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कुलदीप पटवल : बेहतरीन कलाकारों से सजी अति घटिया फिल्म

इन दिनों फिल्मकारों में सबसे बड़ी समस्या यह नजर आ रही है कि वह देश व समाज से जुड़े ज्वलंत मुद्दों को अपनी फिल्म की विषयवस्तु के रूप में चुन तो लेते हैं, मगर फिर पटकथा लेखन व निर्देशन के तौर पर उस पर आवश्यक मेहनत करने से बचते हुए घटिया फिल्म बनाकर परोस देते हैं. ऐसा ही कुछ लेखक व निर्देशक रेमी कोहली की फिल्म ‘‘कुलदीप पटवल’’ को देखकर अहसास होता है. अफसोस इस बात का है कि रेमी कोहली अपनी राजनीतिक व्यंग फिल्म ‘‘कुलदीप पटवल’’ में दीपक डोबरियाल, राइमा सेन, गुलशन देवैया जैसे बेहतरीन कलाकारों को जोड़ने के बावजूद अच्छी फिल्म नहीं बना पाए.

फिल्म ‘‘कुलदीप पटवल’’ की कहानी कुलदीप पटवल (दीपक डोबरियाल) नामक एक आम इंसान की है, जिस पर राज्य के मुख्य मंत्री वरूण चड्ढा (परवीन डबास) की हत्या करने का आरोप लगा है. अदालत में कुलदीप का मुकदमा ईमानदार व लोगों को न्याय दिलाने के लिए मशहूर वकील प्रदुम्न शाहपुरी (गुलशन देवैय्या) लड़ रहे हैं, जबकि कुलदीप को सजा दिलाने के लिए सरकारी वकील हैं-वरूण चड्ढा की पत्नी सिमरत चड्ढा (राइमा सेन).

कहानी जैसे आगे बढ़ती है तो पता चलता है कि कुलदीप एक मध्यमवर्गीय परिवार का युवक है. उसके पिता औटो रिक्शा चालक हैं. कुलदीप ने पटवारी की परीक्षा दी है और अच्छे नंबर आए हैं. उसे नौकरी मिलती, उससे पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री वरूण चड्ढा सरकारी नौकरी में आरक्षण लेकर आ जाते हैं और कुलदीप को नौकरी नहीं मिलती, जबकि उसके बचपन के दोस्त व आरक्षण श्रेणी में आने वाले जीतेंद्र उर्फ जीतू (जमील खान) को नौकरी मिल जाती है. फिर कुलदीप सड़क पर ठेला लगाकर सब्जी बेचना शुरू करता है और उसकी शादी हो जाती है. पर मुख्यमंत्री का नया आदेश उससे सड़क पर ठेला लगाकर सब्जी बेचने का हक भी छीन लेता है.

उसके बाद वह मां व पत्नी के सभी जेवर आदि बेचकर किराने की दुकान खोलता है. इसी बीच उसकी पत्नी जुड़वा बेटे व बेटी को जन्म देती है. मगर बच्चों के जिंदा रहने के लिए कुछ दिन उन्हें वेंटीलेटर पर रखना जरुरी है, पर सरकारी अस्पताल में यह सुविधा न होने की वजह से कुलदीप बच्चों को लेकर दूसरे अस्पताल जाता है, पर रास्ते में मुख्यमंत्री की वजह से जाम लगा होता है और उसके बच्चे रास्ते में मर जाते हैं. परिणामतः कुलदीप के मन में मुख्यमंत्री वरूण चड्ढा को लेकर गुस्सा है.

तो दूसरी तरफ एक अमीर खानदान से संबंध रखने वाले वरूण चड्ढा को उनके ससुर की वजह से भारतसर राष्ट्रवादी पार्टी से जुड़ने व फिर मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिल जाता है. वरूण के इरादे नेक हैं, पर जाने अनजाने वह उद्योगपतियों के चंगुल व राजनीति के कुचक्र में फंसता जाता है. वह बड़े बड़े उद्योग पतियों से सांठ गांठ कर पार्टी फंड के अलावा आम लोगों को सुविधाएं देने के काम कर रहे हैं. पर इससे पार्टी के दूसरे कई सदस्य खुद को उपेक्षित महसूस करते हुए उसे खिलाफ हैं.

पता चलता है कि एक उद्योगपति रमेश अग्रवाल अपने हित साधने के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव डालकर कुछ नियम बनवाते हैं और इसके एवज में वह मिड डे मील व अन्य आम आदमी से जुड़ी योजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराते हैं. कुछ माह के बाद यह सारा पैसा आम आदमी की बजाय पार्टी से जुड़े नेताओं व मंत्रियों की जेब में जाने लगता है. यानी कि सरकारी कानून व नीतियां पूर्णरूपेण उद्योगपतियों के इशारे पर ही बनती हैं. परिणामतः जनता में वरूण के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जाता है. उधर वरूण की आम इंसानों की फिक्र को लेकर वरूण व उनकी पत्नी सिमरत के बीच मतभेद हैं. एक दिन सिमरत अपनी बेटी को लेकर घर छोड़कर चली जाती हैं.

अब कहानी आगे बढ़ती है और जीतू भी भारतसर राष्ट्रवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है. वही कुलदीप को नशे की दवा खिलाकर उसके हाथ से वरूण पर गोली चलवाता है. मगर सबूत कुलदीप के पक्ष में नहीं हैं. पूरी बहस सुनने के बाद अदालत राज्य के कई मंत्रियों, रमेश अग्रवाल, जीतू व कुलदीप को पांच से सात साल तक की सजा सुनाती है. सजा सुनाने के बाद कुलदीप व सिमरत के बीच जो इशारे होते हैं, उससे यह साफ हो जाता है कि यह सारा किया धरा सिमरत का ही है. और कुलदीप पटवल का मुकदमा लड़ने वाले वकील प्रदुम्मन खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं. यानी कि फिल्मकार ने सरकारें किस तरह चलती हैं, इस बड़े मुद्दे की हवा महज निजी दुश्तनी पर खत्म करते हुए निकाल दी.

पूरी फिल्म बहुत धीमी गति से चलती है. फिल्म का कालखंड बार बार आगे पीछे होता रहता है. कई दृश्य कई बार दोहराए गए हैं, जिससे दर्शक फिल्म के साथ जुड़ नहीं पाता. बल्कि दर्शक मन ही मन बुदबुदाने लगता है कि ‘कहां फंसायो मेरे नाथ’. निर्माता, निर्देशक व लेखक ने कहानी तो जमीनी सच्चाई से जुड़ी हुई चुनी, मगर पटकथा लिखते समय वह बहक गए. जातिवाद, नौकरी में आरक्षण, मिड डे मील में घपला, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ उद्योगपति और राजनेताओं का भ्रष्ट गठबंधन सहित कई मुद्दों को एक साथ पेश करते हुए पूरी कहानी भटक गयी. एक भी मुद्दा ठीक से उभर नहीं पाता. इसकी लंबाई भी बेवजह बढ़ाई गयी है. यहां तक कि वह फिल्म के शीर्ष किरदार कुलदीप पटवल के संग भी न्याय नहीं कर पाए.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो दीपक डोबरियाल और गुलषन देवैय्या की जितनी तारीफ की जाए, कम है. दोनों ने जबरदस्त परफार्मेंस दी है. मगर राइमा सेन कई दृश्यों में चूक गयी. अनुराग अरोड़ा व जमील खान भी ध्यान आकर्षित करते हैं.

दो घंटे सात मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘कुलदीप पटवलःआई डिनौट डू इट’’ के लेखक, निर्माता व निर्देशक हैं-रिम्मी कोहली तथा कलाकार हैं-दीपक डोबरियाल, राइमा सेन, जमील खान, गुलशन देवैय्या, परवीन डबास व अन्य.

डरबन में पहली बार जीता भारत, हर कोई कर रहा है इन 5 बातों की चर्चा

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम ने वनडे सीरीज का आगाज जीत के साथ किया है. गुरुवार को किंग्समीड स्टेडियम में खेले गए पहले वनडे मैच भारत ने दक्षिण अफ्रीका को छह विकेट से हरा दिया है. इसी के साथ मेहमान टीम ने छह वनडे मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है. मैच में एक बार फिर जीत के हीरो भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली रहे.

विराट कोहली पिछले कुछ समय से लगातार रन बना रहे हैं और पहले वनडे में ही शतक जड़कर उन्होंने फिर अपने फौर्म का परिचय दिया है. इसके साथ मैच जीतते ही भारतीय टीम ने कई रिकौर्ड भी अपने नाम किए. इससे पहले भारतीय टीम डरबन में खेले गए वनडे मैचों में कभी जीत हासिल नहीं कर सकी थी, लेकिन गुरुवार को विराट कोहली अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को यहां जीत दिलाने में सफल रहे. आइए नजर डालते हैं मैच की कुछ ऐसी बातों पर जिसकी चर्चा हर क्रिकेट फैन कर रहा है.

भारतीय स्पिनर्स के आगे ढेर हुए दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज

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टौस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका ने अच्छी शुरुआत की. हाशिम अमला और क्विंटन डी कौक ने काफी संभलकर पारी को बढ़ाने का काम किया, लेकिन कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया. इन दोनों कलाई के स्पिनरों ने दक्षिण अफ्रीका के मध्यक्रम को टिकने नहीं दिया, कप्तान डु प्लेसिस को छोड़ कोई भी बल्लेबाज मैदान पर ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया. इस मैच में कुलदीप यादव ने 3 तो वहीं चहल ने 2 विकेट अपने नाम किए.

फौफ डु प्लेसिस ने जड़ा शतक

डु प्लेसिस ने पहले क्विंटन डी कौक के साथ दूसरे विकेट के लिए 53 रनों की साझेदारी की. डी कौक के आउट होने के बाद प्लेसिस को किसी का साथ नहीं मिला, लगातार विकेट गिरने के बाद उन्होंने क्रिस मौरिस के साथ टीम को संभालने की कोशिश की. इस बीच 47वें ओवर की दूसरी गेंद पर एक रन लेकर प्लेसिस ने वनडे में अपना नौंवां शतक पूरा किया. भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर अंतिम ओवर में वह कैच आउट हो गए.

टेलेंडर्स ने दिया कप्तान फौफ डु प्लेसिस का साथ

एडिन मार्कराम (9), ज्यां पौल ड्यूमिनी (12), डेविड मिलर (7) के जल्दी-जल्दी पवेलियन लौटने के बाद ऐसा लगने लगा था कि दक्षिण अफ्रीका की पारी 200 से पहले ही समाप्त हो जाएगी. हालांकि, इसके बाद क्रिस मौरिस और फेहुलकवायो ने कप्तान का साथ दिया और टीम का स्कोर 269 तक पहुंचाने का काम किया.

जारी है कोहली का विराट प्रदर्शन

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने वनडे करियर का 33वां शतक जड़कर टीम की जीत पक्की कर दी. कोहली की पारी का अंत 45वें ओवर की तीसरे गेंद पर फेहुलकवायो ने किया. कोहली ने अपनी पारी में 119 गेंदों का सामना करते हुए 10 चौके लगाए.

अजिंक्य रहाणे ने भी दिखाया दम

तीसरे टेस्ट में अहम पारी खेल भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले रहाणे को चौथे नंबर पर भेजा गया और इस बल्लेबाज ने मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए अपने कप्तान को दूसरे छोर से जरूरी समर्थन दिया. कोहली और रहाणे की जोड़ी ने विकेट पर इस कदर पैर जमा लिए की अफ्रीकी गेंदबाजों के दांव धरे के धरे रह गए. इस जोड़ी ने भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया.

बौलीवुड में बिना अनुमति के नहीं होता कास्टिंग काउच : मंदिरा

कास्टिंग काउच का मुद्दा बौलीवुड के गलियारों में सालों से गूंजता रहा है. इसको लेकर फिल्म अभिनेत्रियों ने कई दफा हल्का-फुल्का कहा भी है, लेकिन खुलकर इस मुदे पर स्टैंड लेने वाला कभी कोई सामने नहीं आया है. इसके उलट हौलीवुड में इन दिनों अभिनेत्रियां और महिला टेक्निशियन इस मसले पर बड़ी संख्या में सामने आ रही हैं. हालांकि, अब मंदिरा बेदी ने कास्टिंग काउच पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुई बड़ी बात कही है.

मंदिरा बेदी का कहना है कि अगर हम यह कहें कि कास्टिंग काउच में सिर्फ एक पक्ष की गलती है, तो उन्हें ऐसा नहीं लगता है. उनकी नजर में ये दोनों पक्ष से जुड़ा मामला है

सहमति से ही होता है इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच

मंदिरा का कहना है कि कास्टिंग काउच में सिर्फ एक की गलती नहीं होती है. यह दोनों तरफ से सहमति के बाद ही मुमकिन होता है. उन्होंने कहा कि कई दफा लोगों का कहना होता है कि फिल्म में काम देने के नाम पर उनका सेक्सुअल हैरेशमेंट किया गया, लेकिन एक के चाहने से फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा नहीं होता है.’

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टू-वे प्रोसेस है कास्टिंग काउच

गौरतलब है कि टीवी सीरियल शांति के जरिए इंडस्ट्री में पहचान बनाने वाली मंदिरा इस इंडस्ट्री से लंबे वक्त से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि आज तक उनसे किसी ने इस तरह के फेवर की बात नहीं की. साथ ही मंदिरा ने कहा कि वह पिछले 23 साल से ज्यादा वक्त से इस इंडस्ट्री में काम कर रही हैं और उन्होंने कभी भी ऐसे हालात का सामना नहीं किया जब किसी ने उन्हें ऐसा औफर किया हो. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह उस जगह नहीं हैं जहां कोई उनसे अच्छे काम के बदले किसी तरह के फेवर के बारे में पूछ सके. कास्टिंग काउच तभी संभव है, जब दूसरा इंसान भी समझौता करने के लिए तैयार होता है. अभिनेत्री ने कहा कि यह हमेशा से टू-वे प्रोसेस होता है.

वोदका डायरीज में काम कर रहीं हैं मंदिरा

मंदिरा बेदी इन दिनों वेब सीरीज ‘वोदका डायरीज़’ में नजर आ रही हैं. निर्देशक कौशल श्रीवास्तव की इस वेब सीरीज में दिग्गज अभिनेता केके मेनन लीड रोल अदा कर रहे हैं. बता दें कि मंदिरा अपनी फिटनेस को लेकर भी काफी सजग रहती हैं. अक्सर वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर जिम की या फिटनेस शेड्यूल की फोटो शेयर करती रहती हैं.

पेट्रोल डीजल नहीं हुआ सस्ता, सरकार ने दी ये सफाई

बजट के बाद सरकार ने पेट्रोल-डीजल से 2 रुपए की एक्साइज ड्यूटी घटा दी है. इसके बाद तेजी से खबर फैली की पेट्रोल-डीजल 2 रुपए तक सस्ता हो गया है. हालांकि, थोड़ी देर बाद सरकार ने इस पर सफाई जारी की. वित्त सचिव ने कहा एक्साइज ड्यूटी से 2 रुपए घटाकर उसे सेस में बदला गया है. सरकार ने सिर्फ इतना ही किया है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर कोई असर नहीं हुआ है. आपको बता दें, बजट के बाद सरकार के ऐलान को समझा गया था कि पेट्रोल-डीजल 2 रुपए सस्ता हो गया है.

आम आदमी पर कोई फायदा नहीं

वित्त सचिव हंसमुख आढिया ने कहा पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती का फायदा आम आदमी पर नहीं होगा. क्योंकि, एक्साइज ड्यूटी 2 रुपए घटाकर उसे सेस में बदला गया है. खबरें जो फैल रही हैं वो पूरी तरह गलत हैं.

क्या हुआ कंफ्यूजन

वित्त मंत्री ने बताया कि बेसिक एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपए प्रति लीटर कटौती की गई है. इसके अलावा अडिशनल एक्साइज ड्यूटी में भी 6 रुपए की कमी की गई है, लेकिन इसके स्थान पर 8 रुपए प्रति लीटर के रोड सेस की शुरुआत की गई.

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पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाया गया

बजट में वित्तमंत्री ने पेट्रोल और हाइस्पीड डीजल पर 8 रुपए प्रति लीटर का सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाया है. इसले अलावा ब्रांड रहित पेट्रोल पर ड्यूटी 6.48 रुपए से घटाकर 4.48 रुपए कर दी गई है. ब्रांड वाले पेट्रोल पर ड्यूटी 7.66 रुपए से घटाकर 5.66 रुपए की गई है. इसके अलावा ब्रांड रहित डीजल पर ड्यूटी 8.33 रुपए से घटाकर 6.33 रुपए की गई है. ब्रांड वाले डीजल पर ड्यूटी 10.69 रुपए प्रति लीटर से घटाकर 8.69 रुपए किया गया है.

इन आधार पर तय होते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

औयल मार्केटिंग कंपनियां तीन आधार पर पेट्रोल और डीजल के रेट्स तय करती हैं. पहला इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड (कच्चे तेल का भाव). दूसरा देश में इंपोर्ट (आयात) करते वक्त भारतीय रुपए की डौलर के मुकाबले कीमत. इसके अलावा तीसरा आधार इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल-डीजल के क्या भाव हैं.

क्रूड की बढ़ती कीमतों से महंगा पेट्रोल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़तोरी से पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी वृद्धि हो चुकी है. 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पेट्रोल का दाम सबसे अधिक हो गया है. दिल्ली में आज पेट्रोल का दाम 72.92 रुपए प्रति लीटर है. डीजल 64 रुपए लीटर बिक रहा है.

9 बार बढ़ चुकी है एक्साइज ड्यूटी

केंद्र सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. सरकार ने क्रूड में आई तेज गिरावट का फायदा उठाते हुए अपना खजाना भरने के लिए यह कदम उठाया था. सरकार ने पिछले साल सिर्फ एक बार अक्टूबर में एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी.

ऐसे सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल

पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात लंबे समय से चल रही है. सरकार ने संकेत दिए हैं कि पेट्रोल-डीजल को इसके दायरे में लगाया जाएगा. सबकी निगाहें जीएसटी काउंसिल की 18 जनवरी को होने वाली साल की पहली बैठक पर टिकी हैं. उम्मीद है कि काउंसिल इस मामले में अहम फैसला ले सकती है. अगर इस पर मुहर लगती है तो पेट्रोल और डीजल काफी सस्ता हो सकता है.

क्यों सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल

जीएसटी काउंसिल अगर पेट्रोल-डीजल पर 28 फीसदी जीएसटी लगाती है तो भी आम आदमी को पेट्रोल और डीजल 50 रुपए से कम में पड़ेगा. इससे कच्चे तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों से काफी राहत मिलेगी. वहीं, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर से राज्यों से अपील की है कि वो अपने यहां वैट की दरों को कम करें.

‘हिचकी’ की रिलीज डेट टली, अब इस दिन तक फैंस को करना होगा इंतजार

अगर बौलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी के फैन हैं और उनकी कमबैक फिल्म ‘हिचकी’ का आप बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, तो आपको अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. रानी की अपकमिंग फिल्म ‘हिचकी’ की रिलीज डेट को आगे बढ़ा दिया गया है.

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यह फिल्म अब अपनी रिलीज डेट से एक महीने आगे कर दी गई है अब तक जहां ये फिल्म 23 फरवरी को रिलीज होने वाली थी, वहीं अब यह फिल्म 23 मार्च को सिनेमाघरों में आएगी. जिसकी जानकारी फिल्म ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्विटर पर ट्वीट कर दी है.

बताया जा रहा है यश राज फिल्म्स के प्रमुख आदित्य चोपड़ा को उनकी कंपनी की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन टीम ने ये सलाह दी है. उनका कहना है कि बोर्ड एग्जाम खत्म होने के बाद फिल्म को ज्यादा औडियंस मिलने की उम्मीद है.

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आपको बता दें कि रानी पिछले चार साल से लाइम लाइट से दूर रही हैं. वह पिछली बार साल 2014 को फिल्म मर्दानी में एक दमदार रोल में दिखाई दी थीं. वहीं अब वह हिचकी से एक बार फिर बौलीवुड में कम बैक करने जा रही हैं. रानी इन दिनों फिल्म के प्रमोशन में जुटी हुई हैं.

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रानी मुखर्जी इस फिल्म में नैना माथुर का रोल निभा रही हैं. नैना एक नर्वस सिस्टम डिस्और्डर से पीड़ित है. उसे बार-बार हिचकी आती है. वो एक टीचर बनना चाहती हैं, जिसमें ये समस्या उसका रास्ता रोकती है. कैसे वो मुश्किलों का सामना करती है, यही फिल्म की कहानी है. फिल्म को सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने डायरेक्ट किया है.

गूगल क्रोम पर अब एक साथ सभी वेबसाइट्स को कर पाएंगे म्यूट

गूगल इस हफ्ते क्रोम का नया वर्जन रिलीज करने वाला है. गूगल क्रोम के इस वर्जन में नए और दिलचस्प फीचर्स अब आ जाएंगे. इस पोस्ट में हम यही जानने की कोशिश करेंगे की गूगल क्रोम का यह नया वर्जन यूजर्स के लिए क्या खास फीचर्स लेकर आएगा और यूजर्स को आखिर इससे क्या फायदा होगा?

औटोप्ले वीडियोज को कर पाएंगे म्यूट

गूगल क्रोम के नए वर्जन में यूजर्स के लिए काफी नए फीचर्स पेश किये जाएंगे. इन फीचर्स में से सबसे खास फीचर साइट्स को म्यूट करने का है. इस फीचर के तहत यूजर्स उन साइट्स को पूरी तरह से म्यूट कर पाएंगे जिन पर वीडियो औटोप्ले हो जाती हैं. वेब पर ऐसी कई साइट्स मौजूद हैं जो यूजर्स को साईट सर्च का बेस्ट अनुभव प्रदान नहीं करतीं.

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ऐसा इसलिए क्योंकि इन साइट्स पर आते ही वीडियोज औटोप्ले होने लग जाती हैं. ऐसी साइट्स पर पेज स्क्रौल करते ही यूजर्स को वीडियो की आवाज और अपने आप चल जाना सही नहीं लगता. ऐसे में यूजर्स तुरंत उस साईट को बंद कर देते हैं. लेकिन अब इसकी जरुरत नहीं पड़ेगी. अब आप आसानी से एक राइट क्लिक में पूरी साईट को म्यूट कर सकते हैं. इस अपडेट के बाद म्यूट टैब फीचर जो अस्थायी तौर पर लाया गया था, वो भी हटा लिया जाएगा.

एचडीआर होगा क्रोम

गूगल विंडोज यूजर्स के लिए क्रोम 64 सपोर्ट करने के लिए एचडीआर सपोर्ट भी लेकर आ रहा है. इसके लिए यूजर्स को फौल क्रिएटर्स अपडेट के साथ पीसी, एचडीआर कम्पैटिबल मौनिटर और ग्राफिक कार्ड की जरुरत होगी. क्रोम का यह लेटेस्ट वर्जन मैक और विंडोज यूजर्स को मेल्टडाउन और अन्य परेशानियों/कमजोरियों से सुरक्षित रखेगा. गूगल SharedArrayBuffer फीचर को डिसेबल कर के अटैक्स को कम करने के प्रयास के सन्दर्भ में अन्य ब्राउजर्स को फौलो कर रहा है.

श्रीसंत के करियर के लिए क्यों अहम है 5 फरवरी का दिन

स्पौट फिक्सिंग में दोषी पाए जाने के बाद बीसीसीआई द्वारा आजीवन बैन झेल रहे तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने आजीवन बैन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि बैन खिलाड़ी के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. श्रीसंत के याचिका दायर करने के बाद कोर्ट उनके मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ के सामने इस मामले के आने के बाद उन्होंने इसे रोस्टर के अनुसार एक उपयुक्त पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. इस पीठ ने कहा, ‘‘ इस मामले को पांच फरवरी को रोस्टर के मुताबिक उपयुक्त पीठ के समक्ष रखा जाए.’’

बता दें कि श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें बीसीसीआई द्वारा 2013 में आईपीएल में स्पौट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने के बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था.

केरल हाईकोर्ट की सिंगल जज की पीठ ने 34 साल के तेज गेंदबाज को आजीवन बैन से राहत दी थी. लेकिन बीसीसीआई की अपील पर दो जजों की बेंच ने एकल पीठ के फैसले को पलटते हुए बैन को फिर से लगा दिया. अब इसी फैसले को श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

क्या है मामला ?

2013 में आईपीएल के अंतिम चरण में स्पौट फिक्सिंग की खबरें सामने आ गईं. 16 मई 2013 को श्रीसंत और राजस्थान रौयल्स के उनके दो अन्य साथी खिलाड़ी अजित चंदीला और अंकित चव्हाण गिरफ्तार हुए थे. आईपीएल-6 में स्पौट फिक्सिंग के आरोप दिल्ली पुलिस ने इन तीनों को मुंबई में गिरफ्तार किया था. गौरतलब हो कि श्रीसंत के साथ अंकित चव्हाण और अजित चंदिला को स्पौट फिक्सिंग के मामले पटियाल हाउस कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया था लेकिन बीसीसीआई ने बैन नहीं हटाया.

पूरी तरह तैयार नहीं ई-वे बिल की तकनीक

जीएसटी के ई-वे बिल में लगातार तकनीकी खामियों संबंधी शिकायतें आ रही थी, जिसे अब सरकार ने भी मान लिया है. ई-वे बिल की तकनीकी खामियों ने सरकार के सामने इसकी तारीख बढ़ाए जाने के अलावा और कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ा है. जी हां, इस बिल को तैयार करने में आ रहीं शुरूआती तकनीकी खामियों के चलते आखिरकार सरकार ने ई-वे बिल जेनरेशन के ट्रायल फेज को बढ़ाने का फैसला कर लिया है.

बता दें कि ई-वे बिल वो दस्तावेज है जो अब ट्रांसपोर्टर्स के लिए 50,000 रुपए से ऊपर की कीमत के अपने सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचाने के लिए बनवाना अनिवार्य होगा. यह राज्य के भीतर एवं राज्यों के बीच लागू होगा. ई-वे बिल का उद्देश्य टैक्स चोरी का पता लगाना है.

ई-वे बिल 16 जनवरी को लागू किया गया था और इसके ट्रायल रन के करीब 15 दिन बाद यानी 1 फरवरी को इस बिल को अनिवार्य किया जाना तय हुआ था. इसी दिन आम बजट 2018 भी पेश किया गया. लेकिन अब इसकी तारिख को बढ़ाए जाने का फैसला किया गया है. सरकार का कहना है कि इस संबंध में इस कानून के पूर्णतया लागू करने की तारीख का जल्द एलान किया जाएगा.

पहले ही दिन लोगों को हुई समस्या : 1 फरवरी के दिन हजारों ट्रांसपोर्टर्स ने शिकायत की कि उन्हें ई-वे बिल जेनरेट करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ लोगों ने ट्विटर पर शिकायत की कि ई-वे बिल का पोर्टल स्लो चल रहा है या ठीक से काम नहीं कर रहा है. वहीं कुछ लोगों ने अपनी सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी जाहिर कीं.

ई-वे बिल एक नजर में

क्या है ई-वे बिल : अगर किसी वस्तु का एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर राज्य के भीतर मूवमेंट होता है तो सप्लायर को ई-वे बिल जनरेट करना अनिवार्य होगा. अहम बात यह है कि सप्लायर के लिए यह बिल उन वस्तुओं के पारगमन (ट्रांजिट) के लिए भी बनाना जरूरी होगा जो जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं.

क्या होता है ई-वे बिल में : इस बिल में सप्लायर, ट्रांसपोर्ट और ग्राही (Recipients) की डिटेल दी जाती है. अगर जिस गुड्स को एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर एक ही राज्य के भीतर पहुंतचाया जाता हो और उसकी कीमत 50,000 रुपए से ज्यादा है तो सप्लायर (आपूर्तिकर्ता) को इसकी जानकरी जीएसटीएन पोर्टल में दर्ज करानी होगी.

कितनी अवधि के लिए वैलिड होता है यह बिल : यह बिल बनने के बाद कितने दिनों के लिए वैलिडहोदा , यह भी निर्धारित कर लिया गया है. अगर किसी गुड्स (वस्तु) का मूवमेंट 100 किलोमीटर तक होता है तो यह बिल सिर्फ एक दिन के लिए वैलिड (वैध) होता है. अगर इसका मूवमेंट 100 से 300 किलोमीटर के बीच होता है तो बिल 3 दिन, 300 से 500 किलोमीटर के लिए 5 दिन, 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 10 दिन और 1000 से ज्यादा किलोमीटर के मूवमेंट पर ई-वे बिल 15 दिन के लिए मान्य होगा.

इंस्टाग्राम से भी होगी वीडियो कौलिंग..?

अब जल्द ही इंस्टाग्राम यूजर्स भी एक दूसरे से वीडियो कौलिंग के जरिए बात कर सकेंगे. अपने यूजर्स को डायरेक्ट मैसेज फीचर उपलब्ध कराने के बाद अब इंस्टाग्राम वीडियो कौल फीचर लाने के लिए टेस्टिंग कर रहा है. अगर इंस्टाग्राम पर यह फीचर आ जाता है तो इंस्टाग्राम स्नैपचैट के काफी करीब आ जाएगा. क्योंकि स्नैपचैट पहले से ही यूजर्स को औडियो और वीडियो कौल करने की सुविधा देता है. हालांकि अभी कंपनी की तरफ से इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

बता दें कि इस वीडियो कौलिंग फीचर की मदद से यूजर्स इंस्टाग्राम डायरेक्ट मैसेज थ्रेड से सीधे वीडियो कौल कर पाएंगे. दावे के मुताबिक इसे आंतरिक जांच के दौरान देखा गया. साथ ही इस फीचर को दर्शाता हुआ एक स्क्रीनशौट भी सोशलमीडिया लीक हो गया है. लीक स्क्रीनशौट में इंस्टाग्राम डायरेक्ट मैसेज के टौप राइट कौर्नर में वीडियो कौल आइकन को दिखाया गया है.

ऐसे कर सकते हैं वीडियो कौल

रिपोर्ट के मुताबिक ये अपडेट आने के बाद इंस्टाग्राम यूजर्स को डायरेक्ट मैसेज में जाकर किसी यूजर्स का चैट बौक्स खोलना होगा. चैट बौक्स ओपन होते ही यूजर्स को ऊपर वीडियो कौलिंग का बटन दिखेगा जिसकी मदद से वो उस यूजर्स से वीडियो कौलिंग पर बात कर सकते हैं.

सभी को नहीं कर पाएंगे वीडियो कौल

ऐसा नहीं है कि आप अपडेट आने के बाद किसी भी इंस्टाग्राम यूजर्स को वीडियो कौल कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक आप उन्हीं इंस्टाग्राम यूजर्स को वीडियो कौल कर सकते हैं जिन्होंने आपकी डायरेक्ट मैसेज की रिक्वेस्ट एक्सेपट की होगी. अगर किसी यूजर्स ने आपकी चैट रिक्वेस्ट एक्सेपट नहीं की है तो आप उसे वीडियो कौल नहीं कर सकेंगे.

लीक स्क्रीनशौट में यह भी दावा किया जा रहा है कि वीडियो कौलिंग फीचर अगले कुछ महीने में एंड्रौयड और IOS दोनों ही डिवाइस में उपलब्ध करा दिया जाएगा. बहरहाल ये फीचर वाकई कब उपलब्ध होगा. इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता.

एक बार फिर मैच फिक्सिंग के घेरे में आया पाक का यह खिलाड़ी

मैच फिक्सिंग के आरोप में पांच वर्ष का बैन झेल चुके पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज सलमान बट एक बार फिर से फिक्सिंग के मामले में फंसते नजर आ रहे हैं. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एंटी करंप्शन यूनिट ने इस बात की पुष्टि की है कि वे हाल ही में अजमान अली स्टार्स टी20 लीग के दौरान कुछ संदिग्ध हरकत करते हुए पाए गए हैं

आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) की एंटी करप्शन यूनिट ने यूएई (यूनाइटेड अरब अमीरात) में खेले गए एक निजी टी-20 टूर्नामेंट के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल, इस टूर्नामेंट के एक मैच का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ है, जिसमें बल्लेबाज बहुत ही हास्यास्पद तरीके से आउट होते दिख रहे हैं. आइसीसी ने वीडियो फुटेज के आधार पर सलमान बट और तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ के अलावा कुछ और पाकिस्तानी खिलाड़ी को कुछ संदिग्ध हरकत करते हुए पाया है. आईसीसी ने आउट होने के तरीके के साथ ही खिलाड़ियों के बर्ताव पर भी शक जाहिर किया है.

इस घटना के बाद इस मैच को फिक्सिंग से जोड़कर भी देखा जा रहा है. अब आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट ‘अजमन औल स्टार्स लीग’ के इस मैच की जांच कर रही है. हालांकि, इस निजी लीग को एमिरात क्रिकेट बोर्ड और अजमान क्रिकेट परिषद ने गैरकानूनी करार दिया था, जिसके बाद भी बट और आसिफ के अलावा पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी हसन रजा और मुहम्मद खलील ने भी इसमें भाग लिया था.

सलमान बट ने कहा कि स्पौट फिक्सिंग मसले के बाद मैं किसी भी तरह के कौंट्रोवर्सी से दूर ही रहना चाहता हूं. मुझे खुशी है कि आइसीसी इस मामले की जांच कर रही है क्योंकि इसमें काफी खामियां थीं. हालांकि मैंने यहां पर सिर्फ दो मैच खेले और फिर मैं दुबई से वापस लौट आया. पहले मैच में मैं पहली ही गेंद पर आउट हो गया क्योंकि दुबई आने के तीन घंटे के बाद ही मुझे मैच खेलने के लिए कहा गया. इसके बाद दूसरे मैच में मैंने लगभग 70 रन बनाए. मुझे पता नहीं है कि मैंने कितने रन बनाए क्योंकि वहां पर कोई स्कोरर नहीं था. बट्ट ने कहा कि जो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और जिसे जांच के लिए भेजा गया है उसमें मैं नहीं था.

बता दें कि बट और तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ पर स्पौट फिक्सिंग के मामले में 2010 में पांच साल का प्रतिबंध लगा था. ये दोनों खिलाड़ी पाकिस्तान के कुछ अन्य खिलाड़ियों के साथ इस निजी टूर्नामेंट का हिस्सा थे.

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