुसैन ने शेषनाथ मौर्या की निजी जिंदगी की डायरी खंगाली. उस की जिंदगी की डायरी के पन्ने में संजू की मोहब्बत भरी पड़ी थी. शेषनाथ और संजू के बीच करीब 10 सालों से प्रेम संबंध थे.
एसओ पूछताछ के लिए दोबारा शेषनाथ के घर पहुंचे. उन्होंने शेषनाथ की मां मीना देवी से संजू और शेषनाथ के बीच रहे संबंधों के बारे में पूछा तो वह अवाक रह गई. यह सुन कर मीना देवी ने आशंका जाहिर की कि बेटे के लापता होने में संजू का हाथ हो सकता है. मीना देवी ने बताया कि संजू की ससुराल बड़हलगंज, गोरखपुर में है.
यह सुन कर एसओ नाजिर हुसैन का माथा ठनका. लावारिस हालत में शेषनाथ की मोटरसाइकिल गगहा थाने के रियांव के पास से बरामद की थी. बड़हलगज से रियांव बेहद करीब था. इस का मतलब यह था कि शेषनाथ के गायब होने में संजू के साथसाथ उस के ससुराल वाले भी शामिल हो सकते थे.
उस के ससुराल वाले शक के दायरे में आए तो नाजिर हुसैन ने बिखरी कडि़यों को जोड़ना शुरू किया. फिर क्या था, कडि़यां खुदबखुद आपस में जुड़ने लगीं. जांचपड़ताल से संजू शक के दायरे में आ गई थी.
13 मार्च, 2019 को शक के आधार पर पुलिस ने संजू की ससुराल जगदीशपुर सुगरौली पहुंच कर दबिश दी. संयोग से संजू और उस का पति रामसरन मौर्या घर पर ही मिल गए. दरवाजे पर पुलिस देख कर रामसरन मौर्या सकपका गया. उस के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं.
एसओ हुसैन अपनी टीम को बाहर पहरे पर खड़ा कर के अकेले कमरे में गए. उधर रामसरन के दरवाजे पर बड़ी तादाद में पुलिस खड़ी देख गांव वाले जुटने लगे थे. वे नहीं समझ पाए कि रामसरन के घर में ऐसा क्या हो गया कि सुबहसुबह पुलिस आ गई. खैर, एसओ हुसैन ने रामसरन से संजू के बारे में पूछा तो उस ने संजू को बुला कर थानेदार के सामने खड़ा कर दिया. संजू रसोईघर में खाना पका रही थी.
पुलिस को सामने देख कर वह घबरा गई. उस के चहरे से रंग उड़ गया. यह देख एसओ नाजिर हुसैन समझ गए कि दाल में कुछ काला जरूर है. उन्होंने हवा में तीर चलाते हुए संजू से पूछा, ‘‘शेषनाथ कहां है?’’
शेषनाथ का नाम सुनते ही संजू एकदम से कांप गई, ‘‘कौन शेषनाथ…मैं किसी शेषनाथ को नहीं जानती.’’ कह कर संजू रसोई की ओर जाने लगी.
‘‘मैं ने कब कहा कि तुम शेषनाथ को जानती हो.’’ थानेदार नाजिर हुसैन ने पैंतरा बदला, ‘‘मैं ने तो यह पूछा कि शेषनाथ कहां है?’’
‘‘कहा न, मैं शेषनाथ को नहीं जानती हूं.’’
‘‘ठीक है, जब तुम नहीं जानती हो तो उस का नाम सुन कर तुम्हारे चेहरे पर इतना पसीना क्यों आ गया?’’ संजू को घूरते हुए एसओ हुसैन बोले, ‘‘देखो संजू, तुम्हारा खेल अब खत्म हो चुका है. सीधेसीधे बता दो कि तुम लोगों ने शेषनाथ के साथ क्या किया है. मैं जानता हूं कि इस खेल में तुम अकेली नहीं हो, तुम्हारे साथ कोई और भी है. सीधेसीधे सच्चाई बता दो, नहीं तो हमारे पास सच उगलवाने के और भी तरीके हैं.’’
एसओ नाजिर हुसैन की कड़क आवाज सुन कर संजू बुरी तरह डर गई और फफकफफक कर रोने लगी, ‘‘साहब, मुझे बचा लीजिए.’’ रोती हुई संजू एसओ के पैरों में गिर गई. वह बोली, ‘‘शेषनाथ को मैं ने नहीं, मेरे पति और मेरे जेठ ने मारा है, साहब.’’
‘‘लाश कहां है?’’ एसओ ने पूछा.
‘‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने लाश का क्या किया.’’ संजू गिड़गिड़ाती हुई बोली.
इतना सुन कर रामसरन ने वहां से भागने की कोशिश की तो एसओ साहब ने उसे धर दबोचा. फिर क्या था, रामसरन ने भी कानून के सामने कबूल किया कि उस ने और उस के भाई विजय ने घर की इज्जत के साथ खेल रहे शेषनाथ को सदा के लिए रास्ते से हटा दिया. उस की लाश उन लोगों ने गांव के बाहर रामकृष्ण तिवारी के आलू के खेत में दफना दी है.
17 दिनों से रहस्य बनी शेषनाथ मौर्या की गुमशुदगी का राज खुल गया था. पुलिस रामसरन और उस की पत्नी संजू को हिरासत में ले कर गांव के बाहर रामकृष्ण तिवारी के खेत में पहुंची.
इधर एसओ नाजिर हुसैन ने यह जानकारी एसएसपी डा. सुनील गुप्ता, सीओ गोला सतीशचंद्र शुक्ला, एसपी (सिटी) विनय कुमार सिंह, एसपी (साउथ) विपुल कुमार श्रीवास्तव और एसडीएम गोला को दे दी. सूचना पा कर थोड़ी देर बाद सभी अधिकारी और मीडियाकर्मी मौके पर पहुंच गए.
एसडीएम की निगरानी में रामसरन तथा संजू की निशानदेही पर उस जगह की खुदाई की गई, जहां शेषनाथ की लाश दफनाई गई थी. 4 फीट गहरी खुदाई करने पर शेषनाथ की सड़ी हुई लाश बरामद हो गई.
लाश के ऊपर काफी मात्रा में नमक डाली गई थी ताकि लाश ही नहीं, हड्डी तक गल जाएं और किसी को कोई सबूत न मिले. लाश के पास से उस की मोटरसाइकिल की चाबी भी मिल गई. हत्यारों ने लाश के साथ चाबी भी डाल दी थी.
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लाश बरामद होने के बाद उस की शिनाख्त के लिए पुलिस ने मीना देवी को बुलवा लिया. बेटे की मौत की सूचना मिलते ही उस के घर में रोनापीटना शुरू हो गया. पुलिस ने लाश पोस्टमार्टम के लिए गोरखपुर मैडिकल कालेज भिजवा दी.
कागजी काररवाई के बाद पुलिस रामसरन मौर्या और उस की पत्नी संजू को गिरफ्तार कर थाना गोला ले आई. तब तक मीना देवी भी थाने पहुंच गई थी. पुलिस ने लाश के कपड़े मीना देवी को दिखाए तो वह पहचान गई कि कपड़े उस के बेटे शेषनाथ के ही हैं.
बहरहाल, पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो रामसरन मौर्या ने इज्जत की खातिर हत्या की बात कबूल कर ली. संजू ने पुलिस को बताया कि शेषनाथ और उस के बीच करीब 11 सालों से प्रेम संबंध थे. शादी के बाद भी वे एकदूसरे से भावनात्मक रूप से अलग नहीं रह सके.
पुलिसिया पूछताछ और दोनों आरोपियों के बयान के आधार पर सुहाग की दहलीज पर प्यार के दर्दनाक अंत की कहानी इस प्रकार सामने आई—
35 वर्षीय शेषनाथ मौर्या मूलरूप से गोरखपुर के गोला के बेलपार का रहने वाला था. पिता की असामयिक मौत के बाद उस ने परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली थी. ईमानदार, कर्मठी और मिलनसार शेषनाथ के व्यवहार से घरपरिवार ही नहीं बल्कि गांव वाले भी कायल थे. उस पर सब से ज्यादा कोई मेहरबान था तो वह थी पड़ोस में रहने वाली संजू.
संजू के पिता रामू मौर्या किसान थे. उन के पास खेती की जो जमीन थी, उसी से घरगृहस्थी चलती थी. 3 भाईबहनों में संजू सब से बड़ी थी.
साधारण नैननक्श वाली संजू देखने में खूबसूरत तो नहीं थी पर थी बहुत चंचल. उस के कई दीवाने थे पर वह किसी को लिफ्ट नहीं देती थी. उस ने अपने दिल के कागज पर मोहब्बत की स्याही से शेषनाथ का नाम लिख लिया था. शेषनाथ को वह बहुत चाहती थी.
संजू ने कसम खाई थी कि शेषनाथ ही उस के जीवन में सब कुछ होगा. संजू की तरह शेषनाथ भी उसे प्यार करता था. यह बात 11 साल पहले की है. तब दोनों की उम्र 22-23 साल रही होगी. जैसेजैसे इन की उम्र बढ़ती गई, इन का प्यार भी जवां होता गया.
जवां होते प्रेम के साथ दोनों के प्रेम संबंध ज्यादा दिनों तक परदे के पीछे छिपे नहीं रह सके. फिजा में घुली हवा के साथ इन का प्रेम संबंध गांव में फैल गया था. बात जब संजू के पिता रामू तक पहुंची तो घर में भूचाल आगया. वह बेटी की करतूतों से शर्मसार हो गया था.
वह जब भी घर से बाहर निकलता, गांव में संजू और शेषनाथ के प्रेम के चर्चे होते थे. यह सुन कर रामू का खून खौल उठता था. इस के बाद उस ने एक कठोर फैसला लिया. संजू का घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी और उस के लिए वर तलाश करने लगा. थोड़ी भागदौड़ करने पर बड़हलगंज के जगदीशपुर सुगरौली के रामसरन मौर्या के साथ संजू का विवाह कर दिया.
संजू ने भले ही सामाजिक दबाव में आ कर अपने गले में रामसरन मौर्या के नाम की वरमाला डाल ली थी लेकिन वह प्यार तो शेषनाथ से ही करती थी. भले ही उस ने तन पति रामसरन को सौंप दिया था, लेकिन उस के दिल पर उस के प्रेमी शेषनाथ की ही हुकूमत थी.
इधर संजू के बिना शेषनाथ को कुछ भी अच्छा नहीं लगता था. उस की यादों में शेषनाथ घुटघुट कर जी रहा था. बेटे की हालत देख कर मीना देवी से रहा नहीं जा रहा था. उस ने सोचा कि उस की शादी कर दी जाए तो वह संजू को भुला देगा. अंतत: मीना देवी ने बेटे की शादी नीतू के संग करा दी.
शादी के बाद शेषनाथ कमाने दिल्ली चला गया. दिन ऐसे ही गुजरते गए. इस बीच शेषनाथ 2 बेटों का पिता बन गया था. उधर संजू भी एक बेटे की मां बन गई थी.
दोनों की शादी को करीब 5 साल बीत चुके थे. लोग यही समझते रहे कि इन सालों में संजू और शेषनाथ एकदूसरे को भूल चुके होंगे, क्योंकि शेषनाथ दिल्ली रहता था तो संजू अपनी ससुराल में. दोनों मिल नहीं पा रहे थे लेकिन इन की ये दूरियां मोबाइल फोन ने कम कर दी थीं.
संजू और शेषनाथ दिन में एक बार जरूर बात कर लिया करते थे. बिना बात किए दोनों को चैन नहीं मिलता था. शेषनाथ ने संजू को यकीन दिलाया था कि वह थोड़ा और इंतजार कर ले, आने वाले दिनों में वह उसे अपने पास ले आएगा.
पति की पीठ के पीछे संजू इतना बड़ा गुल खिला रही है, यह बात रामसरन नहीं जानता था. लेकिन जब उस के सामने पत्नी की सच्चाई की कलई खुली तो रामसरन के पैरों तले से जमीन खिसक गई.
हुआ यूं था कि एक दिन ड्यूटी से थकामांदा रामसरन शाम घर लौटा तो रात में जल्दी खाना खा कर अपने कमरे में जा कर सो गया. संजू भी बिस्तर पर लेट गई. उस समय रात के करीब 10 बज रहे थे, तभी संजू के मोबाइल की घंटी बजी. फोन शेषनाथ का था. संजू काल रिसीव कर के धीमी आवाज में बातें करने लगी. पत्नी को फोन पर बातें करते सुन रामसरन की नींद टूट गई और वह उठ कर बैठ गया. पति को अचानक उठ कर बैठा देख संजू एकदम से सकपका गई.
वह इतना घबरा गई थी कि उस के हाथ से फोन नीचे गिरतेगिरते बचा. पत्नी की हालत देख कर रामसरन समझ नहीं पाया कि उसे देख कर संजू इतना घबरा क्यों गई. उस ने पूछा भी कि क्या बात है और इतनी रात गए किस से बातें कर रही थी? लेकिन उस ने कोई जवाब नहीं दिया. वह सो गई तो रामसरन भी सो गया.
अगली सुबह रामसरन ने उठते ही पत्नी से रात की फोन वाली बात पूछी तो वह टालमटोल करने लगी. उस की टालमटोल से उसे संदेह हुआ तो उस ने पत्नी का मोबाइल फोन चैक किया. फोन के काल रिकौर्डर में जब पत्नी को किसी पराए मर्द से मीठीमीठी बातें करते सुना तो रामसरन का खून खौल उठा. उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि उस के पीछे पत्नी ऐसा गुल खिला रही थी.
रामसरन पत्नी को कमरे में ले गया. उस ने संजू से सारी बातें सचसच बताने को कहा तो संजू ने भी डर से अपने और शेषनाथ के बीच सालों से चले आ रहे मधुर संबंधों की बात बता दी. उस ने यह भी बताया कि उस के घर वालों ने उस की मरजी के खिलाफ उस की शादी की थी.
सारी सच्चाई सुनने के बाद रामसरन ने पत्नी से कह दिया कि वह अपने प्रेमी के साथ जा सकती है, वह अब उसे अपने साथ नहीं रखेगा.
पति की बात सुन संजू की आंखों के सामने अंधेरा छा गया. वह सोचने लगी कि 3 साल के बच्चे को ले कर वह कहां जाएगी. लोग उसे पति को छोड़ने का कारण पूछेंगे तो वह उन्हें क्या जवाब देगी.
संजू पति के पैरों में गिर गई. उस ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी और कहा कि उस से बहुत बड़ी गलती हो गई. अब दोबारा ऐसी गलती नहीं करेगी.
रामसरन ने उसे एक शर्त पर माफ करने को कहा. शर्त यह थी कि वह शेषनाथ को फोन कर के यहां बुलाएगी. संजू ने पति से वादा किया कि वह वही करेगी, जो वह चाहेगा. इत्तफाक से उस समय शेषनाथ दिल्ली से बेलपार एक शादी में शरीक होने आया था.
22 फरवरी, 2019 की रात 9 बज कर 22 मिनट पर संजू ने शेषनाथ को फोन कर के मिलने के लिए अपनी ससुराल जगदीशपुर सुगरौली, बड़हलगंज बुलाया. उस ने कहा कि पति कहीं बाहर गया है, वह घर में अकेली है. मौका है आ जाओ.
शेषनाथ भी संजू से मिलने के लिए कब से बेचैन था. सोचा इसी बहाने वह उस से मिल भी लेगा और रात भी सुहानी हो जाएगी.
उस के बाद संजू ने उसे कई बार फोन किया. शेषनाथ ने उस से कहा कि वह आ रहा है. उस के बाद शेषनाथ पत्नी नीतू से दोस्त के पास जाने की बात कह कर मोटरसाइकिल ले कर जगदीशपुर सुगरौली रवाना हो गया.
एक घंटे बाद वह संजू की ससुराल पहुंच गया. संजू को देख कर शेषनाथ का चेहरा खुशियों से खिल उठा. संजू ने भी मुसकरा कर उस का स्वागत किया. कमरे में बिस्तर पर संजू का 3 साल का बेटा सो रहा था. शेषनाथ ने एक नजर कमरे में चारों ओर दौड़ाई, फिर उस ने संजू को अपनी बांहों में भर लिया और प्यार भरी बातें करने लगा.
शेषनाथ जैसे ही मस्ती के आलम डूबा कि रामसरन ने पीछे से उस के सिर पर डंडे से वार कर दिया. वार इतना जोरदार था कि वह सिर पकड़ कर नीचे जा गिरा. उसे अपने साथ धोखा होने का अहसास हुआ. इधर रामसरन ने पत्नी को दूसरे कमरे में ले जा कर बंद कर दिया.
रामसरन का साथ दे रहे उस के बड़े भाई विजय ने शेषनाथ को संभाला ताकि वह भाग न पाए. कमरे में संजू को बंद करने के बाद रामसरन अपने कमरे में आया. फिर उस ने रस्सी से शेषनाथ का गला, तब तक कसे रखा जब तक उस की मौत न हो गई.
जब रामसरन और विजय को यकीन हो गया कि उस की मौत हो चुकी है तो दोनों भाई लाश ठिकाने लगाने के लिए उसे कंधे पर लाद कर गांव के बाहर रामकृष्ण तिवारी के खेत में ले गए.
रामसरन और विजय दोनों ने मिल कर करीब 4 फीट गहरा गड्ढा खोद कर उस में शेषनाथ की लाश डाल दी. उस के साथ उस की बाइक की चाबी भी गड्ढे में डाल दी. उस के ऊपर बड़ी मात्रा में नमक भी डाल दिया, ताकि लाश मिट्टी में गल जाए. इस से पहले उन्होंने उस की मोटरसाइकिल ले जा कर खड़ी कर दी थी. ये सब करतेकरते पूरी रात बीत गई थी.
अगले दिन विजय गांव से फरार हो गया. संजू और रामसरन ने चुप्पी साध ली. लेकिन मोटरसाइकिल ने इन की योजना पर पानी फेर दिया.
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पुलिस ने रामसरन मौर्या और संजू से पूछताछ करने के बाद उन्हें भादंवि की धारा 302, 365, 201, 120बी के तहत गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. कथा लिखे जाने तक संजू और रामसरन जेल में बंद थे. विजय फरार था.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित
कहानी सौजन्य: मनोहर कहानी