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क्या आप जानते हैं, फिटनैस के लिए क्या करें और क्या नहीं

करीब 50-60 वर्षों पहले तक हम फिटनैस को ले कर इतने फिक्रमंद नहीं थे, जितने कि आज हैं. उस समय लोग खुद को फिट रखने और हैल्दी रखने के लिए वर्कआउट का सहारा नहीं लेते थे. उन का लाइफस्टाइल और काम ही ऐसा होता था जो उन के शरीर को फिट बनाए रखने के लिए काफी था. इमारत बनाने वाले मजदूर, जहाजों पर काम करने वाले, किसान आदि दिनरात मेहनत कर के पसीना बहाते थे, जिस से उन की मसल्स मजबूत बनी रहती थीं. जो लोग घरों में रहते थे, उन की दिनचर्या उन्हें फिट बनाने में मदद करती थी, जैसे साफसफाई, कपड़ों की धुलाई, खाना बनाना और घर व जानवरों की देखरेख के तमाम काम.

उन दिनों तनाव से मुक्त जीवन था और लोग आज की तरह आरामपरस्त नहीं थे. वे अपने काम खुद करते थे. उस जमाने में लोगों को खुद शेपअप करने के लिए जिम आदि का सहारा नहीं लेना पड़ता था. उस समय फिटनैस कोई समस्या नहीं थी और न ही कोई मुद्दा. उन दिनों मीलों चलने की कवायद थी. ट्रेडमिल के बारे में उन दिनों कोई जानता भी नहीं था.

आज समाज और लोगों के लाइफस्टाइल में काफी फर्क आ चुका है. दुनिया की सब से बड़ी समस्या फिटनैस बन चुकी है. वर्कआउट और ऐसी कई शारीरिक गतिविधियां हैं, जिन के जरिए आप अपनी बौडी फिटनैस बनाए रख सकते हैं.

फिटनैस को ले कर क्रेजी हुए यूथ

आजकल फिटनैस को ले कर युवाओं में जागरूकता स्वाभाविक तौर पर आ गई है. इस की एक खास वजह टीवी और फिल्में भी हैं. फिल्मी हीरो और मौडल्स की परफैक्ट बौडी और माचो लुक युवाओं को खूब पसंद आ रहा है. अपने स्टाइल आइकौन की तरह सिक्स पैक ऐब्स और गठीला बदन पाने की चाहत में आज युवा खासी मशक्कत कर रहे हैं.

युवतियां भी हैं फिटनैस की दीवानी

सिर्फ युवक ही नहीं, बल्कि अब युवतियां भी अपनी फिगर को ले कर काफी कौंशस रहती हैं. वे हीरोइनों की फिटनैस और फिगर की देखादेखी खुद भी तरहतरह के फिटनैस फंडे अपना रही हैं.

टीनएज से ही लग रहा यह चस्का

आजकल युवक और युवतियां टीनएज में ही अपने बौडी स्ट्रक्चर पर ध्यान देना शुरू कर देते हैं. जहां युवकों में फिटनैस का लेवल बढ़ाने और मसल्स बनाने का चस्का लग जाता है तो वहीं युवतियां अपने साइज को जीरो करने की कवायद में जुट जाती हैं.

फिटनैस ट्रेनर राजकिशोर का कहना है, ‘‘फिटनैस वर्कआउट किसी अच्छे टे्रनर की निगरानी में ही करें. कोई भी व्यायाम जब जरूरत से ज्यादा कर लिया जाए या फिर अपने बौडी टाइप को पहचाने बिना किया जाए तो वह आप के लिए नुकसानदायक बन सकता है.

फिट रहने के लिए डांस करें

डांस हमारी सभ्यता का अभिन्न अंग है. भारत के हर क्षेत्र में अपने तरीके के नृत्य प्रसिद्ध हैं. ये केवल मनोरंजन के ही नहीं, बल्कि भावनाओं की अभिव्यक्ति भी माने जाते हैं. फिट रहने के लिए आज बहुत से लोग नृत्य का सहारा ले रहे हैं. फिट रहने के ये साधन आप को शरीर के साथ मानसिक तौर पर भी फिट रखते हैं. यदि आप रोजमर्रा के कामों और रोज के वर्कआउट से ऊब चुके हैं तो अपने मनपसंद संगीत को सुन कर थोड़ी देर थिरक लें.

दौड़ना भी है जरूरी

अगर आप को जिम जा कर वर्कआउट करना पसंद नहीं है, तो आप अपने घर के पास ही सुबहशाम दौड़ लगा सकते हैं. दौड़ने से आप के शरीर की अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती ही है,  साथ ही, आप चुस्त रहते हैं.

तैराकी और अन्य व्यायाम

तैराकी से भी आप की बौडी को शेप मिलती है और आप फिट रहते हैं. अगर आप बौडी फिटनैस चाहते हैं तो स्विमिंग को अपना शौक बनाइए. बौडी फिटनैस के लिए

आप ऐरोबिक्स ऐक्सरसाइज कीजिए. ऐरोबिक्स ऐक्सरसाइज कैलोरी घटाने और बौडी शेपअप करने में आप की मदद करती हैं.

संगीत के साथ ऐरोबिक्स कर के आप तनाव से भी मुक्ति पाते हैं. हमारे हृदय की रक्त नलिकाओं में चरबी का जमाव होता है. जब यह चरबी नसों में जमा हो जाती है तो हृदय के लिए जाने वाले रक्त का बहाव कम हो जाता है व रक्तचाप और तेजी से बढ़ने लगता है. इसलिए खुद को फिट रखने के लिए रोजाना व्यायाम अवश्य करना चाहिए.

जोगिंग और साइक्लिंग

दिन में कम से कम 30 मिनट तक रोज पैदल चलें. इस से ब्लडप्रैशर नियंत्रित रहता है. रोज पैदल चलने से हृदय में खून का संचार सुचारु रूप से होता है एवं शरीर चुस्तदुरुस्त रहता है. इस के अलावा जौगिंग और साइक्लिंग से आप के पैरों को मजबूती मिलती है. इन दोनों ही कार्यों में आप के पूरे शरीर की मूवमैंट होती है, जो किसी व्यायाम से कम नहीं है.

वर्कआउट

वर्कआउट और पावर बेस्ड ऐक्सरसाइज

से पसीना ज्यादा निकलता है. इस से तन और मन दोनों हलके होते हैं. मन की कुंठा भी निकल जाती है. वर्कआउट करने से पहले जरूरी होता है वार्मअप. इस के बाद कुछ स्ट्रैचिंग ऐक्सरसाइज करें. हर ऐक्सरसाइज के 20-20 सैट करें. इस के बाद 20 मिनट की कार्डियो करें. कार्डियो में किसी एक बौडी पार्ट, जैसे बाइसैप्स को ले कर उस की ऐक्सरसाइज करें. उस के बाद ऐब्स पर काम करें. फिर कूल डाउन के लिए स्ट्रैचिंग ऐक्सरसाइज करें. इस बार हर स्ट्रैचिंग ऐक्सरसाइज को 10 सैकंड के लिए

होल्ड करें.

अपने बौडी टाइप के अनुसार ही कार्डियो करें, जैसे आप मोटे हैं तो वेट ट्रेनिंग करें. कार्डियो में पूरी बौडी की एकसाथ ऐक्सरसाइज करें. अगर आप की बौडी टाइप लीन यानी पतली है तो एकएक बौडी पार्ट का कार्डियो करें और एक सैट से दूसरे सैट में जाने के लिए कम से कम 1 मिनट का आराम लें.

आराम और मनोरंजन

शरीर को रिलैक्स करने का टाइम अवश्य निकालें. स्वस्थ जीवन के लिए तन और मन दोनों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. अपने औफिस की थकान और भागदौड़ के काम से खुद को कुछ देर अवश्य रिलैक्स करें. इस के लिए आप संगीत या फिर अपनी किसी मनपसंद हौबी को अपनाएं. कोशिश करें कि आप की हौबी ऐसी हो जो आप के शरीर के लिए फायदेमंद हो, जैसे आप कोई खेल, डांस आदि को खाली वक्त में रिलैक्स करने के लिए इस्तेमाल करें.

संतुलित आहार

फिट रहने के लिए न्यूट्रिशियस डाइट लें. वर्कआउट करने वाले लोगों को खासतौर पर प्रोटीन कौंप्लैक्स कार्बोहाइड्रैट युक्त लेना चाहिए.

आजकल के खाने से प्रोटीन पूरी मात्रा में हमारे शरीर में नहीं जा पाता. प्रोटीन की पूर्ति के लिए आप प्रोटीन पाउडर भी ले सकते हैं, लेकिन इस के सेवन के साथ आप को ऐक्स्ट्रा वर्कआउट करने की जरूरत होती है. दरअसल, प्रोटीन वाली चीजें पचाने के लिए शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिस से अधिक कैलोरी खर्च होती है.

हैल्दी लाइफस्टाइल और फिटनैस को ले कर आज हर कोई क्रेजी है, लेकिन गरमी में पसीने और थकान के कारण लोग ऐक्सरसाइज आदि पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते. ऐसे में फिट रहने के लिए वसामुक्त संतुलित आहार स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहता है.

हरी पत्तेदार सब्जियां

गरमी में पालक, ब्रोकली आसानी से मिल जाता है. इन में फाइबर के साथ विटामिन सी, के और फौलिक एसिड होता है. ये शरीर में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और पोटैशियम की जरूरत को भी पूरा करते हैं.

साबुत अनाज

साबुत अनाजों में अधिकतर फाइबर, विटामिन और जरूरी पोषकतत्त्व होते हैं. गेहूं की रोटी, साबुत अनाज का पास्ता और ब्राउन राइस खाने से वजन भी नहीं बढ़ता है और इन में पोषकतत्त्व भी अधिक होते हैं.

सूखे मेवे

सूखे मेवों को अपने आहार में शामिल करें. सूखे मेवों में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है. हालांकि इन में फैट भी उच्च मात्रा में होता है, लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होते. एक सप्ताह में लगभग 15-20 बादाम, काजू, अखरोट आदि का सेवन अवश्य करें.

दही

कम वसायुक्त सादा दही विटामिन, प्रोटीन और कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत होता है. दही के बैक्टीरिया आप के जिस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं. नतीजतन, आप तमाम रोगों से दूर रहते हैं.

डाइटिंग से रहें दूर

अब युवतियां भी फिटनैस की दौड़ में युवकों के कदम से कदम मिला रही हैं. आम युवतियां भी खुद को स्लिमट्रिम बनाना चाहती हैं, लेकिन सही गाइडैंस न मिल पाने के कारण वे ऐक्सट्रा वर्कआउट और डाइटिंग का सहारा लेती हैं. अल्ट्रा स्लिम बनने के लिए युवतियां खुद को पागलपन की हद तक भूखा रखने और हद से ज्यादा डाइटिंग का सहारा ले कर अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकतीं.

फिटनैस के नाम पर सेहत से न करें खिलवाड़

अगर आप बौडी फिटनैस के लिए वेट लिफ्टिंग को जरिया बनाने की सोच रहे हैं, तो इस से जुड़े बुनियादी नियमों और प्रशिक्षणों को नजरअंदाज करने की भूल न करें.

वेट लिफ्ंिटग को सही तकनीक से न करने पर मांसपेशियों, नसों, तंतु (लिगामैंट) और रीढ़ की हड्डी में भी चोट आने का खतरा हो सकता है. इस वर्कआउट में छोटी से छोटी गलती भी बड़ी भूल में बदल सकती है.

वेट लिफ्ंिटग एक ऐसा व्यायाम है, जिसे किसी ट्रेनर की देखरेख में करना चाहिए या इस की तकनीक का सही ज्ञान होने पर ही इसे करना चाहिए. वेट लिफ्ंिटग करते वक्त गलत तकनीक पर चलना जोड़ों पर असामान्य दबाव और मुलायम हड्डियों के लिए मुसीबत बन सकता है. ज्यादातर पीठ के निचले हिस्से में चोट लगने का खतरा सब से अधिक होता है.

वजन उठाने से जुड़ी ट्रेनिंग में यदि चूक होती है, तो आप सर्वाइकल या लुंबर डिस्क हर्निएशन (स्लिप्ड डिस्क) का शिकार हो सकते हैं.

इस बारे में डाक्टरों का मानना है कि वेट लिफ्ंिटग में यह जरूरी नहीं कि व्यायाम ज्यादा किया जाए, जरूरी यह है कि उसे ठीक तरह से किया जाए. भारी व्यायाम के दौरान कम से कम 3 दिनों का आराम अवश्य करना चाहिए. वेट लिफ्ंिटग करने से पहले यह बहुत जरूरी है कि वार्मअप और स्ट्रैचिंग की जाए.

फिटनैस क्रेजी फिल्मी कलाकारों की सेहत का राज जानिए

आजकल बौलीवुड कलाकार फिटनैस पर जोर देने लगे हैं. सभी कलाकारों को अपने शरीर को सुडौल व चुस्तदुरुस्त बनाए रखने की चिंता रहती है. इसी के चलते ज्यादातर कलाकारों ने अपनेअपने घरों में ही जिम बना रखा है. तो कुछ कलाकार मशहूर ट्रेनरों से ट्रेनिंग लेते हैं और उन के जिम का इस्तेमाल करते हैं. स्वस्थ व चुस्तदुरुस्त बने रहने के लिए कलाकारों को किस तरह के पापड़ बेलने पड़ते हैं, यह बात कलाकारों से अधिक कोई नहीं समझ सकता. आइए, जानते हैं यह बात इन्हीं की जबानी.

‘‘अंदर फिट तो बाहर हिट’’

– शिल्पा शेट्टी

फिटनैस आइकौन शिल्पा शेट्टी कहती हैं,‘‘मैं मानती हूं कि फिटनैस से आप खूबसूरत लगने लगते हैं, लेकिन स्किन तभी ज्यादा ग्लो करेगी जब आप अंदर से भी स्वस्थ रहेंगे. यह तभी मुमकिन है जब आप व्यायाम करने के साथसाथ अपना खानपान भी सही रखेंगे. समय की कमी सभी को है, लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि कभी भी कुछ भी, खा लें. न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें. बेशक, इंटरनैट पर बहुत जानकारी होती है लेकिन यह बहुत कन्फ्यूज वाली होती है. कहीं लिखा होगा कि यह चीज खाने से फायदा होगा, तो दूसरी जगह उसी चीज को खाने के नुकसान गिनाए गए होंगे. इस से लोग कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं. इसी को ध्यान में रख कर मैं ने हैल्थ पर एक किताब भी लिखी है.

‘‘बेटे बियान के जन्म के बाद मेरा वजन 32 किलोग्राम बढ़ गया था. बच्चे के लिए डाइट पर ज्यादा कंट्रोल नहीं रख सकती थी, इसलिए मैं ने ऐक्सरसाइज के जरिए अपने वजन को घटाया.  सुबह गरम पानी में नीबू व शहद रैगुलर लिया. हैल्दी डाइट रखी. डिनर टाइम 8 बजे से पहले का रखा.

‘‘शरीर को मेंटेन रखने के लिए 70 फीसदी हैल्दी डाइट लेना और 30 फीसदी ऐक्टिविटी या ऐक्सरसाइज करना जरूरी है.’’

‘‘ट्रेनर की राय ले कर ही वर्कआउट करना चाहिए’’

-जौन अब्राहम

जौन अब्राहम बौलीवुड के उन कलाकारों में से हैं जो कि अपनी फिटनैस के लिए हमेशा चर्चा में बने रहते हैं. जौन अब्राहम फिटनैस से कोई समझौता नहीं करते. उन के लिए स्वस्थ शरीर बहुत माने रखता है. वे हर दिन वर्कआउट करते हैं.

जौन का मानना है,‘‘स्वस्थ शरीर के लिए 3 चीजें महत्त्वपूर्ण होती हैं: अच्छा भोजन, अच्छी नींद और अच्छा वर्कआउट. वर्कआउट शुरू करने से पहले हर इंसान को अपने शरीर के बारे में जानना चाहिए. हर इंसान का शरीर अलगअलग होता है. मेरी राय में इंसान को ट्रेनर की राय ले कर ही वर्कआउट करना चाहिए. दूसरी बात एक स्वस्थ इंसान को कम से कम 6 से 8 घंटे सुकून की नींद लेनी चाहिए. ज्यादा देर तक जागना ठीक नहीं होता. नींद के समय शरीर खुद की रिपेयरिंग करता है. हमें यह याद रखना चाहिए कि मसल्स सिर्फ जिम में वर्कआउट करने से नहीं बनतीं. जिम करने के बाद जब आप आराम कर रहे होते हैं, तब मसल्स बनती हैं.’’

जौन अब्राहम आगे कहते हैं,‘‘जो लोग नियमित रूप से वर्कआउट करते हैं, उन्हें हर दिन वर्कआउट करने के बाद पौष्टिक आहार का सेवन जरूर करना चाहिए. अच्छे व पौष्टिक आहार से मेरा संबंध महंगे खाद्य पदार्थ से नहीं है. मैं नमक, शक्कर, तेल, घी सबकुछ खाता हूं, पर एक सही अनुपात में. कुछ लोग वजन कम करने या अन्य वजहों से चावल, आलू, ब्रैड व पास्ता खाने से परहेज करते हैं. मेरी राय में इन सभी पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए. मैं दोपहर के भोजन में रोटी, दाल व सब्जी, दही, 3-4 मछली पीस और गाजर का सलाद लेता हूं. फिर शाम के नाश्ते में 3-4 सफेद अंडे के अलावा सेब, अनार और पपीता लेता हूं. उस के बाद रात्रि के भोजन में बाजरा, ज्वार या चने की रोटी को प्रधानता देता हूं.’’

‘‘सप्ताह में 5 दिन जिम जाती हूं’’

-कंगना रानौत

कंगना रानौत खुद को चुस्तदुरुस्त रखने के लिए फिटनैस पर काफी ध्यान देती हैं. वे कहती हैं, ‘‘सफल अभिनेत्री बनी रहने के लिए अपने शरीर को भी चुस्तदुरुस्त व सुडौल रखना जरूरी होता है. इसलिए मैं फिटनैस ट्रेनर लीना मोगरे से फिटनैस की ट्रेनिंग लेती रहती हूं. मैं सप्ताह में 5 दिन 1 या 2 घंटे के लिए जिम जाती हूं. जिम के अंदर जाने के बाद मैं स्क्वाट्स, पुलअप्स, पुशअप्स, एब्स वर्कआउट, लोअर बैक ऐक्सरसाइज कार्डियो वर्कआउट करती हूं. स्टेमिना बढ़ाने की भी ट्रेनिंग ली है. डांस करना भी एक ऐक्सरसाइज है.’’

‘‘खाने में हर चीज सही अनुपात में लें’’

-विद्युत जामवाल

विद्युत जामवाल कहते हैं, ‘‘लोग सलाह देते हैं कि फलां बीमारी है तो नमक खाना बंद कर दो, कार्बोहाइडै्रट बंद कर दो या ज्यादा पानी पीना बंद कर दो वगैरा. मैं शरीर को हर चीज की जरूरत होती है. आप हर चीज सही अनुपात में लेंगे तो कभी दिक्कत नहीं आएगी.’’

विद्युत आगे कहते हैं, ‘‘मैं बचपन से ही कलारी पयट्टू नामक मार्शल आर्ट करता आ रहा हूं. इसी से मैं फिट रहता हूं. शरीर सुडौल रहता है. मैं सैल्फ डिफैंस को ले कर तमाम कोर्स करता रहता हूं. बहुत से लोगों को सिखाता रहता हूं.’’

‘‘मार्शल आर्ट ने बनाया मुझे फिट’’

-टाइगर श्रौफ

बौलीवुड में इन दिनों फिटनैस की चर्चा चलने पर टाइगर श्रौफ के फिटनैस की जरूर चर्चा होती है. टाइगर श्रौफ के चुस्तदुरुस्त व सुडौल शरीर की वजहें डांस व मार्शल आर्ट हैं. वे हर दिन कई घंटे मार्शल आर्ट और डांस को देते हैं. वे अपने शरीर को रबड़ की तरह मोड़ सकते हैं.

टाइगर श्रौफ कहते हैं, ‘‘हाल ही में मैं ने फिटविट नामक नया फिटनैस गैजेट खरीदा है. यह एक वायरलैस डिवाइस है. जिसे मैं घड़ी व कलाई बैंड की तरह हाथ में पहनता हूं. इस से मैं ने कितने घंटे नींद ली, कितनी सीढि़यां चढ़ीं, कितने किलोमीटर पैदल चला. ये सारे आंकड़े रिकौर्ड होते रहते हैं.’’

‘‘सुबह उठ कर चेहरे पर बर्फ लगाती हूं.’’

-आलिया भट्ट

चुलबुली गर्ल आलिया कहती हैं, ‘‘सुबह जल्दी उठ कर हर दिन वर्कआउट करती हूं. चेहरे की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए सुबह उठ कर चेहरे पर बर्फ लगाती हूं. हर्बल वाइप्स से मेकअप साफ करती हूं.’’

‘‘घर के खाने को वरीयता देता हूं’’

-अक्षय कुमार

48 साल की उम्र में भी सदैव चुस्त दुरुस्त नजर आते अक्षय कुमार बताते हैं,‘‘जिम जाता हूं. वर्कआउट करता हूं. हर दिन सुबह साढ़े 4 बजे सो कर उठता हूं और बीच पर टहलने निकल जाता हूं. 1 घंटे मार्शल आर्ट, किक बौक्ंिसग और शैडो बौक्ंिसग करता हूं. समय मिलने पर स्विमिंग भी करता हूं. सप्ताह में कम से कम 3 दिन बास्केटबौल खेलता हूं. मैं सिर्फ मसल्स बनाने में यकीन नहीं रखता बल्कि अपने पूरे शरीर को चुस्तदुरुस्त व तंदुरुस्त रखने में यकीन रखता हूं.’’

वे आगे कहते हैं,‘‘पर कसरत की वजह से लोगों को दूसरी तकलीफें झेलनी पड़ती है, जिस की कई वजहें होती हैं. वास्तव में ट्रेनर की सलाह लेनी चाहिए. दूसरी बात स्टेराइड चीजें या पाउडर का सेवन नहीं करना चाहिए. आप दिनभर चाहे जो खाएं, पर शाम के साढ़े 6 बजे तक वह पच जाए. घी भी खाना चाहिए. असली घी हड्डियों के लिए और जौइंट्स के लिए बहुत उपयोगी है. घी खाने के बाद कसरत नहीं करेंगे, वाकिंग नहीं होगी, मेहनत नहीं करेंगे, तो मोटापा बढ़ना स्वाभाविक है.’’

ग्रीन टी पीने पर जोर देते हुए अक्षय कहते हैं,‘‘बाहर के भोजन के बजाय घर का भोजन ज्यादा स्वादिष्ठ होता है, इसलिए मैं घर के भोजन को प्रधानता देता हूं. ग्रीन टी पीता हूं.’’

‘‘60 दिनों में बन सकते हैं 6 पैक्स’’

-अजय देवगन

अजय देवगन वर्कआउट को अपने काम का हिस्सा बताते हुए कहते हैं, ‘‘मैं हरदिन 1 घंटा 15 मिनट तक वजन उठाने की कसरत करता हूं. उस के बाद कार्डियो करता हूं. खानपान पर नियंत्रण के साथ कार्डियो व अन्य कसरत कर के कोई भी इंसान 60 दिनों में सिक्सपैक बना सकता है.’’

‘‘फिट रहने के लिए खेलना जरूरी’’

-दीपिका पादुकोण

बौलीवुड की सफलतम व हौट अदाकारा दीपिका पादुकोण कहती हैं,‘‘मैं हर दिन सुबह कसरत करने के लिए समय निकालती हूं. मैं एअरकंडीशंड रूम में बैठ कर कसरत करने में यकीन कम रखती हूं.

‘‘मैं तो हर इंसान से कहूंगी कि उन्हें स्पौर्ट्स में रुचि रखनी चाहिए. किसी न किसी खेल को खेलना चाहिए. यदि आप चाहते हैं कि आप के शरीर की हर मसल्स काम करे, तो स्पौर्ट्स से बेहतरीन कोई चीज नहीं हो सकती. यही वजह है कि मैं आज भी बैडमिंटन खेलती हूं.’’

‘‘तेजी से वजन कम करना नुकसानदायक होता है’’

-जैकलीन फर्नांडिस

श्रीलंकन ब्यूटी व बौलीवुड अदाकारा जैकलीन फर्नांडिस कहती हैं, ‘‘खुद को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम व जिम जा कर वर्कआउट करती हूं. मैं रोज सुबह 6 बजे उठ कर चाय पीती हुई अखबार पढ़ती हूं. फिर 1 घंटे घर पर ही कसरत करती हूं. जब मैं जिम जाती हूं, तो वहां वेट लिफ्टिंग पर ज्यादा ध्यान देती हूं ताकि मेरे पैर ज्यादा मजबूत बने रहें.

‘‘तेजी से वजन कम करना हमेशा नुकसानदायक होता है. वजन कम करने के बजाय हमें अपने शरीर को सुडौल बनाना चाहिए.’’

‘‘8 बजे रात के बाद भोजन नहीं करती.’’

-श्रद्धा कपूर

युवा दिलों की धड़कन श्रद्धा कपूर कहती हैं,‘‘मैं रात 8 बजे के बाद भोजन नहीं करती. मैं फाइबर व प्रोटीन युक्त भोजन ही करती हूं.’’

‘‘सुबह पानी में शहद मिला कर पीती हूं’’

-रवीना टंडन थडानी

रवीना टंडन स्विमिंग को प्रधानता देती हैं. कहती हैं, ‘‘मैं हमेशा खुद को स्वस्थ, चुस्तदुरुस्त व तंदुरुस्त रखने का प्रयास करती हूं. मैं लंबे समय तक एक ही तरह का वर्कआउट नहीं करती.

बौडी फिट रखने के लिए जुंबा डांस भी करती हूं. मुझे लगता है कि अब तक मैं हर तरह के वर्कआउट का प्रयोग कर चुकी हूं. सुबह वाकिंग करना कभी नहीं भूलती. सुबह पानी में शहद मिला कर पीती हूं. स्किपिंग करने के अलावा साइकिल चलाती हूं.’’

‘‘सुबह उठ कर 4 गिलास पानी पीती हूं.’’

-कैटरीना कैफ

कैटरीना कैफ कहती हैं,‘‘मैं हर दिन सुबह उठ कर 4 गिलास पानी पीती हूं. हर दिन जौगिंग और स्वीमिंग करती हूं. उबली सब्जी ज्यादा खाती हूं. फलों का सेवन करती हूं.’’

‘‘खानपान में अति नहीं होनी चाहिए.’’

-तमन्ना भाटिया

तमन्ना भाटिया का कहना है, ‘‘मेरा मानना है कि खानपान में अति नहीं होनी चाहिए. हम जो भी चीज ज्यादा खाएंगे, वह नुकसान करेगी. यहां तक कि ज्यादा पानी पीना भी नुकसानदेह होता है.’’

पासवर्ड जानकर भी कोई नहीं खोल पाएगा आपका फोन

स्मार्टफोन को सुरक्षित रखने के लिए आजकल हर कोई पासवर्ड या फिंगरप्रिंट लौक लगाकर रखता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार आपका पासवर्ड आपकी लापरवाही के कारण भी चोरी हो सकता है. कई बार हम अपने दोस्त या अन्य व्यक्ति के सामने अपना फोन अनलौक करते हैं तो उसे आपका पासवर्ड पता चल जाता है.

इसके बाद आपका दोस्त या दूसरा व्यक्ति आपकी निजी जानकारी को एक्सेस करने की कोशिश कर सकता है. इस स्थिति से बचने के लिए हम आपको एक ट्रिक बताने जा रहे हैं जिससे अगर कोई आपका पासवर्ड जान भी जाता है तो वो आपके फोन की जानकारी एक्सेस नहीं कर पाएगा.

एप करेगी मदद

इस काम में आपकी मदद Screen Lock- Time Password एप कर सकती है. इसके जरिए अगर आपका पासवर्ड कोई देख भी लेता है तो उसे कोई क्रैक नहीं कर पाएगा. इसका इंटरफेस काफी आसान है.

कैसे करती है काम

इसके लिए सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से आपको Screen Lock- Time Password एप डाउनलोड करनी होगी.

सबसे पहले आपको Change Security Setting पर क्लिक करना होगा. यहां से आप पासवर्ड का कोई भी पैटर्न चुन सकते हैं.

इसके बाद आपको Disable System Lock के तहत पासवर्ड के औप्शन दिए गए होंगे. यहां से आप पासवर्ड का फौर्मेट सेलेक्ट कर सकते हैं.

ध्यान रहे अगर आपने करंट टाइम सेलेक्ट किया है तो आपके मोबाइल का करंट टाइम ही आपका पासवर्ड होगा. जैसे जैसे टाइम चेंज होता रहेगा. वैसे वैसे पासवर्ड भी बदलता रहेगा.

इसके बाद आपको Enable recovery passcode पर क्लिक करना होगा. यहां आपको रिकवरी पासवर्ड एंटर करना है. अगर आप पासवर्ड भूल जाते हैं तो यह पासवर्ड काम आएगा.

इसके बाद enable lock screen पर क्लिक कर दें.

ऐसा करने से आपके फोन में लौक लग जाएगा और करंट टाइम डालकर ही उसे खोला जा सकेगा. इससे किसी को भी आपका पासवर्ड पता नहीं चलेगा.

जब इस रोल को करते वक्त रो पड़े आमिर खान..!

बौलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के तौर पर पहचाने जाने वाले अभिनेता फिल्म निर्माता आमिर खान ने एक पोस्ट के जरिए अपने उस किरदार के बारे में खुलासा किया जिसे करने में उन्हें कठनाइयों का सामना करना पड़ा. वैसे तो आमिर को मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से जाना जाता है यानी जो हर किरदार में परफेक्ट. लेकिन एक ऐसा किरदार भी है जिसे करने में आमिर को बेहद मुश्किलें हुईं.

आमिर ने गुरुवार को एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें दिख रहा है कि वह किस तरह फिल्म ‘दंगल’ के गंभीर और सिद्धांतवादी महावीर फोगट से ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ के शक्ति कुमार बन गए हैं. इसी वीडियो के जरिए उन्होंने बताया कि अपकमिंग फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में शक्ति कुमार नाम के शख्स का रंगीन किरदार उनके द्वारा पर्दे पर निभाए गए मुश्किल किरदारों में से एक है.

उन्होंने ट्वीट में लिखा, मेरी मुश्किल भूमिकाओं में से एक. वीडियो सिंगर मोनाली ठाकुर के साथ शुरू होता है, जिसमें वह कहती हैं उन्हें फिल्म में आमिर का लुक पसंद आया. मोनाली फिल्म में भूमिका निभा रही हैं. फिल्म में इंसिया की भूमिका निभा रहीं जायरा वसीम ने आमिर के किरदार पर टिप्पणी की, ‘अजीब जूते और जींस’. उनके सह कलाकार महर विज ने कहा कि अजीब दाढ़ी है.

इसी वीडियो में उनकी हेयर डिजाइनर एवन कांट्रैक्टर ने दावा किया कि आमिर का यह अंदाज लोगों को हंसा देगा और रुला भी देगा. इस तरह की भूमिका उन्होंने पहले कभी नहीं निभाई. यह बेहद जिंदादिल किरदार है. आमिर के किरदार के बारे में निर्माता और उनकी पत्नी किरण राव ने कहा, वह संगीत निर्देशक हैं, जिनका वक्त खराब चल रहा है. इस तरह का किरदार रोजाना नहीं लिखे जाते. आमिर ने कहा, “मुझे बड़ा मजा आया क्योंकि पागल किस्म का किरदार है. ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ 19 अक्टूबर को रिलीज होगी.

कबड्डी बनेगी या नहीं और अगर बनी तो कौन होगा लीड रोल में

‘‘यूटीवी’’से अलग होने के बाद रौनी स्क्रूवाला ने अपनी नई प्रोडक्शन कंपनी के तहत कई फिल्में शुरू की हैं,जिसमें से पांचवी फिल्म‘‘कबड्डी’’है. सूत्रों का दावा है कि रौनी स्क्रूवाला के लिए फिल्म ‘‘कबड्डी’’ अति महत्वाकांक्षी फिल्म है. राकेश ओमप्रकाश मेहरा के निर्देशन में बनने वाली फिल्म ‘‘कबड्डी’’में पिछले छह माह से रितिक रोशन अभिनय करने वाले थे. अब तक कहा जा रहा था कि फिल्म‘‘कबड्डी’’की शूटिंग इस वर्ष के अंत तक शुरू होगी और 2018 में यह फिल्म प्रदर्शित होगी. रितिक रोशन भी इस फिल्म को लेकर उत्साहित थे. पर अचानक खबर आयी है कि रितिक रोशन ने फिल्म ‘‘कबड्डी’’करने से साफ इंकार करते हुए ‘‘यशराज फिल्मस’’का दामन थाम लिया है.

सूत्रों की माने तो रितिक रोशन ने ‘यशराज फिल्मस’की फिल्म की शूटिंग के लिए फरवरी 2018 से अप्रैल 2018 तक की तारीखें दी है. इस फिल्म में रितिक रोशन के साथ जैकी श्राफ के बेटे टाइगर श्राफ भी होंगे. सूत्र बता रहे हैं कि उससे पहले रितिक रोशन अपने पिता राकेश रोशन के निर्देषन में फिल्म‘‘कृष 4’’की शूटिंग पूरी करना चाहते हैं.

जबकि एक अन्य सूत्र का दावा है कि रितिक रोशन को फिल्म‘‘कबड्डी’’की पटकथा पसंद नहीं आयी. मगर रौनी स्क्रूवाला के नजदीकी सूत्र का दावा है कि रितिक रोशन ने किसी अन्य वजह से रौनी स्क्रूवाला की फिल्म‘‘कबड्डी’’छोड़ी है, जिस पर वह बात नही करना चाहते. इस सूत्र के अनुसार रितिक रोशन ने इस फिल्म के लिए इस वर्ष की शुरूआत में हामी भरी थी. उसके बाद पटकथा पर काम हुआ. एक दिन रितिक रोशन ने रौनी स्क्रूवाला के पास संदेश भेजा कि उन्हें फिल्म की पटकथा पसंद नही है. जब निर्माता ने पटकथा को लेकर रितिक रोशन से विचार विमर्ष करना चाहा, तो रितिक रोशन ने बिना बात किए कह दिया कि वह ‘कबड्डी’’नही करेंगे.

बहरहाल,अब यह तय हो चुका है कि रितिक रोशन फिल्म ‘‘कबड्डी’’में नही होंगे. यूं तो फिल्म के निर्माता रौनी स्क्रूवाला और निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है. पर बौलीवुड में सवाल पूछा जाने लगा है कि अब ‘‘कबड्डी’’ बनेगी या नहीं, तो वहीं यह सवाल भी उठ रहा है कि जिस किरदार के लिए रितिक रोशन उपयुक्त हों, उस किरदार में क्या किसी अन्य कलाकार को लिया जाना ठीक होगा.

सोशल मीडिया पर फीकी पड़ती ‘मोदी भक्ती’

सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफों का दौर खत्म होता दिख रहा है. कोर हिन्दुत्व के विषयों को छोड दे तो बाकी मुद्दों पर मोदी की तारीफ कम होती जा रही है. ‘मोदी भक्ती’ का यह युग नोटबंदी के बाद से प्रभावित होने लगा. नोटबंदी के 50 दिन के बाद मोदी का वादा टूटने से जनता में विरोध का स्वर दिखने लगा. नोटबंदी के बाद जीएसटी ने जिस तरह के कारोबार को प्रभावित किया उससे मोदी के समर्थन में आने वाले संदेश कम हो गये. मोदी का प्रचार करने वाला तंत्र अब महंगाई, अस्पताल में बच्चों की मौत, रेल दुर्घटनाओं पर जवाब देने में पिछड़ने लगा. सोशल मीडिया पर केवल हिन्दू मुसलिम ही ऐसा विषय बचा है जिसके जरीये मोदी सरकार की भक्ति होती दिख रही है. यही वजह है कि मोदी की भक्ति करने वाले बारबार इन मुद्दों को ही लेकर आते है.

आज के दौर में सोशल मीडिया की ताकत को सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है. इसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लग जाता है कि नेताओं ने खुद बड़ी संख्या में सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, ट्विटर और वाटसएप पर अपने खाते बना लिये. यह बात और है कि खाते केवल दिखावा मात्र है. मोदी की जीत के बाद भाजपा ही दूसरे दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया के प्रचार को अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया. इसके बाद भी वह जनता के सवालों का जबाव नहीं देते. वह केवल अपनी प्रचार वाली बात कहते हैं. इस वजह से इसका प्रभाव कम होने लगा.

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर जब जनता ने भाजपा नेताओं के पुराने वीडियो और धरना प्रदर्शन के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किये, तो भाजपा नेता उसका जवाब देने की हालत में नहीं दिखे. अब हालत यह हो गई है कि मोदी गुणगान में उनके समर्थक हर बात पर वापस हिंदू मुसलिम में पहुंच जाते हैं. जानकार लोग कहते है कि नोटबंदी और जीएसटी को लेकर केन्द्र सरकार ने जिस तरह से काम किया उसका कोई अच्छा प्रभाव देश पर नहीं पड़ रहा. हर तरह का रोजगार प्रभावित हो रहा है. देश में बेरोजगारी और मंहगाई बढ़ रही है. केंद्र सरकार केवल आम परेशानियों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है.

यह बात अब लोगों की समझ में आने लगी है. ऐसे में लोग चाहते हैं कि देश में मंहगाई कम हो, विकास बढ़े, रोजगार उपलब्ध हों सकें. सरकार अब इस दिशा में बात करने से बचने लगी है. चुनाव के पहले जिस गुजरात मौडल की चर्चा होती थी वह अब खत्म हो गई है. केवल विरोधी ही नहीं भाजपा के समर्थक नेता भी अब भाजपा की आलोचना करने लगे हैं. यशवंत सिन्हा के ताजा बयान से भाजपा को जवाब देते नहीं बन रहा. यह बात तब है जब यशंवत सिन्हा के बेटे जंयत सिन्हा ने ही उनका विरोध कर केन्द्र सरकार का बचाव किया. इसके बाद भी लोग यशंवत सिन्हा के बयान को ज्यादा प्रभावी मान रहे हैं.

आखिर क्यों महाभारत पर फिल्म बनाने से डर रहे हैं आमिर खान?

बाहुबली की सफलता के बाद खबर आ रही थी कि राजामौली अब जल्द ही महाभारत पर फिल्म बनाने की सोच रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने अभिनेताओं की लिस्ट भी बना ली है. वहीं बौलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने ये बात लोगों के सामने कबूली थी कि अगर राजामौली महाभारत बनाते हैं, तो वे उसका हिस्सा बनना चाहेंगे.

लेकिन अब उन्होंने इस बात को लेकर एक और बयान दे दिया है. उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि वे महाभारत बनाने से डरते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे राजामौली के महाभारत प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाना चाहेंगे? तो उन्होंने जवाब में कहा कि ‘मैं ऐसा करने से डरता हूं, क्योंकि ये प्रोजेक्ट मेरे 10-15 साल ले लेगा.’ तो बात ऐसी है, आमिर खान इतना लम्बा समय किसी एक प्रोजेक्ट को नहीं देना चाहते.

ये तो सभी जानते हैं कि राजामौली अपने काम के पक्के हैं, लेकिन इसी के साथ वे अपनी फिल्मों के लिए काफी समय देते हैं. अगर वे महाभारत बनाएंगे, तो उसमें भी कई साल लग जाएंगे. लेकिन इस प्रोजेक्ट के साथ जुड़ने पर स्टार्स को जो फायदा होगा, वह उनके करियर के लिए एक अच्छा फैसला साबित हो सकता है. अब देखना ये है कि आमिर इस प्रोजेक्ट से जुड़ते हैं या नहीं.

एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी जिसे दी गई फांसी की सजा

क्रिकेट दुनिया के सबसे चर्चित खेलों में से एक है. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच की शुरुआत सन 1844 में हुई थी और ये मैच कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच खेला गया था. 140 साल से भी ज्यादा समय से खेले जा रहे इस खेल में कई रिकार्ड बने हैं और टूटे हैं. सिर्फ रिकार्ड ही नहीं, इस खेल से जुड़े कुछ तथ्य ऐसे हैं जिन पर यकीन कर पाना मुश्किल है. तो आइए आज हम आपको क्रिकेट से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताते हैं जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे.

इंजमाम के नाम अनोखा रिकार्ड

क्रिकेट के मैदान पर अपनी बल्लेबाजी की धाक जमा चुकें पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक के नाम अनोखा रिकार्ड दर्ज है. इंजमाम के नाम वनडे में अपनी पहली ही गेंद पर विकेट लेने का रिकार्ड है. उन्होनें 24 नंवबर 1991 में पाकिस्तान के फैसलाबाद में खेले गए वनडे में वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा को शिकार बनाया था.

सभी क्रम पर की बल्लेबाजी

साउथ अफ्रीका के लांस क्लूजनर, पाकिस्तान के अब्दुल रज्जाक और शोएब मलिक और श्रीलंका के हसन तिलकरत्ने चार ऐसे बल्लेबाज हैं जो वनडे में सभी 10 क्रम में बल्लेबाजी कर चुकें हैं.

एक अनोखा दर्शक

रिचर्ड स्टोक्स नामक व्यक्ति ने अपने जिंदगी में दो ही मैच स्टेडियम में देखें हैं. पहला मैच वो था जब जिम लेकर ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ ओल्ड ट्रैफोर्ड में 1956 में खेले गए सभी 10 विकेट लिए थे. 43 साल बाद उन्होनें दूसरा मैच फिरोजशाह कोटला में देखा जिसमें अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ सभी 10 विकेट लिए.

तीनों फार्मेट में जीता वर्ल्ड कप

भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने 60 , 50 और 20 ओवर के फार्मेट में वर्ल्ड कप जीता है.

इस खिलाड़ी को दी गई फांसी की सजा

वेस्टइंडीज के पूर्व खिलाड़ी लेसली हाइल्‍टन एकमात्र ऐसे टेस्ट खिलाड़ी है जिनको फांसी की सजा दी गई. उनपर अपनी पत्नी का मर्डर करने का आरोप था जिसके चलते 17 मई 1955 को उनको फांसी दी गई

एक ही दिन में टेस्ट की चारो पारी समाप्त

क्रिकेट इतिहास में ऐसा सिर्फ दो ही बार हुआ है जब एक टेस्ट मैच की चारो पारी एक ही दिन में समाप्त हो गई. पहला साल 2000 में लार्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया मैच था. दूसरा मैच साल 2011 में केपटाउन में साउथ अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था.

जन्म की तिथि और रन एक बराबर

इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज एलेक स्टीवर्ट की जन्म तिथि (8-4-63) और टेस्ट करियर में कुल रन 8,463 हैं.

हिट विकेट आउट

भारत के लाला अमरनाथ एकमात्र ऐसे गेंदबाज है जिन्होनें टेस्ट मैच के दौरान डौन ब्रैडमैन को हिट विकेट आउट किया है. 1958 में ब्रिसबेन में खेले गए टेस्ट मैच में ब्रैडमैन अमरनाथ की गेंद पर हिट विकेट हो गए थे.

जन्मदिन के दिन ली हैट्रिक

पीटर सिडल एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होनें अपने जन्मदिन वाले दिन हैट्रिक ली है. उन्होनें इंग्लैंड के खिलाफ 25 नंवबर 2010 ब्रिसबेन में खेले गए टेस्ट मैच में ये कारनामा कर दिखाया था.

टेस्ट मैच की पहली गेंद पर जड़ा छक्का

यूनिवर्स बौस के नाम से मशहूर खिलाड़ी क्रिस गेल दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होनें टेस्ट मैच की पहली ही गेंद पर छक्का जड़ा है. उन्होनें बांग्लादेश के खिलाफ 2012 में मीरपुर टेस्ट मैच में विपक्षी टीम के डेब्यू स्पिनर सोहाग गाजी के गेंद पर यह कारनामा किया था.

त्योहारी सीजन में सोने के गहने पर नहीं यहां करें निवेश

भारत में आम उपभोक्ता सोने में निवेश के जिस पारंपरिक तरीके से सबसे ज्यादा वाकिफ है वह है सोने के गहने खरीदना. लेकिन इसके इतर भी सोने में निवेश के तमाम ऐसे तरीके हैं जिनमें निवेश कर कोई भी उपभोक्ता अच्छे रिटर्न पा सकता है.

सोने में कैसे निवेश करें और किन गोल्ड स्कीम्स में निवेश करें ताकि बेहतर रिटर्न मिले इसके बारे में हम आपको यहां विस्तार से बता रहे हैं.

सोने की छड़ या सिक्के खरीदना

फिजिकल गोल्ड में निवेश करने का एक और तरीका छड़ और सिक्कों में निवेश करने का है. बैंक और ज्वेलरी शौप से आप इसे खरीद सकते हैं. आम तौर पर यह 5 ग्राम, 10 ग्राम और 50 ग्राम वजन में उपलब्ध होते हैं. इस विकल्प के जरिए अगर आप सोने में निवेश करते हैं तो आपको गहनों की तुलना में अधिक शुद्धता मिलती है. इसपर मिलने वाला रिटर्न गहनों की तुलना में इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि इसमें कोई भी मेकिंग या डिजायन का चार्ज नहीं होता है. हालांकि, जरूरत पड़ने पर भविष्य में कभी भी आप इसके गहने बनवा सकते हैं.

गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स)

गोल्ड ईटीएफ के जरिए आप गोल्ड में औनलाइन निवेश कर सकते हैं. औनलाइन गोल्ड खरीदने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है. इस माध्यम से कोई भी उपभोक्ता कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकता है. इसे खरीदने में केवल ब्रोकर और डीमैट अकाउंट के चार्जेस लगते है. जब उपभोक्ता बेचना चाहें डीमैट की मदद से ही घर बैठे बेच सकते हैं.

गोल्ड ईटीएफ में काफी लिक्विडिटी होती है और इसलिए ये उन निवेशकों के लिए अच्छे होते हैं जो शौर्ट से मीडियम टर्म के लिए के लिए निवेश करना चाहते हैं. हालांकि इसमें रिटर्न कम मिलता है क्योंकि 1% व्यय अनुपात देना पड़ता है. इसके अलावा खरीदते या बेचते समय आपको 0.5% की दर से ब्रोकरेज भी देना पड़ता है.

सौवरिन गोल्ड बांड्स

सौवरिन गोल्ड बांड्स में निवेश करना सबसे अच्छा है क्योंकि इसमें आपको 2.75% की दर से ब्याज मिलता है. हालांकि इसकी लिक्विडिटी उतनी अच्छी नहीं है. इसके अलावा यदि आप सेकेंडरी मार्केट से बांड खरीदते हैं तो आपको 0.5% की दर से ब्रोकरेज देना पड़ता है. इस स्कीम के अंतर्गत बौन्ड्स को बैंक/एनबीएफसी/पोस्ट औफिस/ नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) एजेंट्स के जरिए खरीदा या बेचा जा सकता है. भारत में गोल्ड में निवेश करने का यह एक और माध्यम है.

गोल्ड फंड्स

औनलाइन गोल्ड में निवेश करने का एक और तरीका म्युचुअल फंड्स भी है. इसमें आप न्यूनतम 1000 रुपये का भी निवेश कर सकते हैं. तमाम कंपनियां गोल्ड फंड चलाती हैं, जिनमें निवेश करके कोई भी व्यक्ति गोल्ड में औनलाइन निवेश कर सकता है.

ओपन एंड फंड होने के कारण इसमें लिक्विडिटी की समस्या नहीं आती. हालांकि गोल्ड फंड्स गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं और इसलिए गोल्ड ईटीएफ की तुलना में इसमें व्यय अनुपात 1.5% अधिक होता है.

गोल्ड बुलियन

यदि आप भौतिक रूप में गोल्ड चाहते हैं तो आपको इसका चुनाव करना चाहिए. हालांकि इन्हें खरीदते या बेचते समय ज्वेलर्स 2% कमीशन लेते हैं.

आधार नंबर के बहाने निजता पर सरकारी पहरा

पहले राजा अपने गुप्तचरों पर निर्भर रहते थे कि उन्हें अपने शासन क्षेत्र में रह रहे नागरिकों के बारे में छिपी जानकारी मिल सके. आज कंप्यूटरों ने जहां जीवन काफी सरल बना दिया है, वहीं उन्होंने गुप्तचरों की जगह भी ले ली है. कंप्यूटर के जरीए आज का राजा यानी सरकार हर नागरिक पर नजर रख सकती है. आज का तंत्र ऐसा हो गया है कि जो भी कुछ है वह कंप्यूटर के बिना नहीं रह सकता और अब सरकार ने इस विधा का लाभ उठा कर हर जानकारी इंटरनैट व कंप्यूटर से लेनी शुरू कर दी है.

कंप्यूटरों को धोखा देना आसान नहीं है, क्योंकि ये अरबों रिकौर्डों में से मतलब की जानकारी सैकंडों में जमा कर सकते हैं. आईटी क्षेत्र में नईनई तकनीकें विकसित हो रही हैं. न केवल वह जानकारी जो किसी नागरिक ने दूसरों को या सरकार को दी, बल्कि उसे भी जो उस के अपने कंप्यूटर में है, सरकार हासिल कर सकती है.

आधार नंबर पर बहस के दौरान सर्वोच्च न्यायालय आमतौर पर मान कर चला है कि सरकार के पास यह जानकारी जनहित और अच्छे शासन के लिए है चाहे उस का मनमाना उपयोग किया जाए. कहने को सरकार लगातार कहे जा रही है कि आधार के माध्यम से केवल बेईमानों, कालाबाजारियों, कर चोरों, आतंकवादियों को गिरफ्त में ले लेगी पर यह पक्का है कि अगर जानकारी जमा होगी तो हर सरकार विरोधी को कर चोर कह देना बेहद आसान है.

सरकार का आम जनता पर अंकुश अब कंप्यूटर के सहारे कई गुना बढ़ जाएगा और उसे गुप्तचरों की नहीं, टैक सेवियों की जरूरत होगी जो सरकार को हर तरह की सेवा दे सकते हों. अब हर नागरिक सरकार की निगाह में है. ऐसे में सरकार को तानाशाह बनने से कोई नहीं रोक सकता और इस के लिए सरकार को बंदूकों की भी जरूरत नहीं रहेगी, केवल कंप्यूटरों की होगी.

सरकार ने आधार नंबर को पैन से जुड़वाया है और पैन नंबर को जीएसटी से ताकि हर आर्थिक लेनदेन पर उस की नजर रहे. यह कहना गलत है कि इस से कर चोरों पर लगाम लगेगी और देश विकास की उड़ानें भरेगा. कर चोरी का, विकास से बहुत कम मतलब है. अगर देश में उत्पादकता बढ़ रही है और लोगों को नया सोचने व करने की स्वतंत्रता है तो ही विकास हो सकता है.

गांवों में कर चोरी न के बराबर होती है, क्योंकि आज भी कृषि उत्पादन पर कर नहीं है. पर क्या गांव विकास कर रहे हैं? कर चोर तो एक तरह से वहां हैं ही नहीं, फिर भी गांव वहीं के वहीं 18वीं सदी के माहौल में जी रहे हैं.

शहरों में अगर कुछ ने बड़े मकान, उद्योग बना भी लिए हैं, तो उन में 10-15% पैसा कर चोरी से लग सकता है. ज्यादातर लोग नंबर एक का लेनदेन करते हैं. और हां, रिश्वतखोर भी अपनी सफेद कमाई पर ही इतराते हैं. कर चोरी के नाम पर जनता को कंप्यूटर से बांधना असल में नागरिकों को सरकार का गुलाम बनाना है. धर्म के पहले से ही गुलाम रहे लोग अब सरकारी गुलाम भी बनने जा रहे हैं. पहले मंत्रों के वश में थे, अब कंप्यूटरों के.

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