एक नई रीसर्च ने दावा किया है कि स्मार्टफोन ऐप के प्रयोग से टाइप 2 डायबीटीज के मरीजों को अपना ध्यान रखने में काफी मदद मिलती है. पिछली स्टडी के रिव्यू से पता चला कि जो लोग ऐप का इस्तेमाल करते हैं उनके ब्लड ग्लूकोज में ऐप इस्तेमाल नहीं करने वालों के मुकाबले काफी कमी आई है. डायबीटीज मैनेजमेंट में मॉनीटरिंग और ब्लड ग्लूकोज को मैनेज करना शामिल है. इस स्टडी में टाइप 2 डायबीटीज के 1,360 मरीजों के डेटा का अध्ययन किया गया.

इस रिपोर्ट में यह भी बात कही गई है कि कम उम्र के मरीजों ने स्मार्टफोन ऐप के बारे में ज्यादा पॉजिटिव रिपोर्ट दी है. हालांकि, इस रीसर्च में टाइप 1 डायबीटीज के लिए ऐप कितने मददगार हैं, यह नहीं बताया गया है लेकिन रिसर्चर इस पर स्टडी कर रहे हैं.

इंग्लैंड की कार्डिफ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर बेन कार्टर ने बताया, ‘साल 2030 तक पूरे विश्व में डायबीटीज के मरीजों की संख्या 500 मिलियन होगी ऐसा अंदाजा लगाया जाता है. इसलिए ऐसे मरीजों के लिए सेल्फ मैनेजमेंट टूल की सख्त जरूरत है. जैसे-जैसे हम अधिक से अधिक टेक्नॉलजी का प्रयोग करने लगे हैं उसके साथ हमारी लाइफस्टाइल में भी सुधार हो रहा है. स्मार्टफोन ऐप पहले ही फिजिकल ऐक्टिविटी को मॉनिटर कर रही हैं, ऐसे में पूरे विश्व में डायबीटीज के मरीजों के लिए ऐप जैसे टूल अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सस्ते साधन हो सकते हैं.’

डायट कंट्रोल से ब्लड शुगर पर पड़ने वाले प्रभाव से यह संभव है. डायबीटीज के कई मरीजों को सही समय पर दवा लेने से शुगर लेवल कंट्रोल करने में काफी मदद मिलती है. अभी अलग-अलग प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध ऐप में मरीजों को अपना डेटा डालना होता है जिससे बाद मिले फीडबैक से वह बेहतर डायबीटीज मैनेजमेंट कर पाते हैं. ऐप से कम कीमत में इंटरएक्टिव और डायनैमिक तारीके से मरीजों को सही समय पर दवा लेने, सही भोजन, डॉक्टर से अपॉइंटमेंट और ठीक समय पर ब्लड टेस्ट जैसी बातें जानने में मदद मिलती है.

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