यहां भले ही आप को पहाड़ी राज्यों की तरह ठंडी वादियां न मिलें लेकिन यहां आप को देखने के लिए प्रकृति के नए नजारे अवश्य मिलेंगे. आंध्र प्रदेश में भले ही गरमी का मौसम रहे लेकिन यहां की नदियां, हरेभरे पहाड़, घाट, प्राकृतिक व ऐतिहासिक स्थल, अभयारण्य, जलप्रपात और प्राचीन स्मारक पर्यटकों का मन मोह लेते हैं.

राज्य में खासकर हैदराबाद, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, वारंगल, तिरुपति शहरों के निकट कई पर्यटन स्थल स्थित हैं. इन शहरों के पास हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन भी मौजूद हैं. हैदराबाद सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से चलाई जा रही बसों से भी कई स्थलों की सैर कर सकते हैं. बसों के साथ पर्यटन विभाग के द्वारा बनाए गए होटल व डोरमैट्री में आप को अच्छा भोजन और शयन की सुविधा मिलेगी.

हैदराबाद का शाही अंदाज : नवाबों का शहर लखनऊ तो है ही लेकिन हैदराबाद का भी शाही अंदाज किसी से कम नहीं है. इस नवाबशाही शहर के चारमीनार, गोलकुंडा, निजाम का चौमहल्ला पैलेस और कुतुबशाही समाधियों की सृजनशील पारसी निर्माण कला को देख आप चकित रह जाएंगे. इस के अलावा हुसैन सागर, चेर्वू, रामोजी फिल्म सिटी भी यहां के रमणीक पर्यटन स्थल हैं. हैदराबाद के आसपास के इलाकों में आप शहरी और ग्रामीण जीवन दोनों का अनुभव ले सकते हैं.

हैदराबाद के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए नगर में पर्यटन विभाग की ओर से 1 या 2 दिन का पैकेज भी उपलब्ध है.

दर्शनीय स्थल 500 साल की पुरानी स्मृतियों को सहेजे 1591 में बनी चारमीनार यहां का पहला दर्शनीय स्थल है. अरब शैली में निर्मित 49 मीटर ऊंची यह मीनार एक रमणीक यादगार स्थल माना जाता है. यहां का गोलकुंडा किला देश में प्रसिद्ध बादशाही किलों में अग्रणी है. कहा जाता है कि निजाम काल का अमूल्य कोहिनूर हीरा भी यहीं मिला था. खास बात यह है कि जीपीएस वीडियो के जरिए पर्यटक सारे किलों की चरित्र गाथाओं को देख सकते हैं. किले की खास विशेषता यह है कि अगर किले के पहले राजद्वार पर अगर ताली बजाएं तो इस की आवाज 41 मीटर ऊंचाई पर बने राजदरबार तक सुनाई देती है. यह निर्माण कला का एक अद्भुत नमूना है.

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